Mother's Day Par Meri Kavita : Maa Ke Charanon Mein Jannat
माँ के चरणों में मेरी जन्नत : मातृ दिवस पर विशेष कविता
माँ के चरणों में मेरी जन्नत
मेरे पास नहीं कोई धन- दौलत,
नहीं कोई जमीन, मकान,
आज मेरे पास जिन्दा मेरी माँ,
उसका प्यार व मान।
माँ के चरणों में मेरी जन्नत,
बसी है मेरी दुनियाँ जहान,
माँ ने हमें चलना सिखाया,
सिखाया हमें वास्तविक ज्ञान।
माँ बिन मेरा जग अधूरा
फीका है मेरा सम्मान,
माँ से मेरे घर की खुशियाँ,
माँ से हीं मेरा कल्याण।
इतनी सुमति देना हमें दाता,
माँ का रखूं मैं सदा ध्यान,
मिलता रहे आशीर्वाद माँ का,
माँ के कदमों में रहे मेरा प्राण।
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अरविन्द अकेला, पूर्वी रामकृष्ण नगर, पटना-27
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