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हाथी आया, हाथी आया : हाथी पर कविता Poem on Elephant Hindi

हाथी आया, हाथी आया : हाथी पर कविता

हाथी


सब बच्चों ने शोर मचाया।
हाथी आया, हाथी आया।

सूंड है कितनी लम्बी इसकी।
पूंछ है कितनी छोटी इसकी। 

कान हैं इसके पंखों जैसे।
नैन हैं इसके कंचों जैसे।

बाहर लम्बे दांत हैं इसके।
भीतर छोटे दांत हैं इसके।

भारी-भारी पांव धरे है।
चुपके-चुपके ईख चरे है।

मटके जैसा पेट है इसका।
यूं ही ऊंचा रेट है इसका।

पर्वत जैसी काली छाया।
देखके इसकी ऊंची काया।

सब बच्चों न शोर मचाया।
हाथी आया हाथी आया।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ प्रा.वि.
आदोनगली ब्लॉक भगतपुर 
टांडा जनपद मुरादाबाद (उ.प्र.)

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