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हिन्दी भाषा : दोहे | Hindi Bhasha Dohe

हिन्दी भाषा : दोहे | Hindi Bhasha Dohe

दोहे
हिन्दी भाषा
हिंदी भाषा मोहिनी, वर्ण माल चित चोर।
सरल सुलभ सी रागिनी, हस्त कलम की डोर।।

घोले हिंदी कान में,शहद मधुर रस धार।
शब्द -शब्द सी वारिणी, कोमल कंचन सार।।

हिंदी सुमधुर भाष है, मलय गंध सुख धाम।
पर हिय सुख की दायिनी, शीतल सुख वर दाम।।

भाषा निज मत त्यागिए, रखिए इसका मान।
गौरव इसका जानिए, यह भारत की शान।।

हिंदी दुर्लभ कोष है, वर्ण ग्रंथ की शान।
सरस सुधा सा ज्ञान है। अतुलित दिनकर भान।।

ललिता कश्यप जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश।

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