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अपनी क़िस्मत की | किस्मत शायरी Kismat Shayari In Hindi नसीब पर शायरी

Kismat Shayari In Hindi-दोस्त किस्मत शायरी

अपनी क़िस्मत की | किस्मत शायरी |Kismat Shayari In Hindi | नसीब पर शायरी

किस्मत की लकीर शायरी

अपनी क़िस्मत की ख़ुदा से कभी नालिश नहीं की,
हमने औकात से बाहर कोई ख़्वाहिश नहीं की।

किस्मत पर सुविचार

अपने पँखों से परिंदा हुआ मज़बूर फ़क़त,
कौन कहता है कि परवाज़ की कोशिश नहीं की।

जितनी चादर थी पसारे उसी में पैर अपने,
हमने ग़ुरबत की कभी अपनी नुमाइश नहीं की।

करते महबूब की दिन रात इबादत जैसे,
अपने माँ बाप की तो ऐसी परस्तिश नहीं की।

रातदिन अपने कसीदे ही पढे हैं तुमने,
ज़िन्दगी में कभी औरों की सताइश नहीं की।

अपने बूते पे ही गिर्दाब से निकले हम तो,
हमने इक बार किसी से भी गुज़ारिश नहीं की।

धूप आई न हवाएँ कभी मेरे घर में,
अब्र ने भी कभी छत पर मेरी बारिश नहीं की।

हर कदम पे हमें अपनों ने ही लूटा यारो,
हमनें दुश्मन के लिए भी कभी साज़िश नहीं की।

राजेश कुमारी राज

किस्मत शायरी Kismat Shayari Status Quotes In Hindi

ग़ज़ल
किस्मत के तारें चमकने वालें है।
सुना है वो तो आने वाले है।।

कई दिन हुये उसको देखा नही रें।
फिर फुटे मुकद्दर जगाने वालें है।।

अबतक देखनें दिखाने में रह गयें।
कल वो दिल की बात बताने वाले है।।

दिल के तिरों को जुडने में वक्त लगे।
अब के मुसिबतों को हटानें वाले है।।

भरोसा बहुत करतें उनकी वफ़ा पर।
वो खुशी के लड्डू बटाने वालें है।।

इन्तेजार का फल मिठा होता सुना।
दिनों बाद हमकों हंसानें वालें है।।

अरमान बहुत हुये के कोई बात बने।
दुरियों के फासलें घटाने वालें है।।

'शहज़ाद' दिल अपना प्रित पराई समझे।
वो रिश्तें में आग लगाने वालें है।।
मजीदबेग मुगल 'शहज़ाद'
हिगणघाट,जि,वर्धा,महाराष्ट्र
8329309229

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