Maa Ka Pyar : Maa Par Kavita Poem on Mothers Day in Hindi
माँ दिवस पर कविता मां के लिए
मां
मां के प्यार सा संबल
नहीं जहां में,
दिवस हो या निशा
मां बच्चों के हर्ष हेतु
करती चिंतन मनन,
अहसास व्यथा का
तभी तक होता
यदा मां के प्रेम का
मरहम व्यथा पे लगता,
वरना दुनियां तो
बना देती दर्द का पर्याय।
मां के छांव से दूर होते ही,
जीवन से विलुप्त हो जाता
निश्छल प्रेम का अध्याय।
किंचित तबीयत नासाज होने पे,
अपार परवाह करती मां,
संपूर्ण धरा हेतु
ईश्वर का वरदान मां,
अपार अनुराग तिरोहित
मां के क्रुद्ध में,
क्या कोई करे मां पे
रचना सृजन,
हम सब मां के सृजन।
(स्वरचित)
सविता राज
मुजफ्फरपुर बिहार
माँ की ममता पर कविता हिंदी में : संतान के हयात में
माँ
संतान के हयात में
निज हयात तलाशती माँ।
तज निज स्वप्न को,
आलय में ही
निज भव तलाशती माँ।।
कर पान निज अश्रु का
संतान को हर्ष देती मां
सौंप व्यथा को, निज हयात,
संतान के हयात को
उल्लास से परिपूर्ण करती मां।।
स्वयं होकर अबला,
संतान की हिफाजत ओज बन करती मां।
संतान की अभिरक्षण हेतु
निज संपूर्ण हयात भी
तज देती मां।।
सविता राज
मुजफ्फरपुर बिहार
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