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मजहब पर शायरी सच्चाई और ईमान पर शायरी नेक कार्य पर शायरी Iman Shayari

Iman Shayari In Hindi

मजहब पर शायरी सच्चाई और ईमान पर शायरी

मजहब पर शायरी सच्चाई और ईमान पर शायरी नेक कार्य पर शायरी Iman Shayari In Hindi

नेक कार्य पर शायरी

सत्य पर शायरी

बेईमान नेता पर शायरी

शहर में वो अकेला नहीं है
क्या वो यादों का मेला नहीं है

वो तो शब्बीर इब्न-ए-अली है
तशना है फिर भी तशना नहीं है

मोमिनो, है वो मासूम असगर
प्यासा हो कर भी प्यासा नहीं है

ये नहीं है यजीदो के जैसा
लोगो को कत्ल करता नहीं है

वो सितम्गर नहीं है, रफीको
खून-ए-मासूम पीता नहीं है

यारो! ला-दीनियत का सेहर अब
इक मुसलमा पे चलता नहीं है

मिल गया है हमें दर्स-ए-इस्लाम
कुफ्रे - दुनिया तो अपना नहीं है

काम लेता है बस सब्र से वो
सब की नजरों से गिरता नहीं है

मिल गया है मुझे दर्स-ए-दीन अब
ये सेहर तन का चलता नहीं है

शायर : डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी,

द्वारा डॉक्टर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडीगढ़ी,डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी हाऊस,डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची-834001

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