बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद का जन्म दिन एक साथ
जन्म दिवस पर दो सितारों को साथ नमन
(भारत के वीर)
आइए साथियों, करते हैं आज दो सितारों को एक साथ नमन,
आज इन दोनों वीरों का जन्म दिवस है, महक उठा है गुलशन।
एक बाल गंगाधर तिलक, दूजे चंद्रशेखर आजाद का जन्म दिन,
२३ जुलाई का इंतजार किया करता है सदा, भारत का आजाद चमन।
आइए साथियों………………
ये दोनों ही सपूत थे, शेर दिल और देश की आजादी के दिल से दीवाने,
दोनों ने मातृभूमि की माटी को, मान लिया था माथे का चंदन।
तिलक की ललकार, हमारी आजादी है हमारा जन्मसिद्ध अधिकार,
दी थी आजाद ने गोरों को जिंदा पकड़ने की चुनौती, सर पे कफ़न।
आइए साथियों………….
23जुलाई 1856 को, चिखली महाराष्ट्र में जन्म तिलक जी का,
23 जुलाई 1906 को, भांवरा एम पी में आजाद का अभिनंदन।
तिलक ने घर बसाया, परन्तु आजाद की आजादी बनी दुल्हन,
विद्वान् तिलक समाज सुधारक, आजाद हुए आग संग मग्न।
आइए साथियों……………..
दोनों रहे अंग्रेजी सरकार के निशाने पर हमेशा जीवन भर,
गोरे समझते रहे दोनों महावीरों को आजीवन अपने दुश्मन।
तिलक को आजादी की पुस्तकें प्यारी, आजाद को पिस्तौल पर मन,
आजादी छीनकर लेने में विश्वास दोनों का, नहीं कोई उलझन।
आइए साथियों……………
दोनों के इतिहास के शोलों से हर भारतीय का खून खौलता है,
दोनों की जीवनी संवारती है आज, हर भारतीय का जीवन।
तिलक जी बार बार जेल गए, चाहत थी फटाफट आजाद वतन,
आजाद ने खुद शहादत दी अपनी, था हुआ तिलक का बाद निधन।
आइए साथियों…………..
इन दोनों सितारों की चमक और तेज से सूरज भी हार जाएगा,
सपने में आजादी रही, वतन के लिए तैयार सदा तन और मन।
इन दीवानों की कहानी से, देश हमेशा ऊर्जा पाता रहेगा,
जीवन हो तो ऐसा जीवन, जो मिट जाए करते वतन वंदन।
आइए साथियों…………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
0 टिप्पणियाँ