अज़ीम शायर-ए-इस्लाम हज़रत-ए-रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी का जदीद-व-मुनफ़रिद नातिया-व-ग़ज़ल या कलाम
हज़रत-ए-मुस्त़फ़ा पर करोड़़ों सलाम!
हज़रत-ए-मुस्त़फ़ा पर करोड़़ों सलाम!
अहमद-ए-मुज्तबा पर करोड़़ों सलाम!!
दिलरुबाई, मुहम्मद की, बे-मिस्ल है!!
" ख़ूबरू दिलरुबा " पर करोड़़ों सलाम!!
उन की तारीफ़, मुमकिन नहीं, रामदास!!
" मुस्त़फ़ा की अदा " पर करोड़़ों सलाम!!
" जाम-ए-जमशेद " क्या?, " मौजा-ए-बादा " क्या?!
" जाम-ए-इरफ़ाँ-नुमा " पर करोड़़ों सलाम!!
बेकसों के लिए है जो, मुश्किल-कुशा!
वैसे मुश्किल-कुशा पर करोड़़ों सलाम!!
बस " बेलाली-अज़ाँ "सुन के जागे है शहर!!
हाँ!, " बेलाली-सदा " पर करोड़़ों सलाम!!
" आप "से रिश्ता-नाता रखे है " वली "!!
" इश्क़ के वास्ता " पर करोड़़ों सलाम!!
जाग जाए है, ख़्वाबीदा ज़ेह्न-व-जिगर!!
हाँ!, " बेलाली-अज़ाँ/ बेलाली-सदा " पर करोड़़ों सलाम!!
" आप के आश्ना " हैं " करोड़़ों वली "!!
" आप के आश्ना " पर करोड़़ों सलाम!!
था " महीवाल " के वास्ते वह " घड़़ा "!!
" सोहनी के घड़़ा " पर करोड़़ों सलाम!!
" प्यार/प्रेम का सिलसिला " तो पुराना है, " राम "!
" इश्क़ के सिलसिला " पर करोड़़ों सलाम!!
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नोट :- इस त़वील मन्ज़ूम तख़्लीक़ के दीगर शेर-व-सुख़न आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
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रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी, डॉक्टर जावेद अशरफ़ क़ैस फ़ैज़ अकबराबादी बिल्डिंग्, ख़दीजा नरसिंग, राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया!
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