सारी सृष्टि मानव तेरे लिए है : प्रेरणादायक कविता Motivational Poem In Hindi
जल, थल, नभ, वायु, प्रकृति
वनस्पति
सब कुछ मानव तेरे लिए है
पशु, पक्षी, कीट-पतंगे जीव जन्तु
हर रूप मानव तेरे सहयोग लिए है
जड़, चेतन, गुफा, कंदरा
पाहन-पत्थर
सब मानव तेरे उपयोग के लिए है
सागर, कुंआ, ताल-तलैया
कल-कल नदियां झर-झर झरना
सब कुछ मानव तेरे जीवन को गतिमान करने के लिए है
फल-फूल, बीज, वृक्ष और पत्ते
सब कुछ मानव तेरे भोजन के लिए है
ईंट, बालू, रेत, पहाड़, ग्लेशियर
सब कुछ मानव तेरे उपयोग के लिए है
अरे मानव तू इनका भरपूर उपयोग कर
पर इनको नष्ट-विनष्ट विध्वंस ना कर
अरे मानव जन्म और मृत्यु के बीच का जीवन
तू प्रेम-प्रीत और खुशी से जी ले
मृत्यु तो अवश्यंभावी है
तू उसके लिए विस्फोटक और मिसाइलें ना बना
मानव बन दानव ना बन
मार-काट, आगजनी, लूट खसोट ना कर
मानव का तन पाकर स्वयं को पहचान
कौन है तू, कहां से आया, कहां चला जायेगा
जिसने ये सृष्टि बनाई और जिससे तेरा अस्तित्व है
बस उस परमात्मा से रिश्ता जोड़
निभा अपने सभी कर्म-कर्तव्य-जिम्मेदारी
मानव तन पर गर्व कर पर अभिमान ना कर
अपने मानव रूप को सार्थक कर ले
सखी दुर्लभ मानव तन को सफल कर ले
मानव तन पाने को देवता भी तरसें
इस मानव तन से तू अंनत को पा ले
सुमित्रा गुप्ता सखी
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