Naat Sharif Ya Nabi Sallu Alai
नात शरीफ़ हिंदी में
आज सल्लेअला की आमद है
सय्यदुल अंबिया की आमद है।
जिसके दर के मलक भिखारी हैं
उस हबीबे ख़ुदा की आमद है।
नूर फैला है चार सू देखो
जग में नूरे ख़ुदा की आमद है।
Al Nabi Sallu Ala
मेरे सरकार आए हैं जग में
जो धरा पर ज़िया की आमद है।
होंगी आसान मुश्किलें सब की
आज मुश्किल-कुशा की आमद है।
ख़ुश-नुमा हो गईं फ़ज़ाएं भी
क्यों न हों ख़ुशनवा की आमद है।
क्यों न रौशन हो ये जहान 'मधु '
ख़ातेमुल अंबिया की आमद है।
मधुबाला श्रीवास्तव "मधु जोधपुरी''
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