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अपना मोबाइल कितना सुन्दर : मोबाइल फोन पर कविता Mobile Phone Par Kavita

अपना मोबाइल कितना सुन्दर : मोबाइल फोन पर कविता


Mobile Phone Par Kavita

मोबाइल


सैर कराए जग की फर-फर।
अपना मोबाइल कितना सुन्दर।

ताल,तलैया,नदियां,सागर।
पर्वत हों या धरती अम्बर।
पल में दिखाए सारे मन्ज़र।
अपना मोबाइल कितना सुन्दर।

पेड़ पे लटके काले बन्दर।
दानव हों या मस्त कलन्दर।
दिखलाता है सब की पिक्चर।
अपना मोबाइल कितना सुन्दर।

भाग,गुणा,अंकों का अन्तर।
योग हो या प्रश्नों का गठ्ठर।
झटपट देता सब के उत्तर।
अपना मोबाइल कितना सुन्दर। 

सैर कराए जग की फर-फर।
अपना मोबाइल कितना सुन्दर। 

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ प्रा.वि.
आदोनगली ,ब्लॉक-भगतपुर 
टांडा,जनपद-मुरादाबाद (उ.प्र.)

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