छत्तीसगढ़ राज्य कब अस्तित्व में आया | छत्तीसगढ़ का इतिहास
"हमर छत्तीसगढ़"
हमर छत्तीसगढ़ राज के गठन 1 नवंबर सन 2000 म होय रहिस। आज छत्तीसगढ़ के स्थापना ल अक्काईस बरस पुर गे।
पहिली छत्तीसगढ़ के राजधानी बेलासपुर के धरी शहर रतनपुर रहिस। छत्तीसगढ़ के इतिहास हर अब्बड़ जुन्ना ए। एला हर जुग म अलगे-अलग नाव ले जाने जात रहिस। रमायन काल म छत्तीसगढ़ ल दक्षिन कोसल अऊ बस्तर ल दंडकारण्य के नाव ले जाने जात रहिस।
महाभारत काल म एला प्राक्कोसल अऊ कोसल के नाव ले जाने जात रहिस। महाजनपद काल म कोसल, महाजनपद के नाव ले जाने गिस। बुद्ध गरंथ अवदान शतक म एखर नाव दक्षिन कोसल मिलथे।
छत्तीसगढ़ राज्य का नाम छत्तीसगढ़ क्यों पड़ा | क्यों कहा जाता है छत्तीसगढ़
कलचुरी शासन काल म छत्तीसगढ़ हर 36 गढ़ म बँटे रहिस। ओ समे गढ़ जादा मायने रखत रहिस। छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ के बँटवारा दु भाग म होइस, जेमा शिवनाथ नदिया के उत्तर म रतनपुर के 18 गढ़ अऊ दक्षिन म रयपुर के 18 गढ़ रहिस।
रतनपुर के 18 गढ़ के नाम
रतनपुर के 18 गढ़ के नाव हे- 1.रतनपुर, 2.मारो, 3.विजयपुर 4.खरौद 5.कोटगढ़ 6.नवागढ़ 7.सोढ़ी 8.औखर 9.पंडरभाठा 10.सेमरिया 11.मदनपुर 12.कोसगई(छुरी) 13.लाफागढ़ 14.केंदा 15.उपरोड़ा 16.मातिन 17.कन्डरी (पेन्डरा) 18.करकट्टी (अब बघेलखंड)
रायपुर के अट्ठारा गढ़ के नाम
रायपुर के अट्ठारा गढ़ हे- 1.रायपुर 2.पाटन 3.सिमगा 4.सिंगारपुर 5.लवन 6.अमोरा 7.दुर्ग 8.सरदा(सारधा) 9.सिरसा 10.मोहदी 11.खलारी 12.सिरपुर 13.फिंगेसर 14.राजिम 15.सिंघनगढ़ 16.सुअरमार 17.टेंगनागढ़ 18.एकलवार (अकलतरा)।
छत्तीसगढ़ की मुख्य फसलें
छत्तीसगढ़ म परमुख रूप से धान के खेती किए जाथे। छत्तीसगढ़ के जम्मो भाग म धान के अब्बड़ उपज होथे अऊ एकरे सेती एला धान के कटोरा घलो कथें।
छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति रीति रिवाज
छत्तीसगढ़ हर अपन आप म एक समरिध राज ए। इहाँ के लोककला-संसकिरिति, तीज-तिहार, लोक गीत- लोक निरित्य,हाना जम्मो लुभावन अऊ मनमोहक हे। जेकर सेती ए हर पूरा देस म परसिद्ध हे। इहाँ के लोक कला अऊ संसकिरिति के बखान पूरा देस करथे। छत्तीसगढ़ के भुइयाँ म आके लोगन मन गरब महसूस करथें।
भारत भर म जतका राज हे, ओ सब म छत्तीसगढ़ हर अइसे राज ए जेला महतारी के दरजा मिले हे, जेखर ले छत्तीसगढ़ महतारी कहाथे। इहाँ के जम्मो रहवइय्या मन छत्तीसगढ़ महतारी के दुलौरिन-दुलरवा ए। छत्तीसगढ़ के भुइयाँ म आय आन राज के मनखे मन ल घलो ओतके मान मिलथे, जेतका इहाँ के निवासी मन ल मिलथे। इहाँ के मीठ बोली-भाखा अऊ बेवहार ल देख के इहाँ आय आन राज के मनखे मन घलो इहाँ बस जाथे।
अतका सुघ्घर हमर छत्तीसगढ़ हे!
आप सबो झन ल जय जोहार!!
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के बधाई अऊ शुभकामना!!!
-द्रौपदी साहू
छुरी कला, कोरबा, छत्तीसगढ़
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