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कर्म ही पूजा है - कविता Karm Hi Puja Hai - Kavita

कर्म ही पूजा है

(कविता)

नाम लेकर भगवान का शुरू करे हर काम,
मन को मिलेगी चैन, तन पाएगा आराम।
यह जीवन कर्म प्रधान है, करें अपने कर्म,
अपने आप हो जाएगा सच्चे कर्म से धर्म।
दूजे से जो चाहिए, हम करें वो व्यवहार,
बिन मांगे मिलेगा, उस आदमी से प्यार।
प्यार एक वरदान है, घृणा एक अभिशाप,
एक नहीं तो दूजा, आता है अपने आप।
अच्छे कर्मों पर भरोसा करता जो इंसान,
पास उसके खुद खींचे चले आते भगवान।
जिंदगी एक जंग है, माननी नहीं है हार,
चुनौतियों से निपटने को, रहना है तैयार।
धर्म और कर्म में रिश्ता होता बड़ा अटूट,
अबतक दोनों के बीच, पड़ी कभी न फूट।
भक्ति और शक्ति का शुरू से रहा साथ,
एक के हाथ में, दूसरे का रहता है हाथ।
प्रभु कहते कर्म करो, फल छोड़ो इंसान,
याद रखो मन में, गीता के पावन ज्ञान।
धर्म कर्म के नाम पर, मचाता जो लूट,
जल्दी ही भगवान जाते हैं उससे रूठ।
किसी व्यक्ति में यदि आ जाए अहंकार,
छा जाता उसके जीवन में घोर अंधकार।
धर्म कर्म साथ हैं, परंतु अलग पहचान,
मनुष्य को करना है, दोनों का सम्मान।
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

कर्म का महत्व

(कविता)

जो कर्म करता है अच्छा, पाता है प्यार,
बैठे बैठे उसे मिल जाते, सारे अधिकार।
जो इंसान कर्म विमुख रहता दुनिया में,
बार बार उसे सहना पड़ता है तिरस्कार।
कर्मवीर के पीछे, यह दुनिया भागती है,
उसका हर जगह होता है आदर सत्कार।
जो कर्म करता है……….
महत्व कर्म का होता है, इंसान का नहीं,
सफलता का भी कर्म ही होता है आधार।
कर्म किसी से, धर्म जाति नहीं पूछता है,
कर्म के सामने, ये सारी बातें हैं बेकार।
जो दिल से, अपने सुकर्म करता है कहीं,
उसके रास्ते से, भाग जाता है अंधकार।
जो कर्म करता है…………….
जिसे धर्म नहीं बदल पाता चाहकर भी,
कर्म के आगे वह डाल देता है हथियार।
हर धर्म का है, अच्छे कर्मों में भरोसा,
इससे कोई कौन कर सकता है इंकार?
धर्म और शर्म, बाधा न बने कर्म हेतु,
जग में होता है ऐसा सामान्य विचार।
जो कर्म करता है…………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

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