Ticker

6/recent/ticker-posts

जितिया गीत | जितवाहन महाराज जी की आराधना Jitiya Song Bhajan Aarti Lyrics

जीवित्पुत्रिका व्रत भजन,आरती, जितिया गीत : जितिया पाबैन महान् सखिया

गीत : जितिया पाबैन महान् सखिया
छै मिथिला में जितिया पबैन, बहुत महान् सखिया,
माछ मदुआ स शुरू, चारि चरणक विधि विधान सखिया।
प्रथम चरण खेनाई व्रती केर माछ और मरुआ रोटी,
शाकाहारी नारी लेल झुमनी तरकारी, नोनी साग सखिया।
सभ स भारी थिक जितिया पाबैन केर उपवास निर्जला,
अहि पबैन केर छै ई, सभ स पुरान पहचान सखिया।
छै मिथिला मे……
दोसर चरण में नहाए खाए, विधि विधान पूर्ण होईत छै,
सभ माए केर कामना इएह, खुश रहे हमर संतान सखिया।
सखी ई पाबैन दुनिया में, सभ पाबैन स अलग होइत अहि, अहि पाबैन केर दोसर पबनी स, नहि मिलान सखिया।
तेसर चरण में भोरे भोरे ओठगन केर रहैत अहि तैयारी,
अन्हारे अनहारे चूड़ा, दही, चीनी, अंचार, मिष्ठान सखिया।
छै मिथिला मे……
ताहि पश्चात चौबीस घंटा केर निर्जला उपवास प्रारंभ छै,
ने मुंह में जल, ने फल, ने स्नान आओर जलपान सखिया।
अहि व्रत मे धीया पुता केर सभ स बेसी आनन्द अबैत छैक,
ओठगन स पारण धरि रहे छै खेनाई पर ध्यान सखिया।
अहि साल पारन पर जेना खतरा लागी रहल अहि किछु,
पंडित सभ के पास छै, अहि समस्या केर समाधान 
सखिया।
छै मिथिला मे……
चारिम चरण पारण होइए, अहि महान् पाबैन जितिया के,
भोजन में दालि भात,तरुआ तरकारी, पकवान सखिया।
ओठगन भांति बच्चा सभ केर नयनक नींद फेर स छू मंतर,
मन में उमंग बड़, जल्दी स होइत कोना बिहान सखिया।
जितवाहन पूजा संगे, भाए जाइए समाप्ति अहि पाबैन केर,
व्रती सभ के तन में थकान, मुदा मन में मुस्कान सखिया।
छै मिथिला मे……
हम प्रमाणित करैत छी जे ई रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित अहि। एकर सर्वाधिकार कवि/कलमकार केर पास सुरक्षित थिक।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
मिथिलांचल/मिथिला धाम,
जयनगर (मधुबनी) बिहार

जितिया व्रत गीत | Jitiya Barat Geet : माई करेली जिउतिया बरतिया

माई करेली जिउतिया बरतिया
माई करेली जिउतिया बरतिया,
करीं परनाम उनका के।
जगली हमरे खातिर सारी रतिया
करीं परनाम उनका के।।

दुई दिन से घरवा मे होता तैयारी
काहे की बरत ई कठिन आ भारी
सरगहि खियावेली परतिया
करीं परनाम उनका के।
माई करेली जिउतिया बरतिया
करीं परनाम उनका के।।१।।

पुरखा पुरनिया के आसरा पुरावेली
नीमन पकवान पहिला दिने बनावेली
चिल्हो सियारिन के देली उ पतिया
करीं परनाम उनका के।
माई करेली जिउतिया बरतिया
करीं परनाम उनका के।।२।।

कुश बरियार सब हम लेके अइनी
कथा सुने खातिर पंडिजी बोलइनी
माई गावे जीउत बंधन के अरतिया
करीं परनाम उनका के।
माई करेली जिउतिया बरतिया
करीं परनाम उनका के।।३।।
सभी माताओं को जिउतपुत्रिका व्रत (जिउतिया) की शुभकामनाएँ
शैलेन्द्र सरगम

जितिया के गीत जितिया पावन Jivitputrika Vrat Bhajan and Aarti

जितिया के भजन : सुनियौ पुकार यौ जितवाहन

सुनियौ पुकार यौ जितवाहन
सुनियौ पुकार यौ जितवाहन।
बुझियौ नहि हमरा आन।।
हम छी दुखिया, सब स ठुकरायल।
लोक रीति स, रहैत छी घबरायल।।
कनि ध्यान हमरा पर दियौ
धिया-पूता के निरोगी काया रखियौ
सुनियौ पुकार यौ जितवाहन।
बुझियौ नहि हमरा आन।।
विपदा के भंवर में फसल छी
अपन दशा देखि कानि रहल छी
जिनगी हमर पहाड़ अछि बनल
मुरझा गेल अछि ठौड़ कमल
सुनियौ पुकार यौ जितवाहन।
बुझियौ नहि हमरा आन।।
सूखल मरूआक सोहारी खा उपास केने छी
आहां स नीक दिनक आस लगेने छी
दिन-राति आहांक नाम जपैत छी
मगन भै आहांक दर मिनती गवैत छी
सुनियौ पुकार यौ जितवाहन।
बुझियौ नहि हमरा आन।।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित

जितवाहन महाराज जी के आराधना भक्ति भजन आरती

जय जितवाहन, जय जितवाहन, जय जितवाहन
करैत छी आहांक आवाहन।
आहां छी दुखहर्ता स्वामी,
आहां छी आयुदाता स्वामी।
जय जितवाहन,जय जितवाहन,जय जितवाहन
करैत छी आहांक आवाहन।
ठांव-पीढी क बाट तकैत छी,
गंगा-जमुना स भरि कमंडल रखैत छी।
दही-चूड़ा के औरियान केने छी,
मधुर, फल, पान, सुपारी सेहो मंगा लेने छी।
जय जितवाहन, जय जितवाहन, जय जितवाहन
करैत छी आहांक आवाहन।
केरा पात पर भोग लगवैत छी,
धूप, दीप आहां के देखबैत छी,
झूमि-झूमि आरती उतारैत छी,
कर जोरि आहांक मिनती गवैत छी,
जय जितवाहन, जय जितवाहन, जय जितवाहन
करैत छी आहांक आवाहन।
दिया, पूता के आयु मंगैत छी
आस अहिं स सभटा लगवैत छी
हम केने छी बहुत रास भूल,
दिय स्वामी अपन चरणक धूल।
जय जितवाहन, जय जितवाहन, जय जितवाहन
करैत छी आहांक आवाहन।
रीतु प्रज्ञा
कर्जापट्टी, दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित
जीतवाहन भगवान

जितिया के पाबैन सोहनगर जीवित्पुत्रिका व्रत भजन आरती

जितिया के पाबैन सोहनगर, करू भौजी सब औरियान‌।
पितराईन के खुश करबैन, सुख, समृद्धि ऐति चढि यान।।
पौड़ लिय भौजी दही मटकुर, किन लिय मां चूरा कुरकुर
देबैन नोत पितराईन के, भोग लगैति दही-चूड़ा सुरसुर
नहि बिसरब केरा मधुर, मंगा लिय बाजार स भरपूर
मिथिलाक संस्कृति नहि बिसरब, नहि होयब कखनो दूर
जितिया के पाबैन सोहनगर, करू भौजी सब औरियान‌ ‌।
पितराईन के खुश करबैन, सुख, समृद्धि ऐति चढि यान।।
पायड़ धो बैसब देबैन, करबैन तेल -सिंदूर
नहि सत्कार में चूक करबैन ,रहब नहि घमंड स चूर
पितराईन छथि दुलारू, रूप छनि चान समान
माछ- भात संग चाही तरूआ तिलकोर, रखति तखने मान
जितिया के पाबैन सोहनगर, करू भौजी सब औरियान‌।
पितराईन के खुश करबैन, सुख समृद्धि ऐति चढि यान।।
मरूआ रोटी स्वाद अनमोल,बना लियब एक आध सेर
नौनी सागक कचरी बनायब,करबैन आग्रह बेर-बेर
मीठगर,मीठगर बोलि बाजि, बनेबैन हुनका अपन जान
देखि हुनका मुस्केबै, देबैन जाति काल सुपारी,पान
जितिया पाबैन सोहनगर, करू भौजी सब औरियान।
पितराईन के खुश करबैन, सुख, समृद्धि ऐति चढि यान।।
रीतु प्रज्ञा
कर्जापट्टी, दरभंगा, बिहार

जीऊतिया व्रतधारी का एक दर्द भरा गीत Jitiya Puja Ke Geet

आरे फेरी फेरी सूतेली करवटिया
देहिया बाटे नू उपासल ऐ राम।
भिनुसहरे से भूखल बारी ऊ जीऊतिया
देहिया बाटे नू उपासल ऐ राम।।

सूख गयील बा कंठ उनकर
एको बूंद जल बिना
निर्जल उपास बा उनकर
अग्रासित फल बिना
पुत्र के जिजिवषा जवन ना करावे
दुलम भयील बा तनी खोखल
खासल ऐ राम।
आरे फेरी फेरी सुतेली करवटिया
देहिया बाटे नू उपासल ऐ राम।।
आरे फेरी फेरी..... 2

कबो कबो उठी बईठ के कथा
सुन लेली जीऊतिया माई के
पारन करेके पेंराँ जोह जोह दिलवा रखेली बहलाई के
खूँटातोड़, तनिको निमन लागे ना केहू के कवनो बतिया मनवा बा कब से पियासल ऐ राम।
आरे फेरी फेरी सूतेली करवटिया
देहिया बाटे नू उपासल ऐ राम।।
आरे फेरी फेरी सूतेली करवटिया
देहिया बाटे नू उपासल ऐ
राम।।
गीतकार : कवि आर बी सिंह खूँटातोड़
कल्याण /मुंबई
Read More और पढ़ें:

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ