संतुष्टि पर विचार-संतोष पर विचार | संतोष स्टेटस-संतुष्टि पर शायरी
Motivational Shayari | Satisfaction Quotes In Hindi
मिल जाए जिसे संतोष का खजाना
मिल जाए जिसको, संतोष का खजाना,
उसके पीछे पीछे भागता, यह जमाना।
जहां कुछ पाने की, अभिलाषा होती है,
वहां संभव नहीं है संतोष का ठिकाना।
मिल जाए जिसे…
मिल जाए जिसको, संतोष का खजाना,
उसके पीछे पीछे भागता, यह जमाना।
जहां कुछ पाने की, अभिलाषा होती है,
वहां संभव नहीं है संतोष का ठिकाना।
मिल जाए जिसे…
Prernadayak Shayari | Motivational Quotes
जहां कुछ भी खोने की परवाह नहीं है,
संतोष चाहता वहां, कुछ पल बिताना।
संतोष की राहों में, धन बड़ी बाधा है,
इसलिए कठिन होता संतोष का आना।
मिल जाए जिसे…
असंतोष बहुत बड़ी समस्या होती वहां,
संतोष जहां चाहता, कुछ रंग जमाना।
हम सब संतोष को ही अपनाएं हमेशा,
अगर चाहते हैं आगे को कदम बढ़ाना।
मिल जाए जिसे…
लालच, संतोष का सबसे बड़ा शत्रु है,
वह जानता है, राहों में रोड़े अटकाना।
संतोष तनाव को दूर करता जीवन से,
सबसे ऊपर लगता संतोष का पैमाना।
मिल जाए जिसे…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र) जयनगर (मधुबनी) बिहार
संतोष चाहता वहां, कुछ पल बिताना।
संतोष की राहों में, धन बड़ी बाधा है,
इसलिए कठिन होता संतोष का आना।
मिल जाए जिसे…
असंतोष बहुत बड़ी समस्या होती वहां,
संतोष जहां चाहता, कुछ रंग जमाना।
हम सब संतोष को ही अपनाएं हमेशा,
अगर चाहते हैं आगे को कदम बढ़ाना।
मिल जाए जिसे…
लालच, संतोष का सबसे बड़ा शत्रु है,
वह जानता है, राहों में रोड़े अटकाना।
संतोष तनाव को दूर करता जीवन से,
सबसे ऊपर लगता संतोष का पैमाना।
मिल जाए जिसे…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र) जयनगर (मधुबनी) बिहार
व्यक्ति की लालसा पर कविता Poem On Man's Longing In Hindi
व्यक्ति की लालसा
(कविता)
सबकी लालसा अलग अलग होती है,
पर हर व्यक्ति बनना चाहता महान्।
कोई साहित्यकार बनना चाहता आगे,
कोई कलाकार का मांगता है वरदान।
सबकी लालसा अलग……
कोई चाहता है अच्छी नौकरी सरकारी,
जिससे वह अन्य लोगों पर पड़े भारी।
धन की लालसा भी, पीछे नहीं रहती,
कौन नहीं बनना चाहता है धनवान?
सबकी लालसा अलग……
किसी में राजनेता बनने की लालसा,
कोई बनना चाहता सेना का जवान।
लालसाओं की कोई सीमा नहीं होती,
हर कोई रखता है लालसा का ध्यान।
सबकी लालसा अलग……
लालसा ही बड़े सपने दिखाती सबको,
तभी कोई भरना चाहता ऊंची उड़ान।
वरना किसी को क्या फर्क पड़नेवाला?
लालसा ही दिलाती है सबको पहचान।
सबकी लालसा अलग……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
Read More और पढ़ें:
0 टिप्पणियाँ