भक्ति गीत : हनुमान जी हिंदी पर कृपा करो
“जय जय श्रीराम, जय बजरंगबली हनुमान,
संकटमोचन नाम से होती, आपकी पहचान।”
हे महावीर हनुमान, हिंदी भाषा पर कृपा करो,
पवनसुत महाराज, इस पर एकबार दया करो।
अबतक राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी है देश की,
राजभाषा से आगे बढ़ने में थोड़ी मदद करो।
हे महावीर हनुमान………….
हिंदी भाषा में ही रचित है, हनुमान चालीसा,
फिर भी इसको सता रही है घनघोर निराशा।
भगवान श्रीराम का आशीर्वाद, दिला दो आप,
हिंदी प्रेमियों की विनती है, कुछ विचार करो।
हे महावीर हनुमान……………
कब से भारत में आया, राम भक्तों का राज,
फिर भी दूर लगता है हिंदी के सिर से ताज।
आपके लिए तो, यह एक साधारण विषय है,
सरकार को शक्ति दो, अब तो यह कष्ट हरो।
हे महावीर हनुमान…………..
बहुत दुखद लगती है हिंदी भाषा की कहानी,
नेताओं ने खूब की है इसके साथ मनमानी।
विशेष कर दक्षिण भारत को सद्बुद्धि देना,
गंभीरता से विचार करके, इसकी पुकार सुनो।
हे महावीर हनुमान……………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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