Poetry on Waqt in Hindi Waqt Ko Hum Waqt Kya Denge
वक्त पर हिंदी कविता : वक़्त को हम वक़्त क्या देंगे
वक़्त
वक़्त को हम वक़्त क्या देंगे
वक़्त तो स्वयं रचनाकार है
कदम पर कदम न रख सकें
क्यों? विधि का विधान है
विभिन्न परिस्थितियों में पड़ी
कर्मो की लेखनी की स्याही
आगे चलने से पहले पथिक
उत्साह पथ पहचान लो
कांटे होंगे या फूल बिछेहोंगे
राह तेरी सब अनजान होगी
श्रम की बूंदों से सींचती धार
जल प्रपात की उछाल होगी
हे कौन्तेय गांडीव उठा लेना
माघव सदा तुम्हारे साथ हैं।
-डॉ० सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार
0 टिप्पणियाँ