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Serious poems In Hindi

ज़ख़्में-दिल शायरी

khamoshi shayari

दे के ख़ामोशियाँ क़हक़हा ले गईं
मुझसे जाती रुतें सब अदा ले गईं।

Mother's Day Shayari

मां की यादों से दामन छुड़ा ले गईं
बेटियां घर की रौनक चुरा ले गईं।

बेटे लड़ते रहे ज़र-ज़मीं के लिए
बेटियां बस ख़ुशी से दुआ ले गईं।

हो गईं अपनी भक्ति से मीरा अमर
गोपियाँ कृष्ण का मन चुरा ले गईं।

ये मशीनी ज़माने की लहरें थीं जो
चिट्ठियों का हसीं फ़लसफ़ा ले गईं।

वक़्त की गर्दीशें, उम्र की साज़िशें
ख़्वाहिशें, हसरतें सब उठा ले गईं।

ज़ख़्में दिल अतिया लब से बयां ना हुए
हाँ मगर आँखें सब कुछ बहा ले गईं।

अतिया नूर

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