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डमरु घनाक्षरी : वार्णिक छंद | Damru Ganachari

डमरु घनाक्षरी | Damru Ganachari


वार्णिक छंद,सभी वर्ण लघु
विधा-8,8,8,8
विषय- कृष्ण लीला

नटवर मनहर,अवतरण मदन।
जग तम घट- घट, अनवरत सघन।
लखत -लखत जग, सजल नयन भर ।
छम- छम बरसत ,घट -घट जल भर।

चपल -चपल तव, बनत-बनत नट।
करत -करत नव, करतब नटखट।
धमक -धमक जब ,तमचर दलवल।
पकड़ -पकड़ धर ,दलबल बहबल।

धधक- धधक कर, नयन अनल‌ भर।
पटक-पटक कर, मरदन तमचर।
उड़त-उड़त तब, रजकण नभ भर।
दमन-शमन कर, पथ चल भय हर।

हसत-हसत कर, नटखट नटवर।
मटक-मटक कर, डगर-डगर पर।
पकड़ पटक कर, झटपट छछ घट।
लचकत करधन, बहकत छटपट।

ललिता कश्यप जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

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