कलियुग में महाभारत | कलियुग में महाभारत
विषय : कलियुग में महाभारत
दिनांक : 23 जुलाई, 2023
दिवा : रविवार
कलियुग में महाभारत
कलियुग में भी द्वापर आया,
कलियुग ले चुका है महारत।
पहुंच चुके हैं पाण्डव कौरव,
आरंभ होने को है महाभारत।।
द्वापर में तो षड्यंत्र रचा था,
अर्जुन को ले गए बहुत दूर।
किशोर अभिमन्यु पे टूट पड़े,
कौरव जयद्रथ संग भरपूर।।
आज अर्जुन मैदान में डटा है,
अभिमन्यु अभी बाहर खड़ा।
अर्जुन आज ललकार रहा है,
आज मैदान ए जंग मैं अड़ा।।
कृष्ण अभी तो दिख न रहे हैं,
कौरव हैं उधर पाण्डव इधर।
हे कृष्ण अब तुम तो बता दो,
तुम रहनेवाले हो आज किधर।।
युद्ध हेतु बिगुल बजा नहीं है,
दोनों दल बिगुल के इंतजार में।
दोनों दल हैं लड़ने को उत्सुक,
आमने सामने अपनी कतार में।।
यह जीत हार तो तुम्हें है देना,
जंग होंगी तलवारों की धार में।
आज जंग की है बड़ी चुनौती,
आज जंग भी बीच मझधार में।।
भीष्म पितामह हैं आगे आगे,
दुर्योधन दुशासन पीछे खड़े हैं।
दोनों दल राजनीति में माहिर,
कौरव पक्ष भी धुरंधर बड़े हैं।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।
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