Parshuram Jayanti Poem in Hindi परशुराम जयंती पर कविता
आप सभी को अक्षय तृतीया एवं भगवान परशुरामजी जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं..
कविता
भगवान परशुराम
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वैशाख शुक्लपक्ष तृतीया, सफल हुई कामना,
दिव्य श्रेष्ठ धनुर्धर श्रीपरशुराम का जन्म हुआ।
धन्य हो गया इंदौर जिला, ग्राम मानपुर हर्षाया,
जानापाव पर्वत पर खुशनुमा एहसास हुआ।।
भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि ने पूजा सम्पन्न करवाई,
देवराज इन्द्र की वरदानी महिमा सबके मन भाई।
सुन किलकारी, मातु रेणुका मन ही मन हर्षाई,
मंगल गीतों की, घर-आंगन बज उठी शहनाई।।
मात-पिता के आज्ञापालक, शस्त्र विधा के ज्ञाता,
एकादश छंदयुक्त"शिव स्तोत्र" की महिमा प्यारी।
नारी जाग्रति के पक्षधर सफल अभियान चलाया,
विष्णुके छठे अवतार चिरंजीव तेरी लीला न्यारी।।
बाल्यअवस्था में ही, पशु पक्षियों की भाषा जानी,
भीष्म, द्रोण, कर्ण, में भी शिक्षा की ज्योति जलाई।
पृथ्वी पर प्रकृति प्रेमी की अनुपम पहचान कराई,
खूंखार-कनैले उन पशुओं ने भी मित्रता निभाई।।
सकल सृष्टि के हितकारी भृगु नंदन की जय हो,
नारायण त्रैलोक्य विजयकवच वाले तेरी जय हो।
ब्रह्मर्षि कश्यप से वैष्णव मंत्र धारी तेरी जय हो,
भोलेशंकर से विध्या प्राप्त, परशुराम की जय हो।।
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी, दौसा(राज.)
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