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राष्ट्रीय मतदाता दिवस और मतदान | Rashtriya Matdata Diwas Par Kavita

राष्ट्रीय मतदाता दिवस और मतदान | Rashtriya Matdata Diwas Par Kavita

(कविता)
“पहले मतदान, उसके बाद जलपान, देता हर समस्या का समाधान।”

“महान् भारत के हर मतदाता को मतदाता दिवस पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।”

भारतवर्ष के प्यारे मतदाता, देना ध्यान,
जब भी चुनाव आवे, सब करना मतदान राष्ट्रीय मतदाता दिवस का संदेश दे रहा,
मतदान में बसती, प्रजातंत्र की मुस्कान।
मतदाता सबसे बड़ा दाता होता देश का,
इसलिए होता है वह, सबसे बड़ा इंसान।
भारतवर्ष के मतदाता…………..

नहा धोकर, चाय पीकर हो पहले मतदान,
उसके बाद घर लौटकर करना है जलपान।
25 जनवरी का दिन, यही याद दिलाता है,
मतदान से मिलती, मतदाता को पहचान।
मतदाता भागीदार बन जाता है शासन का,
इसके हाथ में है, समस्याओं का समाधान।
भारतवर्ष के मतदाता………….

किसी भी मतदाता के घर में बैठ जाने से,
होता है लोकतंत्र का, बहुत बड़ा अपमान।
भारत जैसे देश में हर साल चुनाव रहता,
शुरू हो चुका है अब पूर्वोत्तर में घमासान।
मतदान, मतदाता का अधिकार है विशेष,
कर्तव्य बनकर, रास्तों को करता आसान।
भारतवर्ष के मतदाता ………….

यह दिवस मतदाताओं में अलख जगाता है,
अवश्य मतदान करने का सुनाता फरमान।
मतदान, राष्ट्र भक्ति की अनोखी शैली है,
जनता को देता है नए सूरज संग बिहान।
मतदाता दिवस पर, दिली शुभकामनाएं हैं,
भारतवासी करें, इस दिवस का सम्मान।
भारत के मतदाता………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

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