Prernadayak Maithili Kavita | Motivational Poem In Maithili
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
डूबल सूरज की जग में अंधेर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
टुकुर टुकुर ताकैय छि अहा पटना केर
चुप चाप सही जाय छि दुर्घटना केर
फुलल कली से देखु से अधेड़ भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
डूबल सूरज की जग में अंधेर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
टुकुर टुकुर ताकैय छि अहा पटना केर
चुप चाप सही जाय छि दुर्घटना केर
फुलल कली से देखु से अधेड़ भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
Motivational Shayari In Maithili
प्रातःकालीन प्रेरणादायक मैथिली कविता
मिल सब पर में देखु लागल या ताला
मैथिली बिनु देखु चली रहल पाठशाला
मातृभाषा संग केहन ई अंहेड भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
केहन चिक्कन अछि गाम शहर देखु
मैथिलक रातू फुटपाथक सड़क देखु
श्रम हमर आ दिल्ली के भोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
हाल उपचारक अछि केहन से नैय पूछू
बाढ़ि में डुबल फसल कतेक से नैय पूछू
दिन कारी हमर दोसरक गोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
अहाँकेर की भेटायल कनी सेह कहु
नैना के कहिया धैर भेजब प्रदेश कहु
बजलु सच त सगरो ई शोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
करी निहौरा अहा स हम कर जोड़ी
श्रेष्ठता के अहा अप्पन ई अहं छोड़ी
देखु सरिता बनी आँखीक नोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
सोनू कुमार मिश्रा
मैथिली बिनु देखु चली रहल पाठशाला
मातृभाषा संग केहन ई अंहेड भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
केहन चिक्कन अछि गाम शहर देखु
मैथिलक रातू फुटपाथक सड़क देखु
श्रम हमर आ दिल्ली के भोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
हाल उपचारक अछि केहन से नैय पूछू
बाढ़ि में डुबल फसल कतेक से नैय पूछू
दिन कारी हमर दोसरक गोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
अहाँकेर की भेटायल कनी सेह कहु
नैना के कहिया धैर भेजब प्रदेश कहु
बजलु सच त सगरो ई शोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
करी निहौरा अहा स हम कर जोड़ी
श्रेष्ठता के अहा अप्पन ई अहं छोड़ी
देखु सरिता बनी आँखीक नोर भ गेलए
जागु जागु यौ मैथिल अबेर भ गेलए
सोनू कुमार मिश्रा
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