Symptoms and Prevention of Heart Attack Poetry in Hindi
हार्ट अटैक के लक्षण और बचाव पर कविता
हृदयघात के लक्षण
स्पंदन हो मंद-मंद और,
स्थिति चित की हो गंभीर!
उर में पीर असहनीय उठता,
रुकता नहीं नयन की नीर!!
वमन बेचैनी बहे पसीना,
चक्कर से चकराये सिर!
मूक बाधिर सा हो जाता मुख,
मानों लगें लगा हो तीर!!
नब्ज़ श्वास से हटे नियंत्रण,
धरती पर तन जाता गिर!!
हृदयघात लक्षण परिलक्षित,
हैं ये मामला अतिगंभीर!!
हृदयघात से बचाव के उपाय
चित सीधा कर नब्ज टटोले,
वायु मार्ग को झट से खोले!
श्वसन तंत्र अवरुद्ध हुआ तो,
ईएमएस कॉल करन को बोले!!
कंधे के समानांतर जाके,
खुद घुटनों के बल हो जाके!
सीना मध्य विक्टिम पर सीधे,
दोनों हाथ का टेक लगाके!!
तीस बार संपीड़न करना,
नाक बंद मुख हवा हैं भरना!
तीस दो का अनुपात मिलाकर,
पाँच बार क्रम को दुहराकर!!
फिर से ग्रीवा नाड़ी टकटोले,
विक्टिम को ऐसे न छोड़े!
एम्बुलेंस में जब तुम जाना,
इसी क्रिया क्रम को दुहराना!!
हृदयरोग के विशेषज्ञ तक,
उस विक्टिम को हैं पहुँचाना!
जैविक मृत्यु में न जायेगा,
संभव हैं वो बच पायेगा!!
यह प्रयास रंगत लायेगी,
खोई खुशियां लौट आयेगी!
हृदयघात के इस आधात से,
फसी जिंदगी बच जायेगी!!
स्वरचित, मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित..
चंद्रगुप्त नाथ तिवारी
संपर्क संख्या- 9470638637
सुंदरपुर बरजा, आरा(भोजपुर) बिहार
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