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महाराष्ट्र पर कविता Poem On Maharashtra महाराष्ट्र दिवस पर कविता

महाराष्ट्र दिवस पर कविता Poem On Maharashtra Day In Hindi

मैं महाराष्ट्र निवासी
आज अपने महाराष्ट्र राज्य कि
गाथा गाके मैं सुनाती हूं।।
मैं महाराष्ट्र कि निवासी गर्व से
भर सीना चौड़ा कर जाती हूं।।

वीर शिवाजी कि ये पावन धरती
अहिल्या हौलकर कि बात बताती हूं
वीर सपूतों के के महान किस्सों को
मैं अपनी कलम में भर सजाती हूं।।

मैं महाराष्ट्र कि निवासी गर्व से
भर सीना चौड़ा कर जाती हूं।।2।।

बाबा अम्बेडकर के पद् चिन्हों पर चल
उनकी तरह बनने का प्रयास मैं कर जाती हूं।।
बुद्ध विहार जहां माथा टेक बुद्ध चरणों में
आशिष पाकर झोली मैं भर जाती हूं।।

मैं महाराष्ट्र कि निवासी गर्व से
भर सीना चौड़ा कर जाती हूं।।2।।

महाराष्ट्र के नागपुर कि वासी कहलाती
यही महान दीक्षा भूमि मैं पाती हूं।।
बाबा जी के जन्मदिवस पर अनेकों
अनुयाईयों को दीक्षा यहां से लेते पाती हूं।।

मैं महाराष्ट्र कि निवासी गर्व से
भर सीना चौड़ा कर जाती हूं।।2।।

नागनदी के उद्गम से ही नागपुर का नाम
पड़ा, यही तो मैं समझाती हूं।।
महाराष्ट्र सावजी खाने की मैं हूं दीवानी
जिसे चहका ले लेकर मैं खूब खाती हूं।।

मैं महाराष्ट्र कि निवासी गर्व से
भर सीना चौड़ा कर जाती हूं।।2।।

गडकरी, फडण्वीस जैसे काबिल नेता
महाराष्ट्र के शान मैं बताती हूं।।
फ्लाईओवर कि भरमार की तरह ही
अवल दर्जे का राज्य महाराष्ट्र ही चाहती हूं।।

मैं महाराष्ट्र कि निवासी गर्व से
भर सीना चौड़ा कर जाती हूं।।2।।

वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र

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