परिवर्तन विकास का मंत्र है : प्रेरणादायक हिंदी कविता
विषय : परिवर्तन विकास का मंत्र है।
दिनांक : 29 मई, 2023
दिवा : सोमवार
जहां का शासन प्रजातंत्र है,
जहां शोभित आधुनिक यंत्र है,
वह राष्ट्र भाग्यवान होता यारों,
जहां परिवर्तन विकास मंत्र है।
देशद्रोही रहें जहां जल जलकर,
जीवन जीते हाथ मल मलकर,
पीछे भागते हैं जो कल कलकर,
उल्टे चलते हैं जो छल छलकर।
कलम चलती कभी रुकती नहीं,
किसी के समक्ष जो झुकती नहीं,
टूट जाती हैं चलते चलते कलमें,
सत्कार करने में भी चूकती नहीं।
सभ्य शिष्ट दया उपकार है जहां,
सबको मिलता हो सत्कार जहां,
नहीं सीखा हो जिसने हार जहां,
सदा बरसता रहता प्यार जहां।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।
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