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सरस्वती वंदना हिंदी में लिखी हुई | सरस्वती प्रार्थना लिखी हुई Saraswati Vandana Lyrics

बसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना प्रार्थना लिखी हुई | बसंत पंचमी पर कविता : बसंत पंचमी की आ रही वेला (गीत)

बसंत पंचमी की आ रही वेला (गीत)
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को पावन पारंपरिक पर्व बसंत पंचमी की ढेर सारी अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
बसंत पंचमी की आ रही है पावन वेला,
हम सब माता सरस्वती का ध्यान करें।
चरण शरण में जाएं, वीणा वादिनी के,
माता का ज्ञान चरणामृत, रसपान करें।
बसंत पंचमी की आ रही………..
माता शारदा की महिमा दरबार खुला है,
कमल आसिनी का ज्ञान भण्डार खुला है।
बड़े भाग्य से इतना सुंदर अवसर आता है,
अपने आंसू की हर बूंद को मुस्कान करें।
बसंत पंचमी की आ रही…………
पूजा की अभी से, हम सभी करें तैयारी
मां के चरणों से कोई लौटता नहीं खाली।
हर सेवक को मैया का प्रसाद मिलता है,
अपने जीवन को आशीर्वाद से महान् करें।
बसंत पंचमी की आ रही………….
लहरा रही शान से ज्ञान की पावन गंगा,
अविरल धारा में, हम साधक स्नान करें।
बसंत पंचमी में माता का रूप जो निराला,
जीवन के घने अंधेरे को नया बिहान करें।
बसंत पंचमी की आ रही………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

सरस्वती पूजा पर वंदना, मां शारदे की आरती भजन

वसंत पंचमी का शुभ दिन है आया
आज वसंत पंचमी का शुभ दिन है आया,
माता शारदा, सेवक को कुछ ज्ञान दे दो!
अंधेरा दूर कर दो, इस अज्ञानी जीवन से,
ज्ञान प्रकाश का, छोटा सा सामान दे दो!
आज वसंत पंचमी का ...
तेरे चरण कमलों में, ज्ञान भण्डार पड़ा है,
अपने चरण रज की, एक पहचान दे दो!
राष्ट्र सेवा, मैं करना चाहता हूं कलम से,
लेखनी रुके नहीं, सामान्य वरदान दे दो!
आज वसंत पंचमी का…
आंसू हर लो मैया, इस सेवक जीवन से,
सांस की खातिर, थोड़ी सी मुस्कान दे दो!
करूंगा आजीवन मैं, तेरे कमल की सेवा,
अपना कोई छोटा मोटा सा निशान दे दो!
आज वसंत पंचमी का…
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक, महाराष्ट्र
जयनगर (मधुबनी) बिहार

मां शारदा, जिस पर तेरी कृपा हो जाए, सरस्वती वंदना इन हिंदी Saraswati Vandana In Hindi

भक्ति गीत : मां सरस्वती वंदना
मां शारदा, जिस पर तेरी कृपा हो जाए,
वो जहां भी जाए, रास्ता अपना बनाए।
नयनों में सपने आए, होठ भी मुस्कुराए,
कोई आए या जाए, उसको अपना बनाए।
मां शारदा……

तू ज्ञान की देवी, जहां पर ज्ञान बरसाए,
कोई महामूर्ख वहां, कालीदास कहलाए।
जो अपने मन मंदिर में, तुमको बसाए,
बिन मांगे मैया, उसकी झोली भर जाए।
मां शारदा……

माता तू जिसे भुलाए, जग उसे ठुकराए,
तू जिसको बचाए, उसको सारे अपनाए।
जिसकी सेवा मां, तुमको पसंद आ जाए,
उसको कभी भी माता, तम नहीं सताए।
मां शारदा……

केवल एक बार मां, तेरी वीणा बज जाए,
जग में स्थान वह, एक मंदिर बन जाए।
यदि किसी गूंगे पर, तेरी नजर पड़ जाए,
बनकर महाज्ञानी वह, जग में छा जाए।
मां शारदा……

अमर ज्योति कहलाए, जिसे तू जलाए,
जहां जहां तू जाए, ज्ञान गंगा लहराए।
थोड़ी कृपा मांग रहा है कृष्णदेव बेचारा,
तुमको भा जाए तो, बेड़ा पार हो जाए।
मां शारदा……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/

जयनगर (मधुबनी) बिहार


सरस्वती प्रार्थना लिखी हुई - Saraswati Vandana Lyrics

मैया सरस्वती वंदना
जय जय जय मैया सरस्वती,
जय जय जय मैया भगवती।
चरण कमल, नीचे कमल है,
तेरी महिमा, जीवन सफल है।
बालक ज्ञान से, ज्ञानी बनता,
बालिका बन जाए विद्यावती।
जय जय जय मैयाा.....

सुमति, सुविचार देती हो मैया,
तू ही नैया, और तू ही खेवैया।
अनमोल है मां वरदान तुम्हारा,
मूरख मन का, तू ही है सहारा।
लौह, स्वर्ण का ज्ञान तुम देती,
तुम करुनामयी, तुम दयावती।
जय जय जय मैया……

तेरे ज्ञान से भागता है अंधेरा,
तू ही सूरज और तू ही सबेरा।
मैया तेरे चरण शरण आए हम,
कोई विधान न जाने मूर्ख मन।
जीवन उसी का सफल है मैया,
सिर जिसके तेरी महिमा रहती।
जय जय जय मैया……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है।
इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

भक्ति गीत : माता सरस्वती से विनती

ज्ञान दे मैया सरस्वती, हमें ज्ञान दे,
अपने चरण शरण में थोड़ा स्थान दे!
जीवन के अंधेरे से निकाल लो माते,
इस मूर्ख मन को तू नया बिहान दे।
ज्ञान दे मैया सरस्वती……
तेरी कृपा जब किसी पर हो जाती है,
अज्ञानता उस जीवन से खो जाती है।
तेरे दरबार में आकर गुहार करता हूं,
चरण रज के रूप में, कोई निशान दे!
ज्ञान दे मैया सरस्वती……….
मझधार में डोल रही आज मोरी नैया,
कहां पर तुम वीणा बजा रही हो मैया?
पल पल डरा रहा अज्ञानता का अंधेरा,
कुछ तो हमको भी ज्ञान का सामान दे!
ज्ञान दे मैया सरस्वती……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

प्रार्थना मां सरस्वती भक्ति गीत : मां वीणा वादिनी महिमा

मां वीणा वादिनी के चरणों के नीचे,
ज्ञान की अविरल गंगा बह रही है।
जागो उठो रे भक्तों, कलश भर लो,
सबसे माता की वीणा कह रही है।
मां वीणा वादिनी………..
बढ़ा रही है माता कमल की शोभा,
मंद मंद सुरभित हवा चल रही है।
माता पद्मासना देवी करुणामई है,
सारे संसार पर कृपा बरस रही है।
मां वीणा वादिनी……….
ज्ञान सागर से लोग भरते गागर,
कैसे ज्ञान कलशी छलक रही है?
उतर रही सुंदर आरती माता की,
जगमग यहां ज्योति जल रही है।
मां वीणा वादिनी………….
जो जितना चाहे ज्ञान पा सकता,
मां की ममता जैसे मचल रही है।
ज्ञान का भंडार लुटा रही है माता,
वीणा की झंकार निकल रही है।
मां वीणा वादिनी………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


सरस्वती वंदना भक्ति गीत : सरस्वती माता पुकार सुन लो

सरस्वती माता हमारी पुकार सुन लो,
शरण तेरे आए हम, एक बार सुन लो!
अज्ञानता के अंधेरे में भटक रहा मन,
ज्ञान की देवी कमल पे सवार सुन लो!
सरस्वती माता……….
जला दो अंधेरे मन में एक नई ज्योति,
नहीं मांग रहे हैं तुमसे कोई हीरे मोती।
मां फिर तुम अपनी वीणा बजाते रहना,
इस पर नहीं तो आज उस पर सुन लो!
सरस्वती माता…………
दया करो भक्तों पर, हे ज्ञान की देवी,
विद्या देनेवाली तुम वरदान की देवी।
तुमने एक मूरख को कालीदास बनया,
गुहार लगा रहे हम, ये गुहार सुन लो!
सरस्वती माता………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


सरस्वती मैया भक्ति गीत : मां शारदा से प्रार्थना

जय मां शारदा, एक प्रार्थना सुनो हमारी,
मेरे जीवन से दूर कर दो अज्ञानता सारी।
अलग मत करना, अपनी अराधना से मां,
जीवन भर करना चाहता हूं सेवा तुम्हारी।
जय मां शारदा………..
माता बड़ी प्यारी तेरी वीणा लग रही है,
पता नहीं हमें यह कब से बाज रही है।
तेरे दरबार में हे मैया, ज्ञान बंट रहे हैं,
तुम ही बताओ, कब आएगी मेरी बारी?
जय मां शारदा………….
चम चम चमके मां कमल आसन तुम्हारा,
तेरी भक्ति में लीन रहता यह जग सारा।
तेरी कृपा का दरकार हर किसी को होता,
तेरी महिमा से सफल है जीवन की पारी।
जय मां शारदा………….
यह प्रमाणित किया जाता है कि मां सरस्वती वंदना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास पूर्णतः सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


बसंत पंचमी की आई वेला (गीत)

“आप सभी मित्रों, साथियों एवं प्यारे बच्चों को बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मां सरस्वती कमल आसनी की असीम कृपा से ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाईयां।”

बसंत पंचमी की आई सुंदर पावन वेला,
हम सब माता सरस्वती का ध्यान करें।
चरण शरण में जाएं, वीणा वादिनी के,
माता का ज्ञान चरणामृत, रसपान करें।
बसंत पंचमी की आई………..

माता सरस्वती का आज द्वार खुला है,
कमल आसिनी का ज्ञान भण्डार खुला है।
बड़े भाग्य से इतना सुंदर अवसर मिला,
अपने आंसू की हर बूंद को मुस्कान करें।
बसंत पंचमी की आई…………

जो भी पूजा की आज, सजाता है थाली,
माता की चरणों से, लौटता नहीं खाली।
हर सेवक को मैया का प्रसाद मिलता है,
जीवन के वरदान को, महा वरदान करें।
बसंत पंचमी की आई………….

लहरा रही शान से ज्ञान की पावन गंगा,
अविरल धारा में, हम साधक स्नान करें।
बसंत पंचमी में माता का रूप है निराला,
जीवन के घने अंधेरे को नया बिहान करें।
बसंत पंचमी की आई………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार


प्रार्थना सरस्वती माता की : जय माँ शारदा भवानी

प्रार्थना
जय माँ शारदा भवानी
जय माँ वीणापाणि,
जय सिद्धियुत धाम,
तेरे चरण पर मस्तक रखकर,
करुं कोटि प्रणाम,
तेरी गाथा गा गाकर,
बने गुणी व ज्ञानी।
जय माँ शारदा भवानी।

तुम हो माँ सिद्धि की दाता,
तुम हो पुरे जगत की माता,
न्याय करो अन्याय नहीं करना,
तुम हीं भाग्य विधाता,
ले लो माँ तुम शरण में अपनी,
हम हैं मूढ़ ,अज्ञानी।
जय माँ शारदा भवानी।

करों में सुंदर वीणा शोभे,
एक हाथ में पुस्तक,
मस्तक पर वो हाथ रख दो,
जो सबका है मुक्तक,
मुकूट की शोभा वर्णन नहीं की जाये,
कही नही जाये वखानी।
जय माँ शारदा भवानी।

थोड़ी दया करो तुम माता,
हम बन रहे वेचारे,
एकमात्र आशा तुमपर है,
तुमबिन कौन उबारे,
सद्बुद्धि,विवेक दो हमें माता,
बनूँ नहीं अभिमानी।
जय माँ शारदा भवानी।
अरविन्द अकेला


जय मां शारदे : सरस्वती पूजा पर गीत

"जय मां शारदे"
हे ज्ञान की देवी तेरा-2
वरदान जो मिल जाये
मन की बगिया के सारे-2
अरमान ये खिल जाये।
हे ज्ञान की देवी तेरा...!!

तूं हीं दया का भंडार हो मां
देती हो सबको सहारा।
तेरी शरण मां जो भी है आता
मिलता है उसको किनारा।

नजर हमपे कर दो
सद्भाव भर दो
ये जीवन संवर जाये...!!
हे ज्ञान की देवी तेरा-2
वरदान जो मिल जाये।
मन .... हे ज्ञान....!!

वीणापाणि,विद्यादानी
नाम सभी हैं तुम्हारे।
लेकर तुझसे ज्ञान ओ मैया
जीवन को क्यूं ना सुधारे।

तेरे गुण मैं गाऊं
मैं सर को झुकाऊं।
ऐसे निखर जायें...!
हे ज्ञान की देवी तेरा
वरदान जो मिल जाये।
मन की बगिया के सारे-2
अरमान ये खिल जाये।
हे ज्ञान की देवी तेरा...!!
---प्रीतम कुमार झा।
महुआ, वैशाली, बिहार

सरस्वती वंदना आरती | सरस्वती वंदना स्कूल में गाने के लिए

हे माँ सरस्वती

हे शारदा माता शरद की
पूर्णिमा सा कर दो उजाला
तार कर दो वीणा के झंकृत
मन मेरा हो जाये शिवाला

सरस्वती वंदना मंत्र

घोल दो वाणी में शहद कि
हो जाए कंठ कोकिला सा
नयनों की ज्योति से होये
उजला घर आँगन चौबारा

saraswati-vandana-prarthana-in-hindi-lyrics

सरस्वती वंदना फोटो

ज्ञान का दीपक जलाकर
तिमिर ह्रदय का मिटा दो
सबके प्रति हो प्रेम मन में
ह्रदय में करुणा की धारा

सरस्वती वंदना कविता

तेरे बिना ये जीवन अधूरा
क्या उजियारा क्या अंधेरा
मन की कुटिया में तेरे पग
पड़ जाएं सौभाग्य हमारा
माँ तुमसे ही हर सुर राग है
बस तुमसे ही अनुराग है
तुम मिलो यूँ लगता जैसे
राधा को मिले कृष्ण प्यारा

डॉ अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर

सरस्वती वंदना हिंदी में - Saraswati Vandana In Hindi Lyrics

सरस्वती वंदना

शारदे का जग में जो स्थान है।
कौन है वो इस से जो अन्जान है।

तेज मुख पर लब पे भी मुस्कान है।
वीणापाणी तेरी यह पहचान है।

हर सुरीले कण्ठ में बसती है तू।
सुर की देवी तेरी ऊँची शान है।

देन हैं तेरी ही ये सुर ताल सब।
तेरा भक्तों पर बड़ा ऐहसान है।

जिस तरफ़ भी देखिए माँ भारती।
आप ही का तो फ़क़त गुणगान है।

सुर के दीवानों की बीणा वादिनी।
तेरे चरणों में ही अर्पित जान है।

ज्ञान के भण्डार की हे स्वामिनी।
तू जिसे वर दे वही धननवान है।

है दया जिस पर फ़राज़ उसकी वही।
गीत ग़ज़लों का यहाँ सुल्तान है।

सरफ़राज़ हुसैन फराज़ मुरादाबाद

जय माँ शारदे, माँ सरस्वती वंदना | माँ सरस्वती शारदे Lyrics in Hindi

शुक्रवार
माँ सरस्वती वंदन
जय माँ शारदे,
ज्ञान का भंडार दे।
सबको आहार दे,
सुमधुर पवित्र व्यवहार दे।।
पवित्र पावन संसार दे,
सभ्य शिष्ट संस्कार दे।
निर्मल निश्छल प्यार दे,
जीवन को स्वच्छ बयार दे।।
प्रेम प्रगाढ रूपी हार दे,
उदारता बड़ा आकार दे।
सुंदर सुबुद्धि सुविचार दे,
बंधुत्व का ही बाजार दे।।
दुर्बुद्धि को अब टार दे,
दुर्विचार को अब मार दे।
भक्तों को तू तार दे,
जीवन को सुंदर आधार दे।
बल बुद्धि ज्ञान अपार दे,
बुरा जीवन तू सुधार दे।
सभ्य शिष्ट परिवार दे,
ऐसे ही हमें मित्र यार दे।।
मेरी नाव लगा तू पार दे,
निकाल मुझे तू मजधार दे।
न रार दे
न ही तकरार दे,
सुंदर जीवन का सार दे।।
हिंदी उर्दू साहित्य संसार से जुड़े समस्त आदरणीय बंधुओं और आदरणीया माताओं बहनों को सहृदय सादर सप्रेम सहर्ष प्रणाम। आप सबों का आशीर्वाद सदैव हमें मिलता रहे।
अरुण दिव्यांश - 9504503560


सरस्वती वंदना प्रार्थना लिखी हुई | सरस्वती वंदना स्कूल में गाने के लिए

समस्त साहित्य प्रेमी माताओं, बहनों और बंधुओं को हृदयतल से सादर नमन। पूर्वी भारत के मोती के विद्वजनों ने कल सरस्वती वंदन का विस्तार देने हेतु आदेश दिया था, जो शिरोधार्य करते हुए सेवार्थ प्रस्तुत है।
सरस्वती वंदन
जय माँ सरस्वती शारदे,
जीवन के सुंदर सार दे,
सुंदर ज्ञान सद्व्यवहार दे,
सुंदर सभ्यता संस्कार दे,
रोग दोष संशय को मार दे,
अपनी कृपा का बौछार दे,
मन के अँधेरे को फार दे,
ज्ञान बुद्धि माँ तं अपार दे,
सभ्य शिष्ट निष्ठ आचार दे,
मन में अंतर्वाह्य सदाचार दे,
हर अच्छाईयाँ माँ तू वार दे,
कलम में शक्ति पैनी धार दे,
प्रेमक माला पहनूँ पहनाऊँ,
ऐसा सुंदर मुझे तुम हार दे,
मेरा जीवन बिखरा पड़ा है,
माँ तू इसे अब भी सम्हार दे,
वीणा से भी मधुर वाणी दे दे,
सुर से मधुर स्वर में प्यार दे,
बन जाय मृदुल मेरा जीवन,
माँ इसे तू कभी मत टार दे।
पूर्णतः मौलिक एवं 
अपारकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश 9504503560


सरस्वती वंदना स्कूल प्रार्थना

समस्त माताओं, बहनों एवं बंधुओं को बसन्त पंचमी और गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं बहुत सारी शुभकामनाएँ। बसन्त पंचमी के उपलक्ष्य में माँ शारदे की वंदना का प्रयास:
तर्ज: होठों को छू लो तुम, मेरा ---

माँ शारदे की चरणों में,
सब कुछ अर्पित कर दो।
सब कुछ अर्पित कर दो,
तन मन अर्पित कर दो।।
सब रूप इन्हीं की है,
दुर्गा चंडी औ काली।
जो द्वार गया इनके,
लौटा कभी न खाली।।
तन मन से लीन होकर,
माँ की भजन कर लो।
माँ शारदे की चरणों ---------
भण्डारी हैं विद्या की,
होता कभी न खाली।
आगे फैलाया जिसने,
लाया वह भरके थाली।।
चरणों में अमृत इनके,
पी जीवन अमर कर लो।
माँ शारदे की चरणों -----------
पूर्णतः मौलिक एवं 
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

मां शारदे! वर दे भजन: माँ शारदे वंदना Bhajan Maa Sharde Var De

मां शारदे! वर दे।
चरण-शरण विद्या, वीवेक मय,
विभु-वैभव विज्ञान, ज्ञान मय,
प्रांजल, प्राज्ञ उदय शुचिता मय,
नर हो जाए नारायण मय;

नारी को आकाश विहग-पर दे,
मां शारदे! वर दे।

अग-जग आलोकित, आनंदित,
जीव,चराचर प्रमुदित, पुलकित,
धरा,गगन वीणा-स्वर मुखरित,
आत्म चेतना जागृत हुलसित;

कण-कण में अभिनव प्रकाश भर दे,
मां शारदे! वर दे।
विनीत
डाॅ. शारदाचरण
शारदाचरण माँ शारदे वंदना Bhajan Maa Sharde Var De
डाॅ. शारदाचरण
उपर्युक्त कविता डाॅ. शारदाचरण जी की है। कविता बड़ी अच्छी है। विश्वास है आपको अवश्य पसंद आई होगी।
सादर धन्यवाद मित्रों !

सरस्वती वंदना | सरस्वती वंदना प्रार्थना लिखी हुई | सरस्वती वंदना स्कूल में गाने के लिए

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरुर साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः ओम।
हे वीणावादिनी मां तेरे द्वारे आए हम।
वंदन करते दिन रैन तेरी आशीष पाए हम।
हे वीणावादिनी मां तेरे द्वारे आए हम।।
बाधा जग की सारी माता तू मिटा देना।
बालक है हम तेरे मेरी बिगड़ी बना देना।
हे स्वर सामज्ञी मां हे शीश झुकाए हम।
वंदन करते दिन रैन तेरी आशीष पाए हम।
हे वीणा वादिनी माँ तेरे द्वारे आए हम।
श्रद्धा भक्ति संग में फरियाद मेरी सुन ले।
तू छोड़ कमल आसन संताप मेरा हर ले।
मझधार पड़ी नैया मंदिर पडि नैया मां के कैसे रिझाये हम ।
हे वीणावादिनी मां तेरे द्वारे आए हम।
वंदन करते दिन रैन तेरी आशीष पाए हम।
हे वीणावादिनी मां तेरे द्वारे आए हम ।ओम नमस्कार ।
वी अरुणा कोलकाता
सरस्वती फोटो मां शारदे फोटो Saraswati Vandana bhajan image

माँ सरस्वती वंदना | सरस्वती पूजा पर माँ शारदे की आरती भजन

विद्या की देवी ओ सरस्वती माता,
दे मुझको विद्या का दान
जैसे बना एक व्यधा से कविवर
वो बाल्मीकि महान
कृष्ण की जीभ से हो के
अवतरित
कृष्ण क़े पूजन से होके
प्रचारित
बन के नारायण की नारायणी तुम,करती हो जग कल्याण ,,
विद्या की देवी-------

विद्या कला की ओ देवी
ब्रह्मामणि
अक्षर भी तुम शब्द और तुम
हो वाणी
तुम ही विचारो को साकार करती,देवी तुम्ही ही हो ज्ञान
जैसे एक व्यधा से----

तेरी दया से ही पण्डित और
ग्यानी
तेरी कृपा से ही ज्योतिष
विज्ञानी
तेरे ही हाथो में "शबनम"छुओ
है,प्रथम और अंतिम सोपान
विद्या की देवी व सरस्वरी माता
दे मुझको विधा का दान
शबनम मेहरोत्रा
(सर्वाधिकार सुरक्षित)


सरस्वती वंदना Saraswati Vandana Lyrics in Hindi

सरस्वती वंदना- वीणा का तार
मा वीणा का तार तेरी जब बजती है।
हर तरफ कृपा की झंकार तेरी गूंजती है।

तेरे बिना अज्ञान मै अपना कहा मिटाऊंगा।
तेरी कृपा के बिना ज्ञान मै कहा पाऊंगा।
हो जाए कल्याण जब नजर तेरी पड़ती है।

हंस की सवारी तेरी मा शारदा तेरा नाम है।
जहा हो बिद्दया के पुजारी वहा तेरा ही धाम है।
तेरी दया की खातिर नजर मेरी तरसती है।

फैला मन अंधेरा मेरे अब इसे मिटाओ तुम।
कर के प्रकाश अपनी महिमा अब दिखाओ तुम।
हर घड़ी तेरा ही नाम जिह्वा खूब जपती है।
मां वीणा का तार तेरी जब बजती है।
श्याम कुंवर भारती।
बोकारो झारखण्ड

सरस्वती वंदना प्रार्थना Saraswati Vandana Lyrics
सरस्वती वंदना स्कूल में गाने के लिए

भोजपुरी सरस्वती वंदना – विनवा के तार

झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार
हंस चढ़ी चली आवा माई हाली हमरे द्वार

अज्ञानी अनाड़ी तोहके हम हरदम पुकारेली
सुनर गोर रूपवा माई हम एकटक निहारेली
बल बुद्धि देतु माई करा हमरो उद्धार
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार

दुनिया मे केहु नईखे बिना तोहरे मोर सहारा
डलतू नजरिया हमरो मिल जात अब किनारा
तोहरों चरनिया पूजे माने सारा संसार
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार

रूपवा तोहार देवी खूब चम चम चमकेला
मनवा हमार बिना तोहरे डह डह डहकेला
बिदद्या के देवी शारदा भर दा झोलिया हमार
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार

अँखिया के लोर मोर टप टप टपकत बा
ज्ञान बिना भारती अब गली गली भटकत बा
किरीपा करा भवानी होखे मोर लेखनी सुधार
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब 9955509286


मुक्तक - विद्या की देवी

हे विद्या की देवी शारदा ज्ञान की तुम वर्षा करो।
दे दो वरदान करे कलम कमाल मन हर्षा करो।
दोहा छंद चौपाई बने गीत सरगम हो राष्ट्र गान।
हो सबकी मन बुद्धि सुद्धी हृदय प्रेम चर्चा करो।
श्याम कुंवर भारती


सरस्वती माता की आरती : मातृ वंदना

ज्ञान पुंज माँ हंसवाहिनी ममतामयी पथगामिनी।
ज्योतिर्मय जीवन पथ करदे दयामयी वरदायिनी।।

सद्भावों की ज्योत जले माँ अंतः में सुविचार पले।
निर्मल मन करदे जग जननी शारदे सुखदायनी।।

परमार्थ में हो प्रशस्त पथ पुण्य मार्ग सन्मार्ग चलें।
वाणी अमृतमय मधूमय दो प्रज्ञा पुस्तकधारिनी।।

अज्ञान के गहन तिमिर में हूँ प्रकाश हमें दो माँ।
हम बालक हैं द्वार तुम्हारे कृपा करो नारायणी।।

ज्ञान की गंगा बहा दो प्रेम की धारा बहे।
है यही विनती हमारी सुनलो विद्यादायिनी।।

जाएं हम किसके शरण में मंदबुद्धि नादान हैं।
उज्ज्वला माँ काव्यधारा जयति मंगलदायिनी।।

सरस्वती पुजन एवं बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।
उदय शंकर चौधरी नादान
अखिल विश्व युवा सशक्तिकरण संघ राष्ट्रीय महासचिव
9934775009

भक्ति गीत : मां सरस्वती वंदना

मां सरस्वती, जिस पे तेरी कृपा हो जाए,
वो जहां भी जाए, रास्ता अपना बनाए।
नयनों में सपने आए, होठ भी मुस्कुराए,
कोई आए या जाए, उसको अपना बनाए।
मां सरस्वती………….

तू ज्ञान की देवी, जहां पर ज्ञान बरसाए,
कोई महामूर्ख वहां, कालीदास कहलाए।
जो अपने मन मंदिर में, तुमको बसाए,
बिन मांगे मैया, उसकी झोली भर जाए।
मां सरस्वती…………

माता तू जिसे भुलाए, जग उसे ठुकराए,
तू जिसको बचाए, उसको सारे अपनाए।
जिसकी सेवा मां, तुमको पसंद आ जाए,
उसको कभी भी माता, तम नहीं सताए।
मां सरस्वती………..

केवल एक बार मां, तेरी वीणा बज जाए,
जग में स्थान वह, एक मंदिर बन जाए।
यदि किसी गूंगे पर, तेरी नजर पड़ जाए,
बनकर महाज्ञानी वह, जग में छा जाए।
मां सरस्वती………..

अमर ज्योति कहलाए, जिसे तू जलाए,
जहां जहां तू जाए, ज्ञान गंगा लहराए।
थोड़ी कृपा मांग रहा है कृष्णदेव बेचारा,
तुमको भा जाए तो, बेड़ा पार हो जाए।
मां सरस्वती…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

मैथिली भक्ति गीत : सरस्वती मैया हे (मैथिली)

“सभ मित्र आओर प्रियजन के महान् पारंपरिक पाबैन बसंत पंचमी एवं माता सरस्वती पूजन केर सुअवसर पर ढेर रास हार्दिक शुभकामना आओर अशेष बधाई।“
सरस्वती मैया हे, सुनु विनती हमर,
कष्ट मे कटि रहल छै जीवन सफर।
अंहार मे भटैक रहल छी एखन हम,
कृपा करू हे मैया, अहि सेवक पर!
सरस्वती मैया हे………..
हमरा चाही मैया, ज्ञान केर भीख,
बुझि परैत अहि वरदान बड़ नीक।
चरण रज केर तिलक करब माता,
मूर्ख मन के लागि रहल छैक डर।
सरस्वती मैया हे………..
जे पबैत अहि अहां केर आशीर्वाद,
भए जाईत छै जीवन ओकर आबाद।
हमरा ने सोना चाही ने चानी मैया,
नीक लगैत अहि घास फूसक घर।
सरस्वती मैया हे…………
हम प्रमाणित करैत छी जे ई रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित अहि। एकर सर्वाधिकार कवि/कलमकार केर पास सुरक्षित थिक।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
मिथिला धाम
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