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कहानी: टूटा हुआ दिल | Tuta Hua Dil : Hindi Story

कहानी: टूटा हुआ दिल | Tuta Hua Dil : Hindi Story

टूटा हुआ दिल
सुमन, अरे ओ सुमन, न जाने कहाँ चली गयी ये अभी तो यहीं थी, कहते हुए सुमन की माँ छत पर आई, और हल्के भीगे हुए कपड़ों को उठाने लगी, आज क्या हुआ सुमन की माँ इतना क्यों चिल्ला रही सुमन को? बगल की छत से विनी भाभी ने आवाज़ दी, अरे भाभी जी अब क्या बताऊँ बारिश आने वाली है, हल्की फ़ुहार से कपड़े थोड़े भीग गए कब से सुमन को बोल रही हूँ सुनती ही नहीं, अच्छा चलती हूँ भाभी जी अभी सुमन के पिताजी आने वाले है, बाद में बात करती हूँ।

सुमन बेटा क्यों अनमनी सी है? सुमन की माँ ने पूछा, माँ आप सब जानती हो फिर भी पूछ रही हो सुमन ने कहा और रोने लगी, अरे बेटा ऐसे हिम्मत नही हारते, और हम तेरे साथ है तुझे किसी भी चीज़ की कमी नही होने देंगे, पर माँ जो हुआ उससे अब मेरा मन अच्छा नही, कहीं जाने की इच्छा नही,

नही बेटी ऐसा नही सोचते और ना ही ऐसा बोलते है, अच्छा हुआ उन लालची लोगो से बच गए हम लोग, दरवाजे से अंदर आते हुए सुमन के पिताजी ने कहा, अच्छा हुआ जो बात सिर्फ सगाई की ही थी अगर शादी हो जाती तो बेटा वो लोग तुझे पैसों के लिए बहुत परेशान करते, वैसे भी इतनी डिमांड कर दी थी जैसे लड़के का सौदा कर रहे हो, सगाई वाले दिन तो हद ही कर दी थी, सुमन की माँ हाथ मटका कर बोली। बस करो सुमन की माँ रोज रोज ये बातें करने से कोई फायदा नही उल्टा हमें और हमारी बेटी को ही दिक्कत होगी, अब देखो सुमन का मन अभी से खराब हो गया, अगर उससे किसी और रिश्ते की बात करेंगे तो वो मना कर देगी, सुमन के पिताजी ने अपनी बात को खत्म भी नही किया और, सुमन अब वहाँ से उठ कर अपने कमरे चली गयी,

खिड़की से बाहर झांकते हुए सोच रही थी कि कैसे उसने माँ पापा को उदित के लिए मनाया था, मिलने के बाद पापा ने कहा भी था कि लड़का अच्छा नही है फिर से एक बार विचार कर उदित को लेकर, पर मेरी खुशी में उन्होंने अपनी खुशी देखकर हाँ कर दी थी, पर उसे क्या पता था कि उदित और उसकी फैमिली इतनी बेज़्ज़ती करेंगे उसके माँ पापा की, उसका दिल तो टूट गया, और उसके माँ पापा जो सुननी पड़ी वो कभी भूल नही पाएगी, एक फ़ांस ज़िन्दगी भर के लिए लग चुकी थी।

अचानक ही उसका फ़ोन बजा, देखा तो उदित का फ़ोन था, सुमन ने फोन कट कर दिया, फ़ोन दोबारा बजा, उदित ने फिर से फ़ोन किया, इस बार उसने फ़ोन को रिसीव किया, और कहा क्यों फ़ोन कर रहे हो अब क्या बचा है हमारे बीच सब तो खत्म कर दिया तुमने,

मैं तुमसे बात करना चाहता हूँ, मुझे मिलना है तुमसे, उदित ने कहा,

इतना सब होने के बाद भी तुम ये कैसे सोच सकते हो उदित, सुमन ने चीख़ कर कहा।

मेरी बात एक बार सुन लो मैंने माँ पापा को मना लिया है हमारी शादी के लिए, माँ पापा की कोई डिमांड भी नही है अब, वो बिना डिमांड के शादी करने मान गए है, और वो बहुत शर्मिंदा है उस दिन के लिए, तुम्हारे माँ पापा से माफी भी मांगना चाहते है, उदित ने कहा।

सुमन ने बात को काटकर कहा,
उदित एक बात बताओ क्या तुम्हारे माँ पापा उन सभी लोगो के सामने बोल सकते है कि सागाई वाले दिन उनसे गलती हो गयी थी? माफी मांग सकते है उन सभी लोगो के सामने?
सुमन ने कहा,

सुमन तुम ये क्या बोल रही हो, इन सबसे मेरे माँ पापा की बेज़्ज़ती होगी और में ये कभी बर्दाश्त नही करूँगा चाहे कोई भी हो, उदित ने कहा

निधि अंकित जैन की फोटो कहानी: टूटा हुआ दिल
निधि अंकित जैन

उदित अब जरा ये सोचो उस दिन पापा से डिमांड को समान बताकर मांगना, और साथ मे येे बोलना कि सब आप अपनी लड़की को ही दे रहे है, उसके बाद भी थोड़े रुपयों की कमी पड़ गयी तो तुमने और तुम्हारे माँ पापा ने कितना कुछ सुनाया पापा को, उनकी कितनी बेज़्ज़ती की इतने सारे लोगो के सामने, वो खून से घूंट पी कर रह गए क्योंकि तुमको मैंने पसंद किया था, जब तुम्हारे माँ पापा का उन लोगो के सामने माफ़ी मांगना तुमको उनकी बेज़्ज़ती लगती है तो सोचो मेरे माँ पापा का क्या हाल हुआ होगा! सुमन ने उदित को भारी आवाज़ में कहा,

उदित तुम सिर्फ खुद से प्यार कर सकते हो मुझसे नही, तुम कभी नही समझ सकते मेरा दर्द, आज के बाद मुझे फ़ोन मत करना उदित मैं तुमसे कोई रिश्ता नही रखना चाहती, सुमन ने दोबारा उदित को बोलने का मौका नही दिया और फ़ोन कट कर दिया,

सुमन आज उस टूटे हुए दिल को संभाल तो लेगी पर अब वो अंदर से हल्का महसूस कर रही थी।


निधि अंकित जैन
इंदौर मध्यप्रदेश

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