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मोदी का है जमाना हिंदी कविता | Modi Ka Hai Zamana : Hindi Kavita

मोदी का है जमाना हिंदी कविता | Modi Ka Hai Zamana : Hindi Kavita

मोदी का है जमाना हिंदी कविता | Modi Ka Zamana Hai : Hindi Kavita

मोदी का है जमाना

(कविता)
“प्रधान मंत्री बने, पूरे हो गए हैं नौ साल,
सारे जग में पेश की है एक नई मिसाल।
रूस और अमेरिका को भी नहीं रहा शंका,
सारी दुनिया में बज रहा भारत का डंका।”

कोई माने या न माने, दुनिया ने माना,
सच तो यही है कि मोदी का है जमाना।
जहां भी जाते, मोदी मोदी के नारे लगते,
जैसे हर कोई लगता, मोदी का दीवाना।
कोई माने या न माने………

किसी को नहीं रही अब मोदी पर शंका,
दुनिया में बज रहा अब भारत का डंका।
रूस और अमेरिका भी बच नहीं सके हैं,
दुश्मन चीन ने भी मोदी का लोहा माना।
कोई माने या न माने………

सपने में भी नाम लेकर दुनिया है हैरान,
नींद नहीं आती है और रोता पाकिस्तान।
लोग कितनी भी कोशिश कर रहे हैं कहीं,
पर मोदी के आगे चलता नहीं है बहाना।
कोई माने या न माने……….

गजब की लगती है देश की विदेश नीति,
दुश्मनी गायब और नाचती है गाती प्रीति।
न कोई कहीं खास लगता है मोदीजी का,
न मोदीजी ही समझते किसी को बेगाना।
कोई माने या न माने……….

कोई कुछ भी बोले व्यक्तित्व है असरदार,
जहां भी जाते हैं, स्वागत होता है जोरदार।
नाप सके जो मोदी की ऊंचाई या गहराई,
दुनिया में ऐसा कहीं दिखता नहीं पैमाना।
कोई माने या न माने……….

आज की दौर में मोदीजी इतने हैं सफल,
जहां जाते हैं रेत पर खिला रहे हैं कमल।
आत्मविश्वास से वे लबरेज रहते हैं हमेशा,
वे दुश्मनों से भी जानते हैं दोस्ती निभाना।
कोई माने या न माने…………

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

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