आजादी केर अमृत महोत्सव : क्षेत्रीय भाषा मैथिली में कविता एवं देश भक्ति गीत
आजादी केर अमृत महोत्सव
(क्षेत्रीय भाषा मैथिली मे कविता)
आजादी केर अमृत महोत्सव आबि गेल,
खुशी से झूमि रहल छै समस्त देशवासी।
धरती आसमान सेहो नाचि रहल छै आई,
विविधता में एकता, छै अनेक भाषा भाषी।
आजादी केर अमृत………
आजादी भेटला भए गेल छै पचहत्तर साल,
कश्मीर से कन्याकुमारी धरि खाली धमाल।
देशभक्ति केर रंग मे समस्त भारत रंगल,
एखन पतनुकान लए लेलक अहि उदासी।
आजादी केर अमृत…………
देशक कोना कोना मे उमंग आओर तरंग,
दुनिया देखि कए, खूब भए रहल छै दंग।
देवी देवता सभ हृदयपूर्वक प्रसन्न भेलाह,
कि गोकुल मथुरा आओर कि पुरी काशी।
आजादी केर अमृत…………..
सफल भेल अहि घर घर तिरंगा अभियान,
सभ देशवासी के अहि बात पर अभिमान।
एकता अखंडता हेतु सभ भारतवासी एक,
निस्संदेह हम छी अलग अलग भाषाभाषी।
आजादी केर अमृत……….
ई रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित अहि। एकर सर्वाधिकार कवि कलमकार केर पास सुरक्षित थिक।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
मिथिला धाम
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