What Is Cyber Crime? साइबर सुरक्षा Cyber Crime Kya Hai?
Cybercrime Se Bachne Ke Upay
परिचय
दुनिया जिस तेज रफ्तार से डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रही है उसी रफ्तार से साइबर अपराध के खतरे और नए-नए मामले भी सामने आ रहे हैं। हम सब तकनीकी दुनिया की ओर बड़ी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं हमारे जीवन के तमाम क्षेत्रों में इंटरनेट का दखल बढ़ते जा रहा है। पढ़ना लिखना सोना जागना तमाम चीजों में बस इंटरनेट ही इंटरनेट है। इंटरनेट की वजह से हमारे जीने के तौर तरीके में बहुत बड़ा बदलाव आया है और इसके साथ-साथ अपराध के नए-नए तरीके भी इज़ाद होने लगे हैं।
मौजूदा दौर में दुनिया भर के लोग सोशल नेटवर्किंग (Social Networking Platform)प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस मामले में हिंदुस्तान थोड़ा पीछे है। ग्रामीण इलाकों में यह मसला और भी गंभीर हो जाता है। यहां के लोग सोशल नेटवर्किंग साइट और इंटरनेट का सीधा सीधा इस्तेमाल करना तो जानते हैं लेकिन अगर उनके साथ साइबर क्राइम(Cyber Crime) का कोई मामला आ जाए तो उसके तह तक पहुंचना इनके लिए नामुमकिन सा हो जाता है यह सब जानकारी के अभाव की वजह से है।
आइए इसके बारे में विस्तार से चर्चा करें
साइबर अपराध क्या है?
साइबर क्राइम कई तरह से किया जा सकता है। साइबर क्राइम के जरिए आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स (Social media accounts)ईमेल, जीमेल,(Gmail) वेबसाइट अकाउंट, बैंक सुरक्षा और तमाम तरह के प्लेटफार्म पर सेंधमारी कर सकते हैं और उसको अपने कब्जे में लेकर अपने मन मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसे सामान्य भाषा में हैकिंग(Hacking) कहा जाता है।
कुछ साइबर अपराधी आपके सोशल नेटवर्किंग साइट से आपके डाटा को चुराकर ऑनलाइन(Online) दूसरे साइबर अपराधी को बेच देते हैं बेशक यह भी बहुत बड़ा साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह के साइबर क्राइम (Cyber Crime)में पैसों की ठगी, किसी की व्यक्तिगत डेटा(Personal Data) का गलत उपयोग, क्रेडिट कार्ड् (Credit card)के जरिए पैसे उड़ाना, कंप्यूटर से पर्सनल डाटा हैक करना, फ़िशिंग, बिना अनुमति के वेबसाइट से डाउनलोडिंग, साइबर स्टॉकिंग, वायरस और मॉलवेयर को फैलाना, जैसे अपराधों को शामिल किया जा सकता है। कंप्यूटर रिपेयरिंग शॉप से हर दिन होने वाले पायरेटेड सॉफ्टवेयर का इंस्टॉलेशन (Pirated Software Installation)भी साइबर अपराध की श्रेणी में ही आता है इस पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है।वेबसाइट हैकिंग वायरस फैलाना किसी दूसरे के कंप्यूटर प्रोग्राम में बिना अनुमति के प्रवेश करना है।इस तरह के साइबर क्राइम में आईपीआर को नजरअंदाज करना, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, पोर्नोग्राफी जैसे मामले सामने आते हैं।
सोशल साइट्स का अहम रोल
इसे भी जानना जरूरी
कैसे लगाएं अपनी फेसबुक पोस्ट पर सुरक्षा
यूं तो ज्यादातर साइबरक्राइम ऑनलाइन ही अंजाम दिए जाते हैं लेकिन इसका हमारे भौतिक जीवन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को साइबर क्राइम के लिए फसाना और मानसिक उत्पीड़न साइबर स्टॉकिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बिना अनुमति के लोगों के पास भेजना कई तरह के स्पूफिंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और सोशल साइट के जरिए ऑनलाइन बदनाम करना गंभीर साइबर अपराध है।
अक्सर सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करने वाले लोग साइबर क्राइम के खतरों के प्रति सावधान नहीं रहते हैं और अपनी निजी जानकारियों को साझा करते रहते हैं जिसका सीधा असर उनके ऊपर साइबर क्राइम के हमले के रूप में होता है ज्यादातर सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सर्वर विदेशों में स्थापित हैं जिसके कारण हमेशा यह अंदेशा रहता है के वहां से हमारी निजी जानकारियों को इकट्ठा कर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है अगर कभी ऐसा होता है तो एक साधारण आदमी का वहां तक पहुंचना नामुमकिन हो जाता है और वह कुछ भी नहीं कर पात। बहुत से ऐसे ऐप जिनके जरिए पैसों का का लेनदेन होता है। उनके जरिए भी डाटा का गलत उपयोग होता है। अक्सर इस तरह के ऐप पर कैशबैक ऑफर(Cash Back Offers) और अलग-अलग तरह के ऑफर का लालच देकर कस्टमर के डाटा को कलेक्ट किया जाता है फिर उसको साइबर क्राइम करने वाले के हाथों बेच दिया जाता है। इस प्रकार हर दिन हैकर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी करते रहते हैं।
ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने वाले कई प्रकार के एप के जरिया भी ऐसा किया जा सकता है। साइबर क्रिमिनल ऑनलाइन गेम्स(Online Games) के जरिए बच्चों को क्राइम के लिए प्रेरित करते हैं।
सोशल मीडिया पर एक से अधिक बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना अथवा बार-बार मैसेज करना साइबर क्राइम हो सकता है इसे सजा के दायरे में लिया जा सकता है।
पिछले दिनों महुआ के एक शिक्षक के साथ साइबर क्राइम का मामला सामने आया है। किसी ने इनके नाम फोटो और मोबाइल नंबर का गलत इस्तेमाल करके फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बना लिया था। इस फर्जी अकाउंट(Fack Account) के जरिए लोगों से चैटिंग करने के बाद पैसे की डिमांड करता था।
बच्चों के हाथों में न रहने से अधिक देर तक मोबाइल फोन साथ ही बड़ों को देखना चाहिए कि बच्चे सोशल साइट पर क्या देखते हैं।
हिंदुस्तान में साइबर क्राइम के मामले में झारखंड का जामताड़ा बहुत मशहूर है।
यहां के कुछ लड़कों ने ऑनलाइन लॉटरी खेलना शुरू किया जिसकी वजह से उन्हें मोबाइल के सभी फंक्शन को अच्छी तरह से समझने का मौका मिला। इस तरह वो इतना सीख गए कि दूसरे के मोबाइल का बैलेंस अपने मोबाइल पर कैसे ट्रांसफर किया जाए और वह ऐसा करने लगे। इस काम में उन्हें बेहद मजा आया। लेकिन बहुत दिनों तक ऐसा करते-करते वह ऊब गए और उन्होंने सोचा कि अब कोई बड़ा गेम खेला जाए और ज्यादा पैसा कमाया जाए।इस तरह उन्होंने बैंकों में जमा लोगों के पैसे उड़ाने की सोचीं। उन्होंने सोचा कि हम बैंक एग्जीक्यूटिव बन कर लोगों से बात करेंगे और अपने मकसद को अंजाम देंगे लेकिन कम पढ़े लिखे होने की वजह से और अंग्रेजी न जानने की वजह से उन्हें अपना मकसद नाकाम होते दिखाई दिया। तब उन्होंने बैंक एग्जीक्यूटिव(Bank Executive) को फोन लगाकर घंटों बात करना शुरू किया और प्रैक्टिस किया कि सचमुच एक बैंक एग्जीक्यूटिव लोगों से किस तरह से बात करते हैं। वह धीरे-धीरे इस फन को भी जान गया फिर वह अपने मकसद को अंजाम देने लगे। कुछ ही दिनों में इनकी गरीबी दूर हो गई और यह काफी चमक-दमक वाली जिंदगी बिताने लगे इन्हें देखकर गांव के दूसरे बेरोजगार लोग भी इस काम में जुट गए।यहां के दो गांव नारायणपुर और कर्माटाढ़ को साइबर क्राइम का गढ़ माना जाता है। ऑनलाइन ठगी के सबसे ज्यादा मामले इन्हीं दो गांव से संबंधित हैं। वैसे तो पूरा का पूरा जामताड़ा ऑनलाइन ठगी के धंधे में लगा हुआ है लेकिन यहां के दो गांव का नाम सबसे ज्यादा उजागर हुआ है इसकी एक वजह यह है कि पूरे जामताड़ा में यही दो गांव हैं जहां पर मोबाइल टावर लगाए गए हैं जिसके कारण वहाँ पर दूसरे गांव के साइबर क्राइम करने वाले लोग भी वहीं जाकर क्राइम करना पसंद करते हैं ताकि नेटवर्क संबंधी कोई समस्या उत्पन्न ना हो। इस गांव से साइबर अपराधी पूरे हिंदुस्तान में ऑनलाइन ठगी का धंधा चलाते हैं। साइबर अपराधी खुद को बैंक एग्जीक्यूटिव बता कर लोगों से बात करते हैं और बातों में उलझा कर उनसे बैंक डिटेल और ओटीपी प्राप्त कर लेते हैं और लोगों के पैसे झटपट गायब कर देते हैं।
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