योग दिवस पर कविता - Yoga Diwas Par Kavita
योग दिवस
करते रहें योग सदा,पुष्ट रहे शरीर,
मन में उमंग हो सदा, करते रहें अभ्यास।
छत हो या घर अंगना, शुद्ध वायु पाए,
योगासन अभ्यास करो, रोगों से बच जाए।
भारत सम्मान पा रहा, बढ़ा योग जुनून,
अनुशासन में रहते, शांत जगत सोहित।
योग ऐसा विज्ञान है, वेदों से वरदान,
ऋषि गण दाता इसके, भारत की पहचान।
योग गुरु रामदेव, करते हम प्रणाम,
पतंजलि योगपीठ में, लगी सभा अनमोल।
(स्वरचित)
_____डाॅ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार
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