आरक्षण की आग: आरक्षण विरोधी कविता Aarakshan Virodhi Kavita In Hindi
आरक्षण की आग
सूरज को ढ़क दे अंधेरों की ऐसी औकात नहीं।
प्रतिभा को सम्मान मिले इसमें कोई जात नहीं।।
नौकरियां या जनगणना या परिवार नियोजन हो।
भारतवासी हैं एक सभी करो कुठाराघात नहीं।।
मोल नहीं रह पाएगा मेहनत कठिन परिश्रम का।
देश एक कानून एक पढ़े लिखों की जात नहीं।।
दरबारों के उल्टे-सीधे नियम ने देश को लूटा है।
कोई खाए दुध मलाई किसी को बासी भात नहीं।।
घृणा द्वेष नफरत न बांटो राजधर्म भी भूल गए।
सबका मान बराबर है उल्लू को दो सौगात नहीं।।
क्या अंतर रह जाएगा योग्यता और जाहिल में।
सत्ता मद में चूर हुए ये तेरे समझ की बात नहीं।।
कल के भारत का नीव सही सलामत रखना है।
तो आरक्षण ये बंद करो रहे ये काली रात नहीं।।
आरक्षण वालों से कह दो जले नहीं संघर्ष करे।
आगे बढ़ो कामना है जीवन में उत्कर्ष करें।।
कहे कवि उदय शंकर भड़क उठे न चिनगारी।
ये आग बुझा दो भारत में बांटो ये खैरात नहीं।।
युवा सशक्तिकरण संघ राष्ट्रीय महासचिव
कोलहंटा पटोरी दरभंगा
9934775009
सूरज को ढ़क दे अंधेरों की ऐसी औकात नहीं।
प्रतिभा को सम्मान मिले इसमें कोई जात नहीं।।
नौकरियां या जनगणना या परिवार नियोजन हो।
भारतवासी हैं एक सभी करो कुठाराघात नहीं।।
मोल नहीं रह पाएगा मेहनत कठिन परिश्रम का।
देश एक कानून एक पढ़े लिखों की जात नहीं।।
दरबारों के उल्टे-सीधे नियम ने देश को लूटा है।
कोई खाए दुध मलाई किसी को बासी भात नहीं।।
घृणा द्वेष नफरत न बांटो राजधर्म भी भूल गए।
सबका मान बराबर है उल्लू को दो सौगात नहीं।।
क्या अंतर रह जाएगा योग्यता और जाहिल में।
सत्ता मद में चूर हुए ये तेरे समझ की बात नहीं।।
कल के भारत का नीव सही सलामत रखना है।
तो आरक्षण ये बंद करो रहे ये काली रात नहीं।।
आरक्षण वालों से कह दो जले नहीं संघर्ष करे।
आगे बढ़ो कामना है जीवन में उत्कर्ष करें।।
कहे कवि उदय शंकर भड़क उठे न चिनगारी।
ये आग बुझा दो भारत में बांटो ये खैरात नहीं।।
आरक्षण विरोधी कविता Poem Against Reservation in Hindi
उदय शंकर चौधरी नादानयुवा सशक्तिकरण संघ राष्ट्रीय महासचिव
कोलहंटा पटोरी दरभंगा
9934775009
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