छत्तीसगढ़ राज्य अपन प्राकृतिक सौंदर्य अउ जुन्ना परंपरा छत्तीसगढ़ के प्राचीन नाम दक्षिण कौशल रहीस
छत्तीसगढ़ राज्य | Important information of Chhattisgarh State
हमर छत्तीसगढ़ राज्य हर मध्य प्रदेश राज्य ले अलग होके देश के छब्बीसवां राज्य के तौर म अस्तित्व में आईस। छत्तीसगढ़ राज्य अपन प्राकृतिक सौंदर्य अउ जुन्ना परंपरा के कारन देश म आकर्षण के केंद्र बने रथे।
छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम क्या है | छत्तीसगढ़ राज्य को किस नाम से जाना जाता है
इतिहास के अनुसार छत्तीसगढ़ के प्राचीन नाम दक्षिण कौशल रहीस। रामायण औ महाभारत दोनों म वर्णन करे गे हे। समय के साथ साथ ईहां हिंदू साम्राज्य मन राज करीन औ बहुत से मंदिर बनवाईंन। छत्तीसगढ़ राज्य के राजधानी रायपुर हे। ये राज्य म कुल बत्तीस जिला हावय। छत्तीसगढ़ राज्य के एकभांवर सात राज्य हावय। उत्तर म उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्व म झारखंड, पूर्व म उड़ीसा, दक्षिण म आंध्र प्रदेश तेलंगाना, पश्चिम म महाराष्ट्र, मध्य म मध्य प्रदेश हावय। ईहां के जनसंख्या लगभग चार करोड़ नब्बे लाख हावय। आदिवासी मूल के मन के संख्या सबले जादा हे। हमर भारत देश के सोलहवां सबले जादा आबादी बाला राज्य ये। राज्य म लगभग अस्सी प्रतिशत आबादी गांव म रथे। थोरकुन बीस प्रतिशत आबादी शहर म रथें।
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा भी कहा जाता है
ये राज्य संसाधन संपन्न राज्य ये जो देश भर म बिजली इस्पात के भारी श्रोत आय। देश के पंद्रह प्रतिशत स्टील के निर्माण हमर राज्य म होवथे। भारत म फसल उत्पादन म घलो आगू हे। छत्तीसगढ़ ल धान के कटोरा नाव ले जाने जाथे।
छत्तीसगढ़ की विशेषताएं
छत्तीसगढ़ राज्य ह भारत के भरे पूरे समृद्ध राज्य ये। छत्तीसगढ़ राज्य के कोयला उत्पादन ह देश म दूसर नंबर के बड़े राज्य बन चुके हे।छत्तीसगढ़ के भुइयां म कतको वीर ,महापुरुष औ संत महात्मा मन जनम लीन। गिरौदपुरी म जनम लेवईया संत गुरु घासी दास बबा ह मनखे मनखे एक समान के संदेश देके सतमार्ग के रद्दा दिखाइन। वीर नारायण सिंह ह अंग्रेज मन संग भीड़ के हमर देश के खातिर शाहिद हो गिन। हमर छत्तीसगढ़ राज्य के किसान भुइयां के भगवान मन के फसल बर पानी के बेवस्था कारोइया, समाजसेविका, प्रथम महिला सांसद मिनी माता ल तो सब जानतेच हन।
स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ का स्थान
स्वतंत्रता आंदोलन सेनानी, समाजसेवक पंडित सुंदरलाल शर्मा जेनला छत्तीसगढ़ के गांधी कहे जाथे। सरगुजा डहर ले समाजेविका पद्मश्री राजमोहनी देवी आदिवासी महिला मन ल संगठित कारोईया औ स्वामी आत्मानंद जैसे अनेकों संत महात्मा मन पूरा देश म जाने जाथें।
छत्तीसगढ़ राज्य के पहनावा, गहने एवं संस्कृति
हमर छत्तीसगढ़ राज्य के पहनावा के बारे में बताना चाहूं पुरुष मन के धोती कुर्ता ओ माई लोगन मन के लुगरा। छत्तीसगढ़ के गहना के का कहना कान के करंज फूल, मांग में मांग मोती, नाक के गुना फूली, घेंच म तिलरी, सुतिया, हरवा, कंठारा त भूंजा म नांगमोरी, हाथ म कड़ा ककनी औ बनुरिया त अंग्ठी म किसिम किसिम के मुंदरी। कनिहा म करधनी औ गोढ़ म तोड़ा, लच्छा, पैजनिया औ बिछिया। ये सब गहना मन ल पहिरे ले सुंदर दिखे के संगे संग कई बीमारी ल बचाथे। हमर छत्तीसगढ़ के रोटी बासी औ चटनी के बाते जाय देवा। अंगाकर, चीला, फरा, सोहारी, खुरमी, ठेठरी, अइरसा, बोबरा औ गुलगुला के तो नाम लेहे ल मुंहु म पानी आ जथे।
हमर छत्तीसगढ के लोगन मन सोझवा होंथे। एक दुसर के सुख दुःख म काम आथें। इंहा के नदिया नरवा, जंगल झाड़ी, मेला ठेला, गाना बजाना, नाचा कूदा बोली भाखा के दुनिया भर म अलग पहचान हे।हमर छत्तीसगढ म अतका गुन औ जानकारी भरे हे कि बतावत हमर उमर खिया जाहि।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी के मैं चरन छू के प्रनाम कारथौ।
आप सबो ल जय जोहार।
श्रीमती गीता देवी हिमधर
राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता
शा उ मा वि फरसवानी
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