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कोविड-19 और हमारी जवाबदेही | Covid-19 And Our Responsibility

कोविड-19,और हमारी जवाबदेही टीकाकरण है जरूरी

दुनिया जानती है कि चीन से ही कोरोना नामक नरसंहारक वायरस फैला है। जिसने सम्पूर्ण विश्व के 30लाख से अधिक मानव को काल के गाल में धकेल दिया। अनगिनत घर-परिवार उजड़ गये। आजतक कितनी आर्थिक क्षति हुई, इसका मूल्यांकन करना असंभव-सा प्रतीत होता है। भले ही चीन का उद्देश्य जैविक हथियारों का प्रयोग से विश्व को तहस-नहस कर अपनी विस्तारवादी सपने को साकार करना हो,या दूसरा कोई और लक्ष्य। यह अभी भविष्य के गर्भ में है।

क्या कोरोना वायरस पूर्ण नियंत्रण में है?

वैसे तो कई ऐसे छोटे राष्ट्र हैं-जहाँ कोरोना वायरस पूर्ण नियंत्रण में माना जा रहा है ,किन्तु कुछ बड़ी जनसंख्या वाले देश भी वायरस पर नियंत्रण के दावे कर रहे हैं।

भारत में कोरोना ने नियंत्रित होने के बाद भी पुनः विस्फोटक रूप धारण कर लिया है

यह दुर्भाग्य ही है कि भारत में कोरोना नियंत्रित होने के बाद भी पुनः विस्फोटक रूप धारण कर लिया है।और इस बार अधिक विध्वंसक अवतार में है। इसका मुख्य कारण है आमजन की लापरवाही । लोगों ने यह सोचा कि हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर चुके हैं। इस बीच लोगों का विदेशों से आना-जाना आरंभ हो गया। जन-जीवन सामान्य-सा दिखने लगा। शहरों-महानगरों में 'नाइटकलब',माॅल ,चलचित्रों आदि पुनः शुरू कर दिये गये। चौंकाने वाली बात तो यह है कि कोरोना काल में भी प्रशासन की मिलीभगत से 'डांस बार' चलते रहे। जानकारों का मानना है कि सिर्फ मुम्बई में ही 14 सौ डांस बार हैं। इसलिए कोरोना के पुनर्प्रसार में इसकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। दशकों से राजधानी दिल्ली के कई 'पार्कों 'में सूरज के ढ़लने से पूर्व ही वासना-पीड़ित जोड़ियाँ मानवता को शर्मसार करने वाली स्थिति में नजर आते हैं ।

सामुहिक स्थानों पर भीड़ में जान गवांने क्यों जायें?

बहरहाल, गौरतलब है कि दूरदर्शन और स्मार्ट मोबाइल पर ही 'मनोरंजन के अनगिनत प्रोग्राम उपलब्ध हैं, तो सामुहिक स्थानों पर भीड़ में जान गवांने क्यों जायें? मुझे रामचरितमानस का एक दोहा स्मरण हो आया-
'काह न पावकु जारि सक का न समुद्र   समाइ।
का न करै अबला प्रबल केहि जग कालु न खाय।।'
अर्थात-आग क्या नहीं जला सकती !समुद्र में क्या नहीं समा सकता!अवला कहलाने वाली स्त्री (जाति) क्या नहीं कर सकती!और काल किसको नहीं खाता!
अत:  कोरोना का महातांड के वर्तमान दौर में- रखें सामाजिक दूरी,

         टीकाकरण है जरूरी। 

रणविजय यादव, मानिकपुर, फुलकाहा,जिला-अररिया, बिहार।
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