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उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर कविता | Uttar Pradesh Foundation Day Poem Hindi

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर कविता | Uttar Pradesh Foundation Day Poem Hindi

उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस
बुद्ध विशुद्ध हो कपिलवस्तु से लौरिया आए।
बुद्ध सिद्ध हुए, बोधगया से वैशाली हो आए।
कुशिनगर चयन कर, 'समाधि स्थली' बनाए।
उत्तर प्रदेश की महिमा गान दिल्ली भी गाए।
भुलभुलैया लखनऊ तक हम धूम कर आए।
गोरखनाथ से योगीनाथजी जनमन में छाए।
कवि निर्मल त्यक्ता सीता के बिहार में आए।
अयोध्या में मंदीर, बिहार में रामायण बनाए।
उत्तर प्रदेश बिहार की सीमा खोज नहीं पाए।
बच्चे चूस चूस कर गन्ने खा कर पतंगें उड़ाए।
डॉ. कवि कुमार

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