तक़रीर-व-तह़रीर | Islamic Taqreer In Hindi Written
इस्लामी तकरीर हिंदी में : हैं Islamic Taqreer In Hindi Written
रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी कहते हैं۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
ये हिकमत और दानायी की किताब की बातें हैं!!
1.क्या ?, दुनिया के लोगों को हैरत हुई, कि मैं(ख़ुदा) ने उन ही में से, एक विशेष आदमी को हुक्म भेजा, कि, सब लोगों को डरा- सुना दो, और " दीन-व-ईमान वालों " को ख़ुश्ख़ब्री दे दो, कि, उन के पर्वरदिगार के वहाँ, उन का एक ख़ास दरजा-व-मर्तबा है!
कुछ लोग, ऐसे आदमी ( पैग़ामबर) को, एक जादूगर, और एक शायर ही समझते हैं!!
2.तुम्हारा पर्वरदिगार तो ख़ुदा ही है, जिस ने, छे ही दिनों में, धरती-आकाश बना दिए!!
और वो( ख़ुदा) " तख़्त-ए-शाही ( अर्शे-मुअल्ला) " पर बिराजमान हुआ!!
वही( ख़ुदा) हर एक काम का इन्तेज़ाम करता है!!
कोई शख़्स, उस( ख़ुदा) की इजाज़त हासिल किए बिना, किसी की सिफ़ारिश नहीं कर सकता!!
वही ख़ुदा, तुम्हारा पर्वरदिगार है, तो, तुम उसी की इबादत करो!!
अब भी, तुम लोग " ग़ौर-व-फ़िक्र " क्यों नहीं करते!?!
3.उसी ख़ुदा के पास, तुम सब को, लौट कर जाना है!!
ख़ुदा का फ़रमाना बिल्कुल दुरुस्त है!
वही( ख़ुदा) " ख़ल्क़त " को पहली बार पैदा करता है, फिर, वही( ख़ुदा ), उस( ख़ल्क़) को, दोबारा पैदा करेगा, ताकि, दीन-व-ईमान वालों और नेक काम करने वालों को, इन्साफ़ के साथ, " जज़ा( अच्छा बदला) दे सके!!
और जो " काफ़िर ", जाबिर, वग़ैरा हैं, उन के लिए पीने को " बहुत गर्म पानी " और " दर्द देने वाला अज़ाब-व-अताब-व-क़ह्र नाज़िल होगा!!
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इस त़वील तक़रीर-व-तह़रीर का बाक़ी हिस्सा, आइंदा फिर कभी पेश किया जायेगा, इन्शा-अल्लाह!
2 टिप्पणियाँ
Jjj
जवाब देंहटाएंAvhydcj
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