नये साल पर बेस्ट नज़र शायरी
नये साल पर हुस्न में निखार
इक तीर ऐसा मस्त नज़र का तू का मार दे।
हुस्न ए सुख़न जो और भी मेरा निखार दे।
काँटो का ताज दे के तू फूलों के हार दे।
हर शय मुझे क़ुबूल है जो भी तू यार दे।
क़रार पर बेहतरीन शायरी
मिल जाएगा क़रार तड़पती ह़यात को।
इक पल जो मेरे साथ तू हँस कर गुज़ार दे।
सब हम से कह रहे हैं के नीची नज़र रखो।
ऐसा भी कोई है जो उन्हें भी सुधार दे।
आशिक़ी शायरी
देखा न ऐसा कोई भी मन्तर किताब में।
जो आशिक़ी के भूत को सर से उतार दे।
मिस कॉल पर शेर
यह कौन कह रहा है के तू कॉल कर मुझे।
मिस कॉल ही दे चाहे मगर बार बार दे।
चाँद से चेहरे पर शायरी
ज़ुल्फ़ें हटा के चाँद से चेहरे से ऐ सनम।
माहौल शायरी के लिए साज़गार दे।
रह़मत फ़राज़ उसकी जो आ जाए जोश में।
दुनिया तो चीज़ क्या है वो उक़बा सँवार दे।
सरफ़राज़ हुसैन फराज़
मुरादाबाद
उत्तर प्रदेश
India
Hindi Urdu Sahitya Sansar
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