वीर सैनिकों के सम्मान में कविता - Veer Sainikon Ke Samman Mein Kavita
वीर सैनिक
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मां देती आशीष सदा,
पति को तिलक लगाती है,
वीर सैनिकों से भारत मां,
सदा गौरव पाती है।
देश के खातिर सदा जाग रहे
जनता को सुकून नींद सुलाने को
जब-जब दुश्मन कदम बढ़ाते
आततायी क्रूर शत्रु के
नापाक इरादों को दफन कर
वीरता की मसाल जलाते हैं।
महान सपूत देश के अजेय तुम
सरहद पर गर्व से अड़े रहे,
विघ्नों के पहाड़ प्रलयंकारी बर्षा
फर्ज तुमने पूरे किए सदैव
बलिदान होकर लाज रखी सदा
जग देखता रहा दुश्मन घुटने टेक गये
उस अचल, दृढ़संकल्पी
वैभवशाली, वीर व्रतधारी
सैनिक को नतमस्तक करें सदा
शान से, मानसे, सम्मानित करें
सुदृढ़ राष्ट्र निर्माता बना रहे जिसका तन
सलाम हर अवाम के
रुके नहीं, झुके नहीं
मां की पुकार पर
शान से बढ़े कदम।
जय हिंद जय भारत
____डा०सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार।
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