नाते रसूल पाक Naate Rasool Pak
खूबसूरत नाते पाक Khoobsurat Naate Pak
नाते पाक
आती है याद आपकी बस हर घड़ी मुझे।
बुलवाइये मदीने में अब या नबी मुझे।
बुलवाइये मदीने में अब या नबी मुझे।
मिल जाए मुझको देखने दरबार आपका।
तड़पाती है ह़ुज़ूर यही बेकली मुझे।
बीमार दिल की मेरे यही आर्ज़ू है अब।
मिल जाए उनके दर की ज़रा ख़ाक ही मुझे।
बच्चों की नाते पाक
मालिक हो दो जहान के बिस्तर चटाई का।
आई पसंद आपकी यह सादगी मुझे।
आई पसंद आपकी यह सादगी मुझे।
नज़रे करम जो आपकी हो जाए बा ख़ुदा।
हो जाये फिर ज़माने की ह़ासिल ख़ुशी मुझे।
जिस जा नज़र उठाई मदीने में दोस्तो।
रह़मत की नज़र आई है बरसात ही मुझे।
दुश्मन के वास्ते भी दुआ़ की है आपने।
अच्छी लगी ये आपकी दरिया दिली मुझे।
होता है रश्क अपने मुक़द्दर पे ऐ फ़राज़।
ख़ुश हूँ मैं उनके दर की ग़ुलामी मिली मुझे।
सरफ़राज़ हुसैन फराज़ पीपलसाना मुरादाबाद यू.पी.
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