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माँ की ममता हिंदी कविता | माँ की ममता पर शायरी

Maa Ki Mamta Hindi Kavita | Maa Ki Mamta Par Shayari


Maa Ki Mamta Hindi Kavita | Maa Ki Mamta Par Shayari

Mothers Day Image And Shayari

माँ
माँ तेरी ममता होती बहुत असीम।
यह जगत ही अधूरा होता तेरे बिन।।

तेरे बिन ईश्वर भी हो जाते हैं अधूरे।
बिन तेरी भक्ति के भाव ही नहीं पूरे।।

सदा पुत्र रखती आँचल की छाँव में।
सदा बहती रहती माँ ममता के भाव में।।

माँ ही होती है इस सृष्टि का आधार।
विश्व है लेता जिससे बड़ा ही आकार।।

माँ बिन होता वह देवलोक भी सूना।
माँ से ही पुत्र का सीना होता चौगुना।।

माँ कभी पुत्र को नहीं देख पाती उदास।
चाहे स्वयं ही वह क्यों न कर ले उपवास।।

ममता ममता माँ की ही होती ममता।
कभी कोई इससे कर पाया नहीं समता।।

माँ की खुशियों से हर्षित होता जहान।
जीवन का सपना पूर्ण होता अरमान।।

माँ से ही मानव यह माँ से ही है मान।
माँ होती अरमान है माँ ही होती है शान।।

माँ बिन कदापि जीवन नहीं यह पूर्ण।
याद आती माँ की हौसले होते चूर्ण।।

माँ बिन लगता है जगत यह अधूरा।
माँ बिन लगता यह जीवन अपना कूड़ा।।

माँ ही तो मन है माँ ही तो होती ममता।
माँ बिन कौन सिखावे हमें विनम्रता।।

माँ ही तो मकान है माँ ही होती महान।
माँ ही अवधान है माँ बिन होता अवसान।।

माँ हो तो अरमान है माँ ही है कल्याण।
भू पाताल देवलोक में सबसे ऊँचा स्थान।।

माँ ही होती है सुबह माँ बिन होती शाम।
हे माँ तुम्हें मेरा कोटि कोटि है प्रणाम।।

अरुण दिव्यांश 9504503560
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा
बिहार

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