रक्षाबंधन मनाने का कारण | रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है?
राजा बलि और मां लक्ष्मी की कहानी भगवत पुराण और विष्णु पुराण में ऐसा बताया गया है कि बलि नाम के राजा ने भगवान विष्णु से उनके महल में रहने का आग्रह किया। भगवान विष्णु इस आग्रह को मान गए और राजा बलि के साथ रहने लगे। मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया, उन्होंने राजा बलि को रक्षा धागा बांधकर भाई बना लिया। राजा ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप मनचाहा उपहार मांगें। इस पर मां लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को अपने वचन से मुक्त कर दें और भगवान विष्णु को माता के साथ जानें दें। इस पर बलि ने कहा कि मैंने आपको अपनी बहन के रूप में स्वीकार किया है। इसलिए आपने जो भी इच्छा व्यक्त की है, उसे मैं जरूर पूरी करूंगा। राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपनी वचन बंधन से मुक्त कर दिया और उन्हें मां लक्ष्मी के साथ जाने दिया।
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राखी गीत : रक्षाबंधन आ रहा है
सारी खुशियां लेकर रक्षाबंधन आ रहा है,मौसम के ऊपर रंग राखी का छा रहा है।
तैयारी में कहीं पर बहना गीत गा रही है,
कहीं पर ये भैया राजा बाजा बजा रहा है।
सारी खुशियां लेकर……
कम हो गया कोरोना, खुल गए हैं बाजार,
पर बीच बीच में पड़ती, सावन की फुहार।
दुकानों में जाकर बहना, खरीद रही राखी,
घर घर डाकिया भैया, राखी पहुंचा रहा है।
सारी खुशियां लेकर……
भाई बहन की फोन पर, हो रही है बात,
राखी के दिन होगी घर आकर मुलाकात।
घर घर में हो रही है अब राखी की चर्चा,
जाते जाते सावन, पूरा स्नेह दिखा रहा है।
सारी खुशियां लेकर……
ब्याही बहना जो रहती है अपनी ससुराल,
दिन रात पूछती रहती अपने भाई का हाल।
कुंवारी बहना बहुत खुश है भैया के घर में,
अपने अपने घर को, हर भाई सजा रहा है।
सारी खुशियां लेकर……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
राखी गीत : आ गया राखी का त्योहार | रक्षाबंधन पर कविता शायरी Poem On Raksha Bandhan Hindi
राखी गीत : आ गया राखी का त्योहार
आ गया है राखी का त्योहार बहनों,
अब आ ही गया राखी का त्योहार।
आ गया है राखी का त्योहार भाइयों,
सब पर छा गया, राखी का त्योहार।
आ गया राखी का……
आ गया है राखी का त्योहार बहनों,
अब आ ही गया राखी का त्योहार।
आ गया है राखी का त्योहार भाइयों,
सब पर छा गया, राखी का त्योहार।
आ गया राखी का……
छूट रहे पटाखे और गूंज रहे हैं गाने,
भाई बहन के मुंह में राखी के तराने।
खुशी से हाल आज, बेहाल दोनों का,
आंखों के रास्ते छलक रहा है प्यार।
आ गया राखी का………
फूल और मिठाई से सज रही थाली,
हर भाई के घर है बहना आनेवाली।
भाई को समझ में नहीं आ रहा है,
क्या दे वो प्यारी बहना को उपहार।
आ गया राखी का………
बड़ा ही पावन होता है राखी का ये धागा,
इसी कच्चे धागे पर प्यार मन में जागा।
बहना की दुआ है, भाई जिए साल हजार,
राखी होती है भाई की कलाई का श्रृंगार।
आ गया राखी का ……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
राखी गीत : राखी मनाने पधारे गिरिधारी – रक्षाबंधन पर भक्ति गीत
राखी गीत : राखी मनाने पधारे गिरिधारी
(भक्ति गीत)
(भक्ति गीत)
“श्री वासुदेवाय नमः”
“आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को भाई बहन के परम पावन पारंपरिक पर्व रक्षा बंधन की ढेर सारी अग्रिम शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।”
सुभद्रा घर राखी मनाने, पधारे गिरिधारी,
बहन घर राखी बंधाने, पधारे भाई मुरारी।
राखी बंधन जैसा कोई बंधन नहीं जग में,
राखी मनाने सुभद्रा घर आ गए चक्रधारी।
बहन घर राखी मनाने……
सुभद्रा घर राखी मनाने, पधारे गिरिधारी,
बहन घर राखी बंधाने, पधारे भाई मुरारी।
राखी बंधन जैसा कोई बंधन नहीं जग में,
राखी मनाने सुभद्रा घर आ गए चक्रधारी।
बहन घर राखी मनाने……
बड़ा अजीब होता जग में राखी का धागा,
इस धागे से बंधा भाई आता भागा भागा।
भाई बहन जैसे चाहे, घर में राखी मनाए,
नहीं करनी होती इसके लिए बड़ी तैयारी।
बहन घर राखी मनाने……
राखी का बहुत सम्मान करते थे भगवान,
राखी का अपमान है, बहनों का अपमान।
बहनों से बहुत प्यार करते कृष्ण कन्हैया,
द्रौपदी से राखी बंधाने को, पधारे बनवारी।
बहन घर राखी मनाने……
इतने मग्न हुए कि वंशी अपनी भूल गए,
गोपाला आज भी हैं पूरे, राखी के आभारी।
हम सभी भाइयों हेतु, सुंदर संदेश है एक,
सारे बन जाएं प्रभु जैसे, राखी के पुजारी।
बहन घर राखी मनाने……
“सभी भाई बहनों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाईयां”
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
राखी भक्ति गीत: प्रभु राखी बंधवा लो ना– रक्षाबंधन पर भक्ति कविता
राखी (भक्ति) गीत: प्रभु राखी बंधवा लो ना
हम आपके चरण आए भगवान,
हमसे एक राखी बंधवा लो ना!
आपके शरण आए कृपा निधान,
दाता, कलाई अपनी बढ़ाओ ना!
हम आपके चरण……….
सुनो हे, ब्रह्मा, विष्णु और महेश,
सुनो हे, श्रीराम, कृष्ण और गणेश?
बदले में हमें कुछ नहीं चाहिए देवा,
सिर्फ आप, बहन हमें बना लो ना!
हम आपके चरण……….
बड़े प्यार से हमने सजाई है थाली,
हमको यहां से लौटाना नहीं खाली।
धागा कच्चा है पर बंधन पक्का है,
अपना दायां हाथ आगे निकालो ना!
हम आपके चरण………..
पहले चरण धोकर, होगा पग वंदन,
फिर लगेगा, आपके माथे पे चंदन।
आरती करके मिठाई खिलाएंगे हम,
भगवान कृपा हम पर बरसाओ ना!
हम आपके चरण………..
तुम ही हो मालिक, तुम ही विधाता,
तुम ही हो हमारे भाग्य के निर्माता।
इससे अच्छा रक्षा बंधन क्या होगा?
आओ मेरे साथ राखी पर्व मनाओ ना!
हम आपके चरण………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
सावन का आखिरी रविवार, राखी त्योहार– रक्षाबंधन पर शायरी | रक्षाबंधन पर कविता
सावन का आखिरी रविवार, राखी त्योहार
“आप सभी प्यारे भाइयों और प्यारी बहनों को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाइयां अर्पित”
कल इस सावन का, आखिरी रविवार है,
भाई बहन राखी का, पावन त्योहार है।
प्रेम प्यार में खोई है, यह दुनिया सारी,
भारत के कोने कोने में, छाई बहार है।
कल इस सावन का……
(रक्षाबंधन गीत)
“आप सभी प्यारे भाइयों और प्यारी बहनों को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाइयां अर्पित”
कल इस सावन का, आखिरी रविवार है,
भाई बहन राखी का, पावन त्योहार है।
प्रेम प्यार में खोई है, यह दुनिया सारी,
भारत के कोने कोने में, छाई बहार है।
कल इस सावन का……
रक्षाबंधन कब है?
12 अगस्त 2022 का दिन है अलबेला,भाई बहन हेतु दिन यह बड़ा यादगार है।
मौसम सुहाना और मनभावन लगता है,
बीच बीच में पड़ रही मखमली फुहार है।
कल इस सावन का……
खिले खिले फूल हैं, कलियों हैं घूंघट में,
भाई बहन को, एक दूजे का इंतजार है।
कहीं भाई प्रतीक्षारत है, बहनों के लिए,
कहीं राह निहारता, बहना का प्यार है।
कल सावन का………
समर्पित हैं ये पंक्तियां हमारी बहनों को,
राखी ही हर भाई का असली श्रृंगार है।
सभी भाई बहनों से है एक आग्रह हमारा,
इन पंक्तियों पर आपका क्या विचार है?
कल इस सावन का……
हैं रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं मेरी,
हर भाई बहन को त्योहार यह स्वीकार है।
आज सारी बहनें व्यस्त हैं इसी तैयारी में,
रंग बिरंगी राखियों से सजा हर बाजार है।
कल सावन का……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
12 अगस्त 2022
इन पंक्तियों पर आपका क्या विचार है?
रक्षाबंधन पर हर पंक्ति सदाबहार है
इनमें समाहित भाई बहन का प्यार है
धन्यवाद
हिंदी उर्दू साहित्य संसार
भक्ति गीत : गजानन राखी में आ जाना
“श्री गणेशाय नमः, श्री गणेशाय नमः”
आया आया रक्षा बंधन का पावन त्योहार,
गजानन महाराज, राखी बंधाने आ जाना!
बहनें तैयार हैं आरती उतारने को तुम्हारी,
इसी बहाने अपनी दरश एक दिखा जाना।
आया रक्षा बंधन का……….
खिलाएंगी बहनें तुमको मोदक और मिठाई,
तेरी आरती में दिख रही है सबको भलाई।
माथे चंदन भी लगेगा, तिलक भी लगेगा,
बहनों के हृदय में, उमंग नई जगा जाना!
आया रक्षा बंधन का…………
तेरे लिए घर घर सज रही नई नई थाली,
बहनें कर रही है पहले से इसकी रखवाली।
तेरी प्रतीक्षा में घरों में बैठी हैं बहना रानी,
राखी बंधवाकर मन की प्यास बुझा जाना।
आया रक्षा बंधन का………..
अपनी बहन बना लेते तुम जिसे गजानन,
सफल हो जाता है जग में, उसका जीवन।
भूलना नहीं स्वामी इस अवसर पर आना,
वरना, सहनी पड़ेगी तेरी बहनों को ताना।
आया रक्षा बंधन का………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
राखी गीत : रक्षाबंधन मना रहे हम
बहनों ने भेजी हैं, सुंदर सुंदर राखियां,
बड़ी खुशी से रक्षाबंधन मना रहे हम।
माथे पे तिलक लगाया, मिठाई खाई,
कलाई चमक रही है चम, चम, चम।
बहनों ने भेजी हैं………….
साथ जिसके बहनों की दुआएं होती,
उससे दूर दूर रहते हैं, जग में गम।
बहनों को तब अपार खुशी होती है,
जब भाई खाता, सुरक्षा की कसम।
बहनों ने भेजी हैं………
खुश रहो हमारी सारी प्यारी बहनों,
तेरा भैया निभाना जानता है धर्म।
तुम ही चंदा हो, तुम ही हो तारा,
सूरज देखकर मैं खुश रहूं हरदम।
बहनों ने भेजी हैं………..
तेरी राखियां, हमें राहें दिखाती हैं,
बढ़ता जाता दिनोदिन हमारा दम।
इन राखियों से हम जीना सीखते,
लहराएगा कभी, जीत का परचम।
बहनों ने भेजी हैं………..
भाइयों, राखी का मान रखना है,
बहनों पर कभी होना नहीं गरम।
बहना, राखी बार बार कह रही है,
साथ छूटे न अपना अगले जन्म।
बहनों ने भेजी हैं………
कोरोना का टीका लगा लेना सभी,
आज फिर, याद दिला रहे हैं हम।
सारी बहनों को ढेर शुभकामनाएं हैं,
शिव के डमरू बाजे, डम डम डम।
बहनों ने भेजी हैं………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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भक्ति गीत : राखी बांध रही माता रानी
“आप सभी भाइयों और बहनों को हमारी ओर से भाई एवं बहन के पारंपरिक पावन पर्व “रक्षाबंधन” पर ढेर सारी शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां। जगत जननी माता रानी की कृपा सभी पर बनी रहे।“
रूप धारण कर एक भोली प्यारी बहना का,
घर घर जाकर, राखी बांध रही माता रानी।
कोई भी भाई इंकार मत करना बंधवाने से,
सच्चा प्यार जानने को घूम रही है भवानी।
रूप धारण कर एक………..
माता रानी ने जब देखा कलियुग का हाल,
उनके मन में आया यह एक सुंदर ख्याल।
आसान नहीं, माता रानी को समझ पाना,
अजीब उनकी लीला, गजब उनकी कहानी।
रूप धारण कर एक………….
जितने घर जाती, बदल लेती अपना रूप,
कभी छांव सी दिखती, कभी लगती धूप।
उनकी थाली में सजी है राखी संग मिठाई,
देखकर भाई के मुंह से टपक रहा है पानी।
रूप धारण कर एक………..
माता जब लगाती किसी के माथे पे चंदन,
धन्य धन्य कर देती, उस भाई का जीवन।
कुछ भी नहीं छुपा है इस जगत जननी से,
जन्मों तक अमिट रहेगी, मां की निशानी।
रूप धारण कर एक………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर मधुबनी बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
Raksha Bandhan रक्षा बंधन सावन शायरी
पावन परम सुहावन भावन, राखी का त्यौहार।
इससे भाई बहन का प्यार।।
आया सावन मन को भाया।
रिमझिम बूंद मेघ बरसाया।।
झूला झूले सखी सहेली, खुशियाँ बड़ी अपार।
इससे भाई बहन का प्यार।।
आया सावन मन को भाया।
रिमझिम बूंद मेघ बरसाया।।
झूला झूले सखी सहेली, खुशियाँ बड़ी अपार।
इसमें भाई बहन का प्यार।...................१
श्याम श्वेत मेघा है छाये।
मोर मयूरी अति हरषाये।।
नृत्य करें नित आनन्दित हो, हरा भरा संसार।
इसमें भाई बहन का प्यार।...................२
सब रक्षा का वचन निभाना।
राग मल्हार का गाओ गाना।।
कजरी सावन गीत मनोहर, होय साज झंकार।
इसमें भाई बहन का प्यार। ....................३
मेंहदी हाथ रचा रही गोरी।
निर्मल मन हृदय की भोरी।।
मक्खन मेवा माल पुवा संग, मीठा मिले अचार।
इसमें भाई बहन का प्यार।...................४
राजेश तिवारी "मक्खन"
झांसी, उत्तर प्रदेश
9451131195
रचना स्वरचित व मौलिक है।सर्वाधिकार सुरक्षित है।
Raksha Bandhan Quotes In Hindi 2022 For Brother Sister
Raksha Bandhan रक्षाबंधन
आया रक्षाबंधन का त्योहारसब साथ में खुश है परिवार।
भाई के कलाई में राखी
बहन आई भाई के द्वार।
राखी दूर करे प्यारे से
भाई बहन का है तकरार।
सब रिश्ते हो जाते है एक तरफ
राखी का गीत दे झंकार।
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश
राखी का धमाल कविता | रक्षाबंधन पर शायरी Poem On Raksha Bandhan In Hindi
राखी का धमाल
सुनलो सुनलो मेरी सरकार
जल्दी हो जाओ तैयार
आज है राखी का त्योहार
बहना करेगी इंतजार
ये भाई बहनों का त्योहार
कच्चे धागों का त्योहार
सुनलो सुनलो जी भरतार
हम तो कब से है तैयार
जाना ननद के है द्वार
वहाँ पर सजे है बंधन वार
आँगन रंगोली वहाँ तैयार
.....आया राखी का त्यौहार
तेरी बहना करे इंतजार
मेरा भईया करे इंतजार
जल्दी स्टार्ट करो कार
पहले चलना है बाजार
गिफ्ट लेना है दो चार
पहले चले ननद के द्वार
राखी बहन से बंधवाना
भईया का फर्ज निभाना
माथे रोली तिलक लगवाना
तेरी कलाई करे इंतजार
आया राखी का त्यौहार
सुनलो सुनलो मेरे सजना
फिर जाऊँ मैं भाई के अंगना
मेरा भईया करे इंतजार
आया राखी का त्यौहार
वाह वाह मेरी सरकार
एक पथ दो काज
बहन से राखी है बंधवाना
फिर चलें साले के द्वार
आया राखी का त्यौहार
स्वरचित— निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद झारखंड
हैप्पी रक्षा बंधन 2022 Happy Raksha Bandhan
राखी का त्यौहार
भाई बहन का उत्तम व्यवहार।
लेकर आया राखी का त्यौहार।।
भाई बहन का उत्तम व्यवहार।
लेकर आया राखी का त्यौहार।।
भाई बहन का यह पावन रिश्ता।
जैसे काजू बादाम और पिस्ता।।
बहन भाई मात पिता के हैं अंग।
खेले पले पढ़े बढ़े एक ही संग।।
बाँधे राखी बहन भाई के कलाई में।
बीतता जीवन निज भाई के भलाई में।।
बहन हेतु भाई ही होता है विकल्प।
बहन रक्षा हेतु भाई लेता है संकल्प।।
भाई देता बहन को प्यार रूपी बख़्शीश।
बहन देती भाई को लाखों आशीष।।
आता यह त्यौहार एक बार प्रतिवर्ष।
भाई बहन इसे मनाते सोल्लास सहर्ष।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
रक्षाबंधन पवित्र पावन त्यौहार: रक्षा बंधन पर शुभकामना संदेश, कविता, शायरी
राखी के शुभ अवसर पर आज,
भाई बहिन सबके हार्दिक शुभकामनाएँ।
जीवन सहर्ष आउर सुखमय होखे,
जीवन से दूर होखे रोग दुःख बाधाएँ।।
रक्षाबंधन
आया बनकर यह सावन साखी।
भ्रात स्वसा का ले त्यौहार राखी।।
भाई बहनों का पावन रक्षाबंधन।
हर्षोल्लास से पुलकित जन जन।।
रक्षाबंधन पवित्र पावन त्यौहार।
भाई बहनों का सुंदर स्नेह दुलार।।
स्नानकर प्रात नव वस्त्र अपनाती।
रोली चंदन दधि अक्षत थाल सजाती।।
भ्रात देख बहन खुशी से फूले नहीं समाती।
एक पल भी वह नहीं फिर देर लगाती।।
तिलक चंदन कर राखी बाँधे कलाई।
अपने हाथ खिलाती मिष्ठान्न मलाई।।
भाई देते खुशी से उपहार बख़्शीश।
बहनें देतीं भाई को हजारों आशीष।।
स्वागत रक्षा का संकल्प भाई लेता।
उपहार स्वरूप भेंट बहन को कुछ देता।।
संकल्प आशीष का यह सुंदर त्यौहार।
दोनों का यह पवित्र पावन व्यवहार।।
दोनों करते आपस में हँसी ठिठोली।
बहनें मानो हँसी की गठरी खोली।।
बहनों का आशीष भाई हो दीर्घायु।
बलशाली बने जैसे तीव्रगामी वायु।।
पकवान मिष्ठान्न होता है आज आहार।
भईया का स्नेह बहुत होता है अपार।।
रक्षाबंधन के होते हैं अनेकों गीत।
भाई बहनों के दिल लेते हैं जीत।।
अमर रहे सदा भाई बहनों का प्यार।
रहें मनाते प्रतिवर्ष यह राखी का त्यौहार।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
रक्षाबंधन हेतु एक कविता
पटल से जुड़े समस्त माताओं, बहनों एवं बंधुओं को नमन है। प्रयास रक्षाबंधन हेतु एक रचना की।
कितना सुन्दर राखी का त्यौहार,
वर्ष में एक ही बार यह आता है।
भाई बहन के पवित्र स्नेह प्यार,
अत्यधिक सुदृढ़ यह बनाता है।।
बहन लगाती ललाट पर तिलक,
राखी बाँधती है भ्रात की कलाई।
संग में कोटिशः आशीष है देती,
मुँह में खिलाकर सहर्ष मिठाई।।
भाइ भी सहर्ष राखी हैं बँधवाते,
संग में देते रक्षाबंधन की बधाई।
बहन सुरक्षा का मन ले संकल्प,
उपहार देते सहर्ष बहन को भाई।।
रक्षाबंधन तो है रक्षा हेतु बंधन,
अपनी प्यारी बहन हेतु भाई का।
बनी रहे हर भाई बहनों की जोड़ी,
ईश्वर से मेरी यही है शुभकामना।
जीवन में न आएँ संकट बाधाएँ,
दुश्मनों का कभी न हो सामना।।
दुर्भाग्य तो हैं उन भाई बहनों के,
जिनके न हों कोई भाई या बहन।
पूछना है तो उनके दिल से पूछो,
कैसे कर पाते बेचारे हैं वे सहन।।
ईश्वर न करे ऐसे दिन भी दिखे,
किसी भी बहन किसी भाई को।
दुनिया में कोई कर सकता न पूरा,
भाई बहन की इस भरपाई को।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश 9504503560
रिश्तों की डोर : रक्षाबंधन पर कविता
विधा कविता
दिनांक 21-08-2021
सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।
सावन के महीने में यह पावन पर्व हर वर्ष सभी अपेक्षा करते हैं।
कब रक्षाबंधन आएगा कब रक्षाबंधन आएगा।
यह पावन रिश्तो का बंधन है रक्षाबंधन।
भाई बहन का प्यार जिसमें हो सदा रक्षाबंधन।
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी।
प्यार और मीठी शरारती की होड़ है राखी।
भाई की लंबी उम्र की दुआ है ये राखी।
बहन का प्यार पवित्र दुआ है
दुआ है ये राखी।
रेशम के धागों का यह मजबूत बंधन।
माथे पर चमके कुमकुम चंदन रोली और चंदन।
प्यार से पकवान मिठाई खिलाए बहने प्यारी।
देखकर छलक उठी आँखें
भर आया मन राखी का बंधन ऐसा है जो न कभी टूटे।
बहन भाई का रहे हमेशा प्यार सदा ही रखना।
भैया का आशीर्वाद है।
जहां जिस हाल में भी हो प्रीत के धागों से बने प्रेम का भाई बहन का यह रिश्ता।
बहन कभी लड़ती है कभी हमसे झगड़ती है।
प्रीत के धागों में है जितना मजबूत। भाई बहन का प्यार भी उतना ही मजबूत।
यह रिश्ता ऐसा है अटूट संबंध।लेकिन बिना कहे हमारी हर बात को समझाने का हुनर भी बहन ही रखती है।
यह पावन पर्व रक्षाबंधन।
बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है।
प्यार की जो तार है संसार बांधा है।
रेशम की डोरी से, रेशम की डोरी से, रेशम की डोरी से संसार बांधा है।
धन्यवाद।
वी अरुणा कोलकाता
राखी पर दोहा | रक्षाबंधन पर्व पर हिंदी में दोहे और कविता
विषय- उमंग
विधा - दोहा
उमंग मन में छा रही, आया मेरा वीर।
सब सुख दे दूँ अब उसे, ले लूँ सारी पीर।।
सज-धज कर मैं हूँ खड़ी, लेकर पूजा थाल।
उमंग तन मन में भरी, उन्नत मेरा भाल।।
भाई मेरा आ रहा,मिला मुझे सन्देश।
उमंग छूती गगन को, भूली सारे क्लेश।।
याद बहुत अब आ रही,घर की सारी बात।
दिन उमंग में जा रहा, जागूँ सारी रात।।
घेवर रबड़ी के बने, और कई मिष्ठान।
भाई उमंग से कहूँ, तुम हो मेरी जान।।
चाहे कितने काम हों, आना तुमको आज।
उमंग से हूँ मैं भरी, रखना मेरी लाज।।
राखी बाँधू हाथ में,माँगू फिर वरदान।
उमंग बनी रहे सदा,रहे गुणों की खान।।
धागा रेशम का कहूँ,या प्रेम की डोर।
उमंग जीवन में रहे, आये नित ये भोर।।
श्याम मठपाल
उदयपुर
दोहे राखी | रक्षाबंधन पर दोहा
राखी आई झूम के, बहना खुश है आज।
भाई की बढ़े उम्र, यही दुआ वो वारे।।
रिश्ते की ही पवित्रता,इसमे छलकत जात।
भाई बहना वचन दे, रिश्ता खूब निभात।।
रक्षा सूत्र बंधा रहे, आज भाई अनेक।
रक्षा सूत्र बांध बहना, मांगे वचन अनेक।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
मन में खुशियाँ छा रही राखी का त्यौहार– राखी पर कविता
विषय- रक्षा बंधन
सुगंध चारों ओर है, बरस रहा है प्यार।
मन में खुशियाँ छा रही, राखी का त्यौहार।।
रेशम की ये डोर है, सबको याद दिलाय।
चाहे जैसा समय हो, रिश्तों को समझाय।।
रक्षा बहन की मैं करूँ, जब भी पल वो आय।
राखी बाँधी हाथ में, हर पल बहुत सुहाय।।
अबला भाई मैं नहीं, तुझे रही बतलाय।
याद मुझे तू जब करे,मुझे वहीँ पर पाय।।
रक्षाबंधन आज है, नभ में उड़े पतंग।
घेवर सुगंध दे रहे, मन में बड़ी उमंग।।
भाई तुझसे मैं कहूँ, समय बड़ा बलवान।
बहनें सीमा पर खड़ी, बनकर आज जवान।।
रक्षा शिक्षा से है मिली, भाई सुनलो बात।
अपने पाँवों पर खड़ी, राखी की सौगात।।
रक्षा देश की हम करें, हो कर सारे एक।
वंदन वीरों का करें,काज करें सब नेक।।
दीन हीन अब हों नहीं, सब ही एक समान।
रक्षा सभी की हम करें, सब ही हैं इंसान।।
कोई भूखा हो नहीं, रहे नहीं बीमार।
सोये सड़कों पर नहीं, सबका हो उपचार।।
श्याम मठपाल,उदयपुर
आया राखी का त्यौहार रे - राखी पर गीत भाई के लिए
गीत
आया राखी का त्यौहार रे
मिठाई के बाज़ार सजे हैं, है राखी का त्यौहार रे
रंग बिरंगी राखियाँ हैं, बरस रहा है प्यार रे
पलकें बिछाए बहन खड़ी है, भाई के इंतज़ार में
आज राखी बाँधूगी मैं, बंधन के इकरार में
मन में उमंग बहुत बड़ी है, है बरखा की फुहार रे
मिठाई के बाज़ार सजे हैं, है राखी का त्यौहार रे
कुम कुम अक्षत दीप थाल में, और संग मिष्ठान है
मिलने की आतुरता बहुत है, चेहरे पर मुस्कान है
मन-मष्तिस्क में यादें ताज़ी, अद्भुद ये संसार रे
मिठाई के बाज़ार सजे हैं, है राखी का त्यौहार रे
पवित्र बंधन भाई-बहन का, सदियों से ये आया है
प्यार के धागे सदा अमर हैं, दिल में इस सजाया है
छूटेगा ना साथ कभी ये, जिंदगी को संवार रे
मिठाई के बाज़ार सजे हैं, है राखी का त्यौहार रे
स्वार्थ नहीं हैं इस रिश्ते में, दिल से हमने माना है
दूर रहे हम जब भी तुमसे, इस रिश्ते को जाना है
बहना सदा सुखी रहो तुम, सपने तेरे हज़ार रे
मिठाई के बाज़ार सजे हैं, है राखी का त्यौहार रे
आज पतंगें उड़ रही है, सजा हुवा आकाश है
सारे खुशियाँ दे दूँ तुमको, मुझे आज अहसास है
हर पल तेरे संग खड़ा हूँ, चाहे कभी पुकार रे
मिठाई के बाज़ार सजे हैं, है राखी का त्यौहार रे
श्याम मठपाल,उदयपुर
प्रीत के धागे रक्षाबंधन पर ढेरों शुभकामनाएं | रक्षाबंधन पर कविता
प्रीत के धागे रक्षाबंधन पर ढेरों शुभकामनाएं
राखी के कच्चे धागों से रिश्ता बहुत पुराना है
वैसे तो हर काई रिश्तों से बंधे होते हैं
पर सबसे प्यारा रिश्तों के संसार में
एक रिश्ता जो सबसे ज्यादा प्रिय है
भाई बहन का प्यार प्रीत के धागों से
बंधा रक्षाबंधन का त्योहार
इसमें रूठना मनाना लड़ ना झगड़ना
लाड़ प्यार ये सब प्रीत के धागों द्वारा
प्यार के बंधन को संजोता है
बहन हमेशा भाई की लंबी उम्र और हमेशा-हमेशा खुश रहने की दुआयें करती हैं और इस उम्मीद से राखी बांधती हैं, संकट के समय भाई को अपने साथ खड़ा पायेगी
हर बहन हर साल राखी का बेसब्री
से इंतजार करती है
ये प्रीत के धागे कभी न छूटे कभी न टूटे
भाई बहन से कभी न रूठे
प्रीत के धागों के बंधन में
स्नेह का उमड़ रहा संसार
सारे जग सबसे सच्चा है
भाई बहन का प्यार
इस सच्चे प्यार को दिखाता है
भाई बहन का प्यार
प्रीत के धागों का महत्त्व
उनसे पूछो
जिनकी नहीं है कोई बहना
विनम्र विनती मत रोको बहनों
को आने से संसार में
वरना नई पीढ़ी के तरस जायेंगे
बहनों से राखी बंधवाने को
भाईयों की लाडली होती है बहनें
भाईयों की राज दार होती है बहनें
कोई भाई बहन को न तरसे
और न ही बहन भाई को तरसे
बहनें भाइयों का कभी बुरा न चाहे
भाईयों की लाडली होती हैं बहनें
माता पिता की चहेती होती है बेटियां
कविता मोटवानी
बिलासपुर छत्तीसगढ़
बाल गीत-रक्षा बंधन बहन का आया राखी का त्योहार
बाल गीत-रक्षा बंधन बहन का
आया राखी का त्योहार
झलके भाई बहन का प्यार
मेरे प्यारे भैया मेरे राजा भैया
ये राखी का त्योहार सबसे
प्यारा और पावन त्योहार
इसका बहन करें साल भर
इंतजार
करें तैयारी हजार
अपने नन्हे प्यारे हाथों से
रेशम के धागों से करें राखी तैयार
रेशम के कच्चे धागों में अपना सच्चा मासूम प्यार उड़ेले बन जाये पक्का बंधन में राखी बंधन है ऐसा,इसके जैसा दूजा नाहीं
कोई त्योहार येभाई बहन का प्यार
दिया बाती लगाकर थाली सजाकर
करें पुकार आजा मेरे भैया राजा
लो मैं आ गया कहीं से आई ये आवाज़
भैया की लेकर बलैया लगा दी
दे दी दुआयें हज़ार
भैया ने भी प्यार से राखी बंधवाई
रक्षा का वादा किया और
ऐसा प्यारा रक्षाबंधन का त्योहार
स्वरचित- कविता मोटवानी बिलासपुर छत्तीसगढ़
बहन सदा तुम खुश रहो! रक्षाबंधन पर शुभकामनाएं | रक्षाबंधन पर कविता
बहना
बहन सदा तुम खुश रहो
मेरा अतिशय प्यार रे।
रक्षक बनकर हूँ सदा
मुझपे है अधिकार रे।
तिलक मुझे लगाकर तुम
राखी बांधी हाथ रे।
यह जीवन जबतक रहे
बनकर छाया साथ रे।
बहन तुझे गर ठेस हो
तू हो मेरा भाग्य रे।
बहना तेरी जिन्दगी
मधुर-मधुर जो राग रे।
धन्यवाद।
प्रभाकर सिंह
नवगछिया, भागलपुर
बिहार
रक्षाबंधन आज आई कुटिया में बहन: रक्षा बंधन पर शुभकामना संदेश, कविता, शायरी
रक्षाबंधन आज
आई कुटिया में बहन
रक्षाबंधन आज।
राखी-राखी शपथ दी
भैया आंगन लाज।
भैया आंगन लाज
बहन नहीं रे परायी।
बहती आँखें अश्रु
सिसक कर बात बतायी।
बिन बहना रे देख
ब़ाग की कली लजाई।
फिर से रौनक लौट
क्योंकि बहना घर आई।
धन्यवाद।
प्रभाकर सिंह
नवगछिया, भागलपुर
बिहार
रक्षाबंधन त्योहार
💌💌💌💌💌
तू बहना आजा जल्दी री
हाथ कलाई राखी बांध।
नयन निहारे पल पल तुझको
किरण चली और हुई सांझ।
सावन पूनम अत्यंत मनोहर
साथ चांदनी चंदा गोल।
प्रेमधागा के साथ बहना
आकर प्यारी! भैया बोल।
रक्षक ऐसा रक्षा करना
सबसे पहला मेरा धर्म।
देश सिपाही तेरा भैया
सरहद जाना पहला कर्म।
आया सैन्य बुलावा बहना
आओ लेकर थाली साज।
वचन यह हमारा है बहना
सतत रखूंगा तेरी लाज।
धन्यवाद।
प्रभाकर सिंह
Naugachiya
भागलपुर,बिहार
Happy Raksha Bandhan Wishes in Hindi
आज मेरे लिए कुछ खास है,
तेरे हाथों में मेरा हाथ है,
मुझे भाई होने का एहसास है,
दिन है प्यारा रक्षा बंधन का,
मेरी बहन है तो सब कुछ मेरे पास है।
तेरे हाथों में मेरा हाथ है,
मुझे भाई होने का एहसास है,
दिन है प्यारा रक्षा बंधन का,
मेरी बहन है तो सब कुछ मेरे पास है।
Happy Raksha Bandhan Wishes
राखी का त्यौहार आया,
खुशियों की बहार लाया,
आज ये दुआ करते है हम,
भैया खुश रहो तुम हरदम।
बहनें होती हैं प्यारी बातें, करती है निराली,
खुशियाँ देती है बहुत सारी,
जब पास नहीं होती है तो दुनिया लगती है हमको बहुत भारी
खुशियों की बहार लाया,
आज ये दुआ करते है हम,
भैया खुश रहो तुम हरदम।
बहनें होती हैं प्यारी बातें, करती है निराली,
खुशियाँ देती है बहुत सारी,
जब पास नहीं होती है तो दुनिया लगती है हमको बहुत भारी
रक्षाबंधन पर विधाता छंद आधारित मुक्तक | राखी शुभकामना संदेश हिंदी में
विधा - विधाता छंद आधारित मुक्तक
विषय पूर्ति शब्द - राखी
रहे जो दूर भाई से, सदा राखी भिजाई है।
हमेशा ही वही राखी, कलाई में सजाई है।।
यही चाहे सदा से वो, रहे आबाद वीरा भी,
खुशी सच्ची तभी होती, बँधी राखी दिखाई है।।
यहाँ के लोग बोलें हैं, यही त्योहार है राखी।
सभी राखी यहाँ बाँधे, बताते प्यार है राखी।।
सदा माथे लगा रोली, कलाई बाँधती धागा,
करे रक्षा यही धागा, हमें स्वीकार है राखी।।
राजकुमार छापड़िया
रक्षा बंधन के दिन बहना थाल सजाकर लायी है: रक्षा बंधन पर कविता | रक्षाबंधन पर शायरी
विधा -- गीत
विषय - रक्षा बंधन
रक्षा बंधन के दिन बहना,
घर में मिलने आयी है ।
राखी का त्योहार मनाने,
थाल सजाकर लायी है ।।
खुशियों का माहौल बना जब,
जमा सभी हो जाते हैं ।
बात-बात में हँसते-गाते,
सारे धूम मचाते है ।
मुस्कान चेहरे पर रखकर,
तस्वीरें खिचवायी हैं ।
राखी का त्योहार मनाने,
थाल सजाकर लायी है ।।
देखा रँग बिरंगी राखी,
रोके कैसे अरमानों को ।
बच्चों के मुख पानी आता,
देख सभी पकवानों को ।।
थैली में उपहार आज कुछ,
हमको दिया दिखायी है ।
राखी का त्योहार मनाने,
थाल सजाकर लायी है ।।
सोच रहे बच्चे यह राखी,
जो पहले बँधवायेगा ।
आज यहाँ उन सबसे पहले,
उपहार वही पायेगा ।।
बहना को देने मम्मी ने,
साड़ी आज मँगायी है ।
राखी का त्योहार मनाने,
थाल सजाकर लायी है ।।
राजकुमार छापड़िया
Happy Rakshabandhan In Hindi
हर लड़की तेरे लिए बेकरार है,हर लड़की को तेरा इंतजार है,
ये तेरा कोई कमाल नहीं,
बस कुछ दिन बाद राखी का त्योंहार है।
——
दिल से देता हु मैं दुआ तुमको,
कभी भी ना हो दुःख कि भावना मन में,
उदासी छू ना पायें कभी भी तुझको,
खुशियों कि चांदनी छा जाएँ जीवन में।
Raksha Bandhan 2022
आया है जश्न का एक त्यौहार,जिसमें होता है भाई बहन का प्यार,
रक्षा बंधन हिंदी कोट्स
कलाई पर रेशम का धागा है,
बहन ने बड़े प्यार से बांधा है,
बहन को भाई से रक्षा का वादा है..!
रक्षाबंधन की शुभकामनाएं।
भाई बहन त्योहार है,
सावन में फुआर है,
मीठी सी तकरार है,
यही राखी का त्यौहार है।
हैप्पी रक्षा बंधन
Happy Raksha Bandhan Wishes - Raksha Bandhan Quotes In Hindi
रक्षाबंधन गीत: रक्षा बंधन पर शुभकामना संदेश, कविता, शायरी
रक्षाबंधन गीत
तर्ज -सावन का महीना पवन करे शोर,
जियरा रे झूमे ऐसे जैसे -----मोर।
सावन का महीना
रक्षाबंधन है शोर,
राम दुहाई मांगे बहिना
उम्र बढ़ेगी तोर।
सावन का------------२।
महीना सावन कितना सुहावन
भाई -बहन का आ गया पावन,
पावन है पुराना नाचत है जियरा मोर
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का------------२।
सज -धज के भैया मेरे राखी पहनेंगे
बहनों के हाथों से टीका रचेंगे,
जैसे चंदा चमके वैसे चमकत हैं भैया मोर
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का ---------------२।
हमें नहीं चाहिए भैया सोना चाॅ॑दी गहना
बहनों के साथ भैया प्यार बनाए रखना,
प्यार का है ये बंधन न होगा कभी कमजोर
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का------------२।
जैसे बहन कर्णावती की रक्षा किये भैया हुमायूॅ॑
वैसे भैया रक्षा करना बढ़ेगी तेरी आयु,
सभी भैया के लिए "नीतू रानी "
ईश्वर से विनती करती है कर जोड़ी
राम दुहाई मांगे बहिना उमर बढ़ेगी तोर।
सावन का महीना रक्षाबंधन शोर
जियरा रे झूमे ऐसे जैसे वनमें नाचे मोर।
नीतू रानी"निवेदिता"
पूर्णियाॅ॑, बिहार
आऊ बहिना बाँधि दियौ रक्षाक बंधन: रक्षाबंधन पर मैथिली कविता
विधा-गीत
शीर्षक-बांधि दियौ रक्षाक बंधन
आजु शुभ दिन निर्मल बनल अछि
भैया छथि चँदा समान
आऊ, आऊ बहिना बाँधि दियौ रक्षाक बंधन।
रेशम के डोरा स राखी बनल अछि
भाई-बहिनक प्यार छुपल अछि
ताहि स जगमग दीप जरैत अछि
भैया छथि चँदा समान
आऊ,आऊ बहिना बाँधि दियौ रक्षाक बंधन।
आजु शुभ दिन........
बाँधि क राखी, बढा दियौ मान
अहि स नीक नहि, भैया लेल कोनो समान
उतारि लियौ आरती, भैया छथि देवता समान
आऊ,आऊ बहिना बाँधि दियौ रक्षाक बंधन।
आजु शुभ दिन........
हम सब बहिन छी भैयाक प्राण
रिश्ता बनल अछि अमूल्य मोती समान
कै लिय मंगलकामना ,चमकैत रहता तारा समान
भैया छथि चँदा समान
आऊ,आऊ बहिना बाँधि दियौ रक्षाक बंधन।
आजु शुभ दिन...........
रीतु प्रज्ञा
करजापट्टी, दरभंगा, बिहार
रक्षाबंधन सायली छंद: रक्षा बंधन पर शुभकामना संदेश, कविता, शायरी
सायली छंद
राखी
भैया
बांधैत छी
सिनेहक डोर हम
रहाय संबंध
अजर।
लाज
बहिन सभहक
बचाबैत रहबै सदिखन
नहि बनब
कमजोर।
बनायत
रक्षा सूत्र
चट्टान आहां के
करबै रक्षा
राष्ट्र।
छी
दीनानाथ सन
करबै उजास सबतरि
रखबै रक्षाबंधनक
मान।
देखि
बहिनक विपत्ति
नहि फेरबै मुंह
लगेबै नाव
पार।
अछि
गर्व हमरा
कोठी भरि -भरि
छी आहांक
बहिन।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ
रक्षा का बंधन बँधे, जब भाई के हाथ में।
लाज बचाना कृष्ण-सा, रहना मेरे साथ में।।
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू
प्यार है दुलार है ये राखी का त्यौहार है: रक्षाबंधन पर कविता | रक्षा बंधन शायरी
है महज धागा नहीं भाई बहन का प्यार है
प्यार है दुलार है ये राखी का त्यौहार है
था बड़ा मैदान घर का
छोटा सा वो आंगना
लड़ झगड़ के याद है
आज भी वो भागना
प्यार है मनुहार है तकरार है बौछार है
प्यार है दुलार है ये राखी का त्यौहार है
प्रेम की मुरत मिली है
भाइयों की बहनें सभी
भाई सदा सम्भालता है
जब गिरी बहनें कभी
दोस्तों के दोस्ती का इसमें मिला संसार है
प्यार है दुलार है ये राखी का त्यौहार है
है नहीं मामुली सा ये
रक्त का सम्बन्ध है
एक ही फुलवारी का
ये प्रेम का अनुबंध है
उत्सवों को जीने का प्यार है अधिकार है
प्यार है दुलार है ये राखी का त्यौहार है
आशा साहनी
मऊ उत्तर प्रदेश
रक्षाबंधन पर शुभकामनाएं Happy Raksha Bandhan Wishes In Hindi
भाई - बहन के प्रेम व अटूट रिश्ते के प्रतीक 'रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं
शुभकामनाएं
रक्षाबंधन भाई- बहन का पावन त्योहार है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई बहन को उपहार देता है। रक्षाबंधन का जिक्र महाभारत में भी मिलता है। द्रोपदी ने भगवान श्री कृष्ण को राखी बांधी थी। धार्मिक कथाओं के अनुसार सबसे पहले माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी। रक्षाबंधन के पावन दिन आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ।
जय माँ शारदा,जय जय सियाराम,
हर हर महादेव, जय जय श्री राधे,
जय जय हो बजरंगबली की
आपका शुभेच्छुक:
श्री दिनेश हरिलाल अग्रहरि, एवम समस्त परिवार
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं– कजरी रक्षा बंधन की संपूर्ण जानकारी इस कविता में
राजा बलि मां लक्ष्मी की कहानी सुन,
श्री हरि विष्णु की नादानी सुन ना।।टेक।।
राजा बलि को दिए बरदान,
उल्टा इहां बनि गवा विधान,
चौकीदार बनें श्रीविष्णु की कहानी सुन।
श्री हरि विष्णु की नादानी सुन ना।।1।।
मां लक्ष्मी जी अकुलाई,
मन में जुक्ती यह आई,
रक्षासूत्र बांधी बलि भाई की कहानी सुन।
श्री हरि विष्णु की नादानी सुन ना।।2।।
भाई बहन का यह त्योहार,
राजाबलि निभाए बारम्बार,
मागु मागु उपहार बोले बलि की कहानी सुन।
श्री हरि विष्णु की नादानी सुन ना।।3।।
मौका मां लक्ष्मी जी पाइनि,
तब तीन बचन है बधाइनि,
चौकीदार आपन देदो भाईबलि की कहानी सुन।
श्री हरि विष्णु की नादानी सुन।।4।।
पति श्रीविष्णु को मुक्त कराईनि,
राजाबलि को भाई है बनाईनि,
पहली राखी यही है प्रसिद्ध जग में कहानी सुन।
श्री हरि विष्णु की नादानी सुन ना।।5।।
तब से राखी का त्योहार,
बना भाई बहना का प्यार,
गावे कजरी लिख श्रीकांत सभा में जुबानी सुन।
श्री हरि विष्णु की नादानी सुन ना।।6।।
श्रीकांत दुबे बरजी गोपीगंज भदोही 9830177533
राखी का त्यौहार यह, आया खुशियों संग: राखी पर कविता शायरी
गुलाब की पंखुड़ियाँ
राखी का त्यौहार यह, आया खुशियों संग।
बांँधे कच्चे डोर से, भाई-बहन प्रसंग।।
भाई-बहन प्रसंग, भोर थाली है सजती।
डोर प्रेम मजबूत, जान इच्छाएं पलती।।
नमन कमल अनुराग,बने हैं धागे साखी।
भाई बहन मिलाप, पर्व संयोजन राखी।।
राखी में भाई बहन,बने पर्व सौगात।
झूम खुशी से मायका, प्रेम पतित प्रख्यात।।
प्रेम पतित प्रख्यात, भोर से बहना आई।
बांँध कलाई सूत्र, खिलाती मीठा भाई।।
हुए कमल फिर व्यस्त, याद बचपन गुस्ताखी।
एकाकीपन दूर,कराता बंधन राखी।।
राखी में आई बहन, हुलसे भाई बोध।
कुछ दिन बीते साथ में, सोच करे अनुरोध।।
सोच करे अनुरोध,प्रीत में भीगे नैना।
प्यारी तेरी चाह,निवेदन लगे सुखैना।।
हुई कमल मजबूर, साथ निकले थे पाखी।
उड़कर मगर विविक्त, मिलूंँगी मैं हर राखी।।
श्रीमती सरोज साव कमल रायगढ़ छत्तीसगढ़
ऐसे रखो राखी का मान भैया: रक्षाबंधन पर कविता | रक्षा बंधन शायरी | राखी गीत
रक्षा बंधन के पावन पर्व पर आप सभी लोगों को हार्दिक बधाई।
ऐसे रखो राखी का मान भैया
आप सभी लोगों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई।
ऐसे रखो राखी का मान भैया
( रक्षाबंधन )
बहन भाई से कहती है...
नही चाहिये मुझको हिस्सा,
माँ -बाबा की दौलत मॆ।
चाहे जो कुछ भी लिख जाये,
भैया मेरे वसीयत मॆ ॥1॥
नही चाहिये मुझको झुमका,
चूड़ी पायल और कंगन।
नही चाहिये अपनेपन की,
कीमत पर बेगानापन ॥2॥
मुझको नश्वर चीजो की,
दिल से कोई दरकार नहीँ।
सम्बन्धों की कीमत पर,
कोई सुविधा स्वीकार नहीँ ॥3॥
माँ के सारे गहने कपड़े,
तुम भाभी को दे देना।
बाबूजी का जो कुछ है सब,
खुशी -खुशी तुम ले लेना ॥4॥
चाहे पूरे वर्ष कोई भी,
चिट्ठी पत्री मत लिखना।
मेरे स्नेह निमंत्रण का भी,
चाहे मोल नहीँ करना ॥5॥
नही भेजना तोहफे मुझको,
चाहे तीज - त्योहारों पर।
पर थोड़ा सा हक दे देना,
बाबुल के गलियारों पर ॥6॥
रुपया -पैसा कुछ न चाहूं,
ये बोले मेरी राखी है।
आशीर्वाद मिले मैके से,
मुझको इतना काफी है ॥7॥
तोड़े से भी ना टूट सके जो,
ये ऐसा मन का बंधन है।
इस बंधन को सारी दुनियाँ,
कहती रक्षा बंधन है ॥8॥
तुम भी इस कच्चे धागे का,
मान जरा सा रख लेना।
कम से कम राखी के दिन,
बहना का रस्ता तक लेना ॥9॥
उस लड़की के दिल से पूछो,
पास नहीँ है जिनके भाई।
रक्षा बंधन नाम ही सुनते,
अनिल की आँखे भर आयी॥10॥
भाई बहन से कहता है.....
बहन तुम्हारी स्नेह प्रेम का,
हो सकता है मोल नही।
बहन तुम्हारी निष्ठा का,
हो सकता है तोल नही।।
रह करके ससुराल बहन तूँ,
फिर भी पीहर जीती है।
भाई के हितार्थ बहन तूँ,
व्रत उपवास भी रखती है।।
है याद हमे बचपन बहना,
अंगुली पकड़े रहती थी।
खुद खाने से पहले दीदी,
हमे खिलाया करती थी।।
बहन तुम्हारी अमिट नेह का
एक वाकया याद आया।
हम दोनों स्कूल गए पर,
गृहकार्य न मेरा हो पाया।।
गृहकार्य अपूर्ण पर गुरुवर ने
दस डंडा सजा सुना दी थी।
मुझे बचाने हेतु बहन तूँ,
अपनी हाथ बढ़ा दी थी।।
स्नेह डोर जिस हाँथ बधे,
वह मार नही खा सकता है।
बड़ी बहन के रहते तूँ,
दंड नही पा सकता है।।
हो बहन हमारी माता सम,
मुझ पर तुम्हारा हाथ रहे।
हे बहन तुम्हारी चरणों में,
झुका हमारा माथ रहे।।
मेरे जीतेजी हे भगिनी,
आंच तुझे ना आ सकती।
यह भाई तेरा समर्पित है,
घटा न दुख की छा सकती।।
खाकर तेरी शपथ बहन,
तुझसे वादा करता हूँ।
हर कन्या होगी बहन-सुता,
और न ज्यादा कहता हूँ।।
मेरी धड़कन में बहना,
एक तेरा भी स्पंदन है।
राखीबंधन-स्नेहबंधन पर,
सब बहनोँ को वंदन है।।
अनिल शर्मा
9773888000
मुम्बई
राखी गीत लिरिक्स इन हिंदी Raksha Bandhan Song Lyrics In Hindi
राखी गीत
ओ मेरे प्यारे भैया ओ
ओ भैया,आजाओ इस बार।
क्या ये बहना याद नही है,
कैसे दिया बिसार,,
ओ मेरे प्यारे भइया ओ
एक उदर से जन्म लिए थे
संग में खेले हैं तुम
भेज पति के घर मे मुझको
कैसे हो गुम सुम
साल में तो एक बार ही आता
यह पावन त्योहार,,
ओ भइया आजाओ इस बार
बोले थे कि तुम आओगे
लौट के अपने देस
लेकिन दिन गिनते गिनते मेरी
घिसी अंगुली की रेख
बहन की इच्छा क्या होती है
जान तो लो एक बार
ओ मेरे प्यारे भइया आजाओ
इस बार,,ओ,,,,
हर बहना की चाहत होती
भाई को राखी बाँधु
मैं तो "शबनम" चुप ही रहूंगी
किस को क्या कुछ बोलूँ
जिस बहना का भाई नही वो
किस को करे पुकार ओ भैया
आजाओ इस बार,,,
क्या ये बहना याद नही है
कैसे दिया बिसार ओ भैया,,,
शबनम मेहरोत्रा
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
रक्षाबंधन जैसे त्योहार मनाये जाते रहेगें: रक्षा बंधन पर कविता | रक्षाबंधन पर शायरी
एक महीन सूत के,
मूल्य इतने होगें,
कि इसपर
"राजपाट" भी
वारे जायेगें!
एक महीन सूत के
मान पर,
हम अपनी जान
हथेली पर ले लेगें!
जब तक
रक्षाबंधन जैसे
त्योहार
मनाये जाते रहेगें!
तब तक "ऊच्चादर्श"
"नैतिक मूल्य"
जैसे शब्दों के
स्थान शब्दकोष
में बने रहेगें!
तबतक कुकृत्यों की
भर्त्सना में
लोग आगे आते रहेगें!
जबतक
रक्षाबंधन जैसे
त्योहार
मनाये जाते रहेगें,
तबतक
"दामिनी" "निर्भया"
जैसे शब्द
नवलअर्थों में आते रहेगें!
भले हम
लाज न बचा पाएँ
राखियों की,
पर "राखी जिंदाबाद"
करते रहेगें!
राघवेन्द्र नारायण सिंह "राघव"
रामनगर (घाँटीगढ़)
पत्रालय- सिन्दुरी
अंचल- नारायणपुर
जिला- जामताड़ा ( झारखंड)
पिन - 815352
Happy Raksha Bandhan
पर्वो में कुछ खास हैं राखी,
बहना का विश्वास हैं राखी।
प्रेम सौहार्द रक्षा से पूर्ण ये,
रिश्तों का इतिहास हैं राखी।।
चंद्रगुप्त नाथ तिवारी
रक्षाबंधन की अशेष शुभकामनाएं
भाई बहन का अनुपम रिश्ता: रक्षा बंधन पर शुभकामना संदेश, कविता, शायरी
भाई बहन के प्यार भरे पावन त्योहार रक्षा बंधन की हार्दिक मंगलमय बधाई शुभकामनाएं..
कविता
रक्षाबंधन
त्यौहारों की पावन धरती,
आन-बान-शान निराली है।
जय बोलो भारत माता की,
हम सबकों अन्न खिलाती है।।
पूर्णिमा सावन महिने की,
दिन बड़ा मनभावन रविवार।
घर-घर में खुशियों की महिमा,
परमेश्वर लीला अपरम्पार।।
जन-जन में खुशियां छा जाती,
जब-जब रक्षाबंधन आती है।
बहना फूली नहीं समाती,
मन में बहुत वो हर्षाती है।।
भाई बहन का अनुपम रिश्ता,
प्यार प्रेम का पवित्र बंधन है।
राखी लेकर बहना आती,
अभिनंदन ही अभिनंदन है।।
बूढ़ी बुआ हमेशा आती,
बड़ी बड़ी वो राखी लाती।
हाथों में बंध वो शरमाती,
सबके मन को वो जो भाती।।
धागों का यह खाली डोरा,
अपनापन साथ निभाता है।
हर परिस्थिति में भी रक्षा का,
हमें सच्चा पाढ़ पढ़ाता है।।
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)
रक्षाबंधन शायरी | रक्षाबंधन श्रावणी पर्व पर बहन के लिए कविता
रक्षाबंधन (श्रावणी)पर्व पर
बहनें
घर को खूब सजाती बहनें।
आंगन को महकाती बहनें।।
छोटी बहना या हो दिदिया ,
घर को स्वर्ग बनाती बहनें।
रोली, अक्षत, थाल सजाके,
राखी लेकर आती बहनें ।
अपने भइया राजा के प्रति,
कोटिक प्यार लुटाती बहनें।
बांध कलाई पर राखी को,
नेह सुधा बरसाती बहनें ।
छोटी बहन नयन तारा सी,
मां सा स्नेह दिखातीं बहनें।
रक्षाबंधन पर्व सुहावन,
भाई के घर जातीं बहनें।
ओम प्रकाश खरे
जौनपुर २२/०८/२०२१
खुशियों की सौगात होती हैं राखियाँ रक्षा-सूत्र: रक्षाबंधन पर कविता Poem On Raksha Bandhan
रक्षा-सूत्र
खुशियों की सौगात होती हैं राखियाँ,
भाई के वचनों का उपहार हैं यें राखियाँ।
दिल में उमंगों की आस भी हैं राखियाँ,
हर दिल की दूरियों की बिछुड़न को भुला देती हैं राखियाँ।
अंतर में उमड़े भावों का एहसास हैं राखियाँ,
मिलन के संगमन का पर्व होती हैं राखियाँ।
बंद लिफाफे में सिमटी बंधन की डोर हैं राखियाँ,
दिलों के फासले को जो मिटा दें वो एहसास हैं राखियाँ।
यूँ तो धागा होता है एक रेशम की डोर,
कलाई में बँध जाये तो रक्षा सूत्र बन जाती हैं राखियाँ।
अनजाने दिलों को भी ये पिरोती हैं रिश्ते में,
सीमा पर खडे हर जवान का कवच होती हैं राखियाँ।
हर बहिन के मन का सच्चा विश्वास होता है हर भाई,
रूँठे हुए दिलों को भी मनाती हैं यें राखियाँ।
दीपक, रोली, चावल, मोली शुभमंगल प्रतीक हैं संस्कृति के,
आने वाले पर्वो का शुभारम्भ होती हैं राखियाँ।
डॉ गरिमा त्यागी
रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें
रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं | रक्षाबंधन पर कविता- धागा राखी का
कविता- धागा राखी का।
धागा राखी का भाई बहन का है प्रेम बंधन।
तोड़ने से टूटे ना लगाए बहना टीका चन्दन।
बहना को दिया रक्षा का वादा निभाना भईया।
तुम ही हो मेरी लाज का सदा सहइया।
भाई की कलाई में बांधा धागा प्यार का।
रहेगा इंतजार हरदम भाई के दुलार का।
पड़े जब भी जरूरत तू मुझे याद करना।
दौड़ा चला आऊँगा याद रखना मेरी बहना।
तू खुश रहे सुखी तेरा घर संसार रहे।
रहो दुलारी हमारी जबतक ये संसार रहे।
आए न कोई दुख तुमको भाव यही हमारा है।
सजा रहे सिंगार तेरा दुआ यही हमारा है।
महके तू बनके सुमन सदा घर आँगन में।
चहको सदा मेरी बहना मेरे मन भावन में।
दूर रहके भी तू सदा मेरे पास रहे मन में।
कमी कभी कोई न हो भरा रहे घर धन में।
रक्षा बंधन का त्योहार आज है आया।
बांध दो धागा प्यार का तेरे पास है आया।
मुंह मीठा कर लो मिठाई से जीवन मिठास रहे।
रोग शोक ताप कभी न बहना तेरे पास रहे।
उतारूँ आरती तेरी भईया विजय सदा तू करना।
करूँ प्रार्थना साथ न छूटे भईया खुश सदा तू रहना।
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
मुक्तक - भारतीय जवानों की राखी Raksha Bandhan Wishes For Indian Army
तिलक लगा राखी बांध दो बहनों बिरो के हाथो मे।
लगा बाजी जान की रक्षा करते बैरियो के घातो मे।
शेर ए हिन्द चौड़ी छाती लोहा लेंते सर कफ़न बांध।
दिखाते जौहर अपना जो न माने प्यार की बातो मे।
श्याम कुंवर भारती
आप सभी को रक्षाबंधन की बहुत बहुत बधाई हार्दिक शुभकामनाएं
झड़ झड़ झहरय नीर नयनमा में।
बहिनी रोवेला देहरी अंगनमा में।।
सांझ भई न आए भईया हमारे ।
घुरि फिरी बहना रहिया निहारे।।
भईया सीमा पे रहेला जवनमा में।
झड़ झड़ झहरय नीर नयनमा में।।
तू दीपक भईया हम बाती।
काहे न अईला फाटय छाती।।
तोहे दिन रात देखि सपनमा में।
बहिनी रोवेला देहरी अंगनमा में।।
जुग जुग जीआ भईया हमार हो।
अमर होय भाई बहिनी के प्यार हो।।
मांगी नित दिन पुजा भजनमा में।
झड़ झड़ झहरय नीर नयनमा में।।
उदय शंकर चौधरी नादान
युवा सशक्तिकरण संघ राष्ट्रीय महासचिव भारत।
9934775009
रक्षाबंधन बालगीत: राखी आई राखी आई
राखी आई राखी आई
बहना मेरी राखी लाई
मां भी नये कपड़े दिलवाई
वाह-वाह मस्त मिठाई लाई।।
राखी पे छोटा भीम बना है
रंग बी रंगी लाईट भी है
बटन दबाता बटन बंद करता
दोस्तों को इतरा दिखाई राखी।।
राखी आई-राखी आई
पापा मुझे पैसा देके थे बोले
बहना तू नेक ये देना
मैं बोला पापा मैं चाकलेट खाऊंगा
मैं ना दीदी को पैसे दे पाऊंगा।।
पापा बोले सुन मेरे भोले
ये रिवाज है ओ बड़बोले
ये पैसा बहन को नेक तुम देना
ये लो दो रुपये अलग से
इस पैसे से चाकलेट ले लेना।।
दीदी के लिये दस रुपये नेक मे
मुझे मिले सिर्फ दो रुपये
मम्मी बोली ओ मेरे लला
बहनों का तू सोच सदा भला।।२।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
रक्षाबंधन का त्यौहार आया रक्षाबंधन पर कविता
खुश हूं मैं भैया आज
रक्षाबंधन का त्यौहार आया
कम हुआ प्रकोप महामारी का
तुम मेरे घर आए
तरस रही थी तेरे दरस को
ये आंखें, तुझे देख
इन आंखों में ज्योति आई,
हम भाई-बहन मिल धमाल करेंगे
गिले शिकवे सब दूर करेंगे
बचपन की यादों को
धूल मिट्टी हो गई थी जिस पर
झाड़ पोंछ हम साफ करेंगे
आया रक्षाबंधन का त्योहार।
बहना दे रही आशीष तुझे
खुश रहे तू हमेशा
तरक्की तू खूब करे दिन-रात
सफलता तेरे कदम चूमे
परिवार का हमेशा साथ रहे
इल्तजा है मेरी तुझसे भैया
मात पिता को खुश रखना
हमारा प्यार यूं ही बना रहे।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
रक्षा बंधन पर्व पर विशेष रचना– ये धागे धन्य लिपट कर
ये धागे धन्य, लिपट कर
जिसने जग हित को जीवन का चिर- व्रत माना,
अपनी राखी का मूल्य उसी ने पहचाना।
भाई है वह, जो लाज बहन की रखता है,
उसकी पीड़ा या व्यथा दूर कर सकता है,
हर बहन विश्व की, जिसकी अपनी बहना है,
ऐसे विशाल उर का सचमुच क्या कहना है,
ऐसे चाहा जिसने यह बंधन बँधवाना
अपनी राखी का मूल्य उसी ने पहचाना,
जिसने जग-हित को जीवन का चिर- व्रत माना
जिसने दुर्भाग्य बेटियों का, सौभाग्य किया,
व्यापार वरों का, जिस नर ने न होने दिया,
मेटने असद - अन्याय, सभी से टक्कर ली,
जिसने बेबस की व्यथा, पीर- पीड़ा हर ली,
हर अनाचार से विकट युद्ध जिसने ठाना
अपनी राखी का मूल्य उसी ने पहचाना,
जिसने जग -हित को जीवन का चिर- व्रत माना
जो अगर देख ले, मां की आँखों में पानी,
हो जाए बागी, आत्मा समर्पित बलिदानी,
केवल जननी न- संस्कृति जिसकी माता है,
जो खुद पीडा सह, उसके कष्ट मिटाता है,
जिसने इस पथ पर मरने को जीवन जाना
अपनी राखी का मूल्य उसी ने पहचाना,
जिसने जगत को जीवन का चिर -व्रत माना।
ये धागे धन्य, लिपटकर उसी कलाई में,
ये ममता केंद्रित हुई उसी प्रिय भाई में,
ये बंधन शाश्वत बँधा उसी विस्तृत उर से,
काँपते अनय, अज्ञान, अशिव जिसके डर से,
इतना होकर भी रहा अहं से अनजाना
अपनी राखी का मूल्य उसी ने पहचाना,
जिसने जग हित को जीवन का चिर - व्रत माना
कवि अशोक गोयल पिलखुवा
8218065876, 9259053955
पावन बंधन रक्षाबंधन बहनों के सम्मान में: रक्षाबंधन पर कविता
पावन बंधन रक्षाबंधन
बहनों के सम्मान में
मुक्तक
थाल में रोली चंदन अक्षत
लेकर बहना आई।
भाई मस्तक तिलक लगाकर
मन ही मन हर्षाई।
रक्षा सूत्र को बांध कलाई
सुरक्षा का वचन लिया।
बलि जैसे बलशाली ने भी
बंधन रीत निभाई।
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रक्षाबंधन बंधे कृष्ण ने
द्रोपदी लाज बचाई।
इंद्र भार्या ने बांधी थी
राखी इंद्र कलाई।
संस्कृति सभ्यता विरासत
त्यौहार रक्षाबंधन।
हुमायूं ने कच्चे सूत की
रक्षा रीत समझाई।
मैं घोषणा करता हूं कि यह दोनों मुक्तक मौलिक स्वरचित है।
भास्कर सिंह माणिक, कोंच
माहिया रक्षाबंधन Mahiya Raksha Bandhan Shayari
माहिया
रक्षाबंधन
पावन बंधन राखी।
भइया बहिनी के-
मंगल पवनी राखी।।
कनक रजत की थारी।
चंदन अरु रोरी-
साजे द्रुपदकुमारी।।
बहिना बाट निहारी।
अँगना में आयो-
भइया नंदबिहारी।।
टीके माथ प रोरी।
कान्हा के कर में-
बान्हे रिस्ता डोरी।।
मुँह में धरत मिठाई।
जग प्यारी बहना-
लख लख देत बधाई।।
आ जा आ जा भइया।
बहिनी के पल-
मोहन लाज बचइया।।
लोक बिरासत साखी।
भइया जा रन में-
बहिना बान्हे राखी।।
सावन अति मनहारी।
जनगनमन सभके-
राखी मंगलकारी।।
अमरेन्द्र
आरा भोजपुर बिहार
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