Ticker

6/recent/ticker-posts

माँ दिवस पर कविता : माँ शब्द में है गौरव की गरिमा

Maa Par Kavita Poem on Mother in Hindi


maa-par-kavita-poem-on-mother-in-hindi

Happy Mothers Day Poetry in Hindi

माँ
माँ शब्द में है गौरव की गरिमा
करुणा, ममता की है मूरत
सृष्टि की निर्माता तुम ही हो
वीर प्रसूता, जग पालक तू ही,
स्त्रीत्व की संपूर्णता तुम में,
नारीत्व के गुण से संभरित,
माँ तुम बस माँ ही रहना,
माँ शब्द में ही गौरव की गरिमा

मत विकृत रूप होने देना,
ध्वनियों के स्पंदन की आहट से
अपना रूप न बिगड़ने देना,
तुम ज्ञान की प्रथम पाठशाला,
संस्कारों की हो सदा विरासत,
प्रेम की साक्षात देवी स्वरूपा,
सहनशीलता की धात्री हो,
माँ तुम बस माँ ही रहना,
माँ शब्द में है गौरव की गरिमा।

परिवर्तनशाली युग में, हे माते!
आकृति तुम्हारी बदली है,
अति शब्दों की माला से गढ़ दी
प्रेम को नया परिधान पहनाया है,
माँ देखो सब बिखर रहा है,
पीड़ित हो रहा है सारा संसार,
माँ तुम बस माँ ही रहना,
माँ शब्द में है गौरव की गरिमा।

____डा०सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार


स्वर्गीय माँ पर कविता


Poem on Mother in Hindi

Poem on Mother in Hindi | मेरी प्यारी माँ पर बेहतरीन कविताएं

मॉं
सृष्टि की पहली किरण
प्रभु की पहली सृजन
ममत्व की पहली उपज
वही हमारी करुणामई मॉं

मॉं हमारी आदिशक्ति रूपा
मॉं ही हमारी गौरी स्वरूपा
मॉं ही हमारी सीता स्वरूपा
मॉं हमारी जगत वंदनीय।

कोमल तन कृशलय काया
वेदना की धरोहर को समेटे
मुस्कुराती आगोश में समेटे
अपने अंश की धात्री सदा

हर तरू की जड़ है सदा
हर भवन की नींव है सदा
प्रेम दरिया की स्रोत है सदा
मॉं तुम को शत शत नमन।

-------डॉ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ