मनक़ब्त दर शाने इमाम अहमद रज़ा खान अलैहिर्रहमा
मनकबत आला हज़रत की शान में
गौसे आज़म की करामत हैं इमाम अहमद रज़ा
ताजदारे अहले सुन्नत हैं इमाम अहमद रज़ा
ताजदारे अहले सुन्नत हैं इमाम अहमद रज़ा
देख कर उन के फतावे इल्म वालों ने कहा
मर्दे मैदाने फ़काहत हैं इमाम अहमद रज़ा
उनकी तस्नीफात की कसरत से होता है अयां
बिलयक़ी कंजे करामत हैं इमाम अहमद रज़ा
कह रहे हैं आशिकाने आला हज़रत झूमकर
नाज़िशे इश्क़-व-मोहब्बत हैं इमाम अहमद रज़ा
कोई माने या न माने ये मेरा ईमान है
आयते अज़ आयाते क़ुदरत हैं इमाम अहमद रज़ा
कामयाबी चाहते हो तो चलो उस राह पर
रहनुमाये राहे जन्नत हैं इमाम अहमद रज़ा
कंजूल ईमां और फतावा रिज़्विया से ये खुला
इल्म की जाने बलाग़त हैं इमाम अहमद रज़ा
तुरबते ताजुशरिया से ये आती है सदा
मेरी इज़ज़त मेरी शोहरत हैं इमाम अहमद रज़ा
मनकबत शायरी हिंदी में
दीने पाके मुस्तफ़ा की आप ने तजदीद की
फख्रे कौमो फख्रे मिल्लत हैं इमाम अहमद रज़ा
फख्रे कौमो फख्रे मिल्लत हैं इमाम अहमद रज़ा
नजदीयों से खौफ क्यों खायेगा वो सुन्नी जनाब
जिस की ताकत जिस की हिम्मत हैं इमाम अहमद रज़ा
कह रहा है अहले बातिल से यही किलके रज़ा
महिए हर शिर्क-व-बिद-अ-त हैं इमाम अहमद रज़ा
बोल उठा "ज़ाहिद रज़ा" उनकी किताबें देख कर
पैकरे रूश्द-व-हिदायत हैं इमाम अहमद रज़ा
मोहम्मद ज़ाहिद रज़ा बनारसी
9451439786
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