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मणिपुर में नारी पर अत्याचार

मणिपुर में नारी पर अत्याचार

दिनांक : 22 जुलाई, 2023
दिवा : शनिवार

Manipur Mein Nari Par Atyachar


जिस नारी को कहते दुर्गा लक्ष्मी,
उस नारी पर ही अत्याचार हुआ।

जो नारी आचरण यह सिखाती,
उस आचरण पर यह वार हुआ।।

किया था जो निर्वस्त्र नारी को,
बेहयता से जिसको प्यार हुआ।

हर मर्यादाएं ही हुईं अमर्यादित,
शर्म भी आज ये शर्मसार हुआ।।

जिस नारी को तू निर्वस्त्र किया,
तुम्हारे घर भी तो वैसी नारी थी।

बाहरी नारी तुझे मिली कमजोर,
घर की नारी क्या तुमपे भारी थी।।

एक नारी ने आचरण सिखाया,
दूसरी नारी पर यह अत्याचार।

समाज में नहीं जीने के काबिल,
मानवता पर तू ने किया है वार।।

नादान नहीं इंसान नहीं तुम,
मानव में राक्षस रूपी हैवान हो।

मानव पुत्र होकर मानव का ही,
करते भारी तुम तो अपमान हो।।

अंग भंग करना सजा थी तेरी,
पर भारत में ऐसा विधान नहीं।

इससे बड़ी सजा अब मिलेगी,
कहीं मिल सकता सम्मान नहीं।।

पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

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