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सीता मैया के भजन | सीता माता की आरती Sita Mata Ki Aarti Bhajan

सीता मैया के भजन | सीता माता की आरती Sita Mata Ki Aarti Bhajan


Sita Mata Photo with Love Kush

भक्ति गीत : जगत जननी सीता माता

जय जय हे जगत नारायणी सीता माता,
झोली भर के जाता, जो तेरे दर पे आता।
तू सुकुमारी जनक दुलारी मिथिला कुमारी,
सारा संसार तेरी महिमा के गुण है गाता।
जय जय हे जगत………..

जब से महाराज जनक जी ने तुमको पाया,
जन्म जन्म का अपना हर दुःख बिसराया।
तेरे लिए भगवान राम ने शिव धनु तोड़ा,
होता वही जग में जो जब चाहता विधाता।
जय जय हे जगत………..

तुम मिथिलेश्वरी बनी अवध की महारानी,
अग्नि परीक्षा देकर लिख गई नई कहानी।
तुमने बढ़ाया नारी शक्ति का मान मर्यादा,
तेरा रास्ता जग को नया रास्ता दिखलाता।
जय जय हे जगत……………

घर घर में पूजी जानेवाली तुम ऐसी देवी,
तेरे चरणों में इंसान हर दुःख भूल जाता।
तुमने दुनिया को प्रेम का पाठ जो पढ़ाया,
कर दिया अटूट मिथिला अवध का नाता।
जय जय हे जगत………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

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