एक कप चाय की प्याली Ek Cup Chai Ki Pyali Short Story In Hindi
एक कप चाय की प्याली
एक कप चाय की प्याली के साथ क्या पाया क्या खोया जीवन मे बड़ी मार्मिक चर्चा कर के अम्मा बाउजी के चेहरे खिल गए जैसे गुलाब पर घर मे एक नासमझ स्त्री का चयन छोटे बेटे दिनेश के लिए करने का अफसोस साफ दिखाई दे रहा था मुखमंडल पर दोनों के।यह सब अपने कमरे से रमेश देख सुन थोड़ा दुखी हुआ पर आकर बाउजी अम्मा से बोल पड़ा चिंता मत करो आप खुश रहा करो मैं और मेरी पत्नी बच्चे हम समझौता कर लेंगे पर परिवार बिखरने नही देंगे, दिनेश भी कितना दुखी रहता है अपनी पत्नी से हम उसका दुख और नही बढ़ाएंगे, एक न एक दिन शायद उसकी पत्नी को परिवार और उसकी कीमत समझ आ जाये शायद, हम उसके चलते अपने भाई को आप लोगो को अकेला तो छोड़ नही सकते।बड़े बेटे रमेश के मुंह से ऐसे वचन सुन एक बार फिर से अम्मा बाउजी के चेहरे गुलाब की तरह खिल उठे।एक कप चाय की प्याली पर सवाल तो रोज खड़े होते थे चाय छोटी बनाएगी या बड़ी पर जबाब रमेश ने दे दिया, उन्हें लगा चर्चा सार्थक हुई एक कप चाय की प्याली पर!!
आनंद पाण्डेय"केवल"
Read More और पढ़ें:
0 टिप्पणियाँ