प्रकृति और मानव पर कविता Poem On Nature And Man in Hindi
प्रकृति और मानव जीवन पर कविता
विषयः उपहार
दिनांकः 10 मई, 2022
दिनः मंगलवार
प्रकृति ने दी है स्वयं बड़ा उपहार,
मानव जीवन रूपी सुंदर संसार।
अपना जीवन जैसा भी सजाओ,
बना लो पर्वत समतल या पठार।।
मानव जीवन सर्वश्रेष्ठ यह जीवन,
बना लो जैसा सुंदर सा स्वरूप।
चाहे इसे धूप हवा में ही सुखा लो,
चाहे सुखाओ चिलचिलाती धूप।।
दया दुआ निष्ठा को ही अपनाकर,
विश्व को हम सुंदर सा स्वरूप दें।
या विश्व के साथ करके घात हम,
निज जीवन को ही बदरूप दें।।
मानव का सुंदर श्रेष्ठतम जीवन,
चाहे जितना सुदर इसे सजा लें।
चाहे गरीबों का ही दोहन करके,
अपना पीठ हम स्वयं बजा लें।।
मानव जीवन यह तो है सर्वोत्तम,
इसे बना लें चाहे तो स्वर्ग या नर्क।
पुण्य कर्म से जीवन स्वर्ग बनेगा,
पाप कर्म से जीवन होगा गर्क।।
मानव जीवन जो हमें यह मिला,
प्रकृति का यह सर्वोत्तम उपहार।
हम जीवन को चार चाँद लगा दें,
चाहे जितना हम पाल लें विकार।।
जीवन हमारा जितना सुंदर होगा,
उतना ही सुंदर होगा यह संसार।
देवलोक भी देखेंगे प्रसन्नचित्त हो,
बहुत सुंदर निखरा यह उपहार।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
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