मैं दिसंबर हूँ यारों! New Year Poem In Hindi
Kavita On December Month
सर्दियों में हिन्दी कविता, नये साल पर कविता
Poem On December
दिसंबर महिने पर कविता, जाड़े के लिए शायरी
मैं दिसंबर हूँँ यारों!
25 December
मैं सिर्फ कड़कड़ाती ठंड ही कि नहीं खट्टी मीठी यादों का गलियारा भी हूं
कुछ ही दिनों में मेरा यह वर्ष
भूतकाल बन जाएगा
नए वर्ष के इंतजार में
मैं तो यूं ही फिरता हूं
क्योंकि मैं तो दिसंबर हूं यारों
बस बीतता साल ही हूं यारों।
लड्डू हलवे तिल गुड़ का साथी हूं मैं
सब की खट्टी मीठी यादों का गलियारा हूं मैं।
पूरे वर्ष क्या किया लेखा-जोखा करते सब
नई उमंगे उल्लासित मन
नव वर्ष का स्वागत करने
आतुर है सब
मुझे भी समय दो यारो
मैं भी तुम्हारे बीते समय का हिस्सा हूं
दिसंबर हूं यारों।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
25 December
मैं सिर्फ कड़कड़ाती ठंड ही कि नहीं खट्टी मीठी यादों का गलियारा भी हूं
कुछ ही दिनों में मेरा यह वर्ष
भूतकाल बन जाएगा
नए वर्ष के इंतजार में
मैं तो यूं ही फिरता हूं
क्योंकि मैं तो दिसंबर हूं यारों
बस बीतता साल ही हूं यारों।
लड्डू हलवे तिल गुड़ का साथी हूं मैं
सब की खट्टी मीठी यादों का गलियारा हूं मैं।
पूरे वर्ष क्या किया लेखा-जोखा करते सब
नई उमंगे उल्लासित मन
नव वर्ष का स्वागत करने
आतुर है सब
मुझे भी समय दो यारो
मैं भी तुम्हारे बीते समय का हिस्सा हूं
दिसंबर हूं यारों।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
0 टिप्पणियाँ