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एम.पी. की प्रसिद्ध लेखिका एवं रिपोर्टर आ. प्रतिभा जैन जी का साक्षात्कार शिखा गोस्वामी द्वारा

एम.पी. की प्रसिद्ध लेखिका एवं रिपोर्टर आ. प्रतिभा जैन जी का साक्षात्कार शिखा गोस्वामी द्वारा

मध्यप्रदेश के छोटे से गाँव टीकमगढ़ में जन्मी प्रतिभा जी बचपन से ही साहित्य में रुचि रखती थी और इसी रुचि की बदौलत आज वे एक सफल लेखिका एवं रिपोर्टर बन गयी है। आज हम जानते है किस तरह एक छोटे से गाँव से निकलकर उन्होंने अपनी पहचान बनाई और रिपोर्टर बनने तक के उनके सफर के बारे में। 25 जुलाई को उनके जन्मदिवस के अवसर पर प्रस्तुत है हमारी खास बातचीत के कुछ प्रमुख अंश-

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प्रतिभा जी, आपने कविता लेखन की शुरुआत कब से की?

-- क्लास 8 से। उस टाइम कविता क्या होती है , हम जानते भी नहीं थे बस जो मन में आता था, उल्टा - सीधा लिख देती थी।

अपने निजी जीवन के बारे में कुछ बताना चाहेंगी?

-- जी हां,हम एक मिडिल फैमिली और उस गांव से है जहां कुछ भी चीज़े आसानी से नहीं मिलती है। न ही अच्छी पढ़ाई, न ही अच्छे स्कूल और टीचर के बारे में क्या बोलूं,आधे टाइम से ज्यादा वो अपने काम में बिजी रहते है। बाकी टाइम स्कूल में सिर्फ दोस्तों से बातें करने आते। कोई सामान लेना या 8 th के बाद पढ़ना हो तो दूसरे गांव या 30 किमी शहर जाना होता है। साहित्य क्या होता है, किसी को इसकी जानकारी नहीं है। मैं लिखती थी, पर कहा लिखना है, इसका पता भी हमे 2 साल पहले एक रिलेटेड के द्वारा मिला। उस ऐप से आज हम इतना कुछ लिख और दूसरो को पढ़ पाते हैं।


आज आप एक नामी लेखिका, कवियित्री एवं रिपोर्टर बन गई हैं, तो स्वयं को किस तरह देखती हैं?

-- मेंरे नाम के आगे लेखिका, कवियित्री, रिपोर्टर सब दोस्त खुशी से लिख देते है, पर आज भी मैं सबके लिऐ वही प्रतिभा हूं,जो पहले थी।


पुराने जमाने के साहित्य और आज के साहित्य में क्या अंतर पाती है आप?

-- पुराने साहित्यकार को मैं दिल से सलाम करती हूं।उनकी मेहनत असली मेहनत थी।जो दिन - रात साहित्य को लिखते थे। पढ़ते थे।

आज के साहित्यकार सिर्फ दूसरो की मेहनत को अपना नाम और पहचान देते है। मैं ऐसे बहुत से साहित्यकार को जानती हूं, जो दूसरों की मेहनत को अपना नाम और पहचान देकर रचना प्रकाशित करा लेते है।


लेखन के अलावा और किसमें रुचि है आपकी?

-- लव स्टोरी पढ़ने में, घूमने में और टीचिंग में।

आगे क्या करने की योजना है अभी आपकी?

-- एक अच्छी लेखिका और कॉलेज में प्रोफेसर बनने की।

तो आपके हिसाब से आपकी सबसे पहली कविता कौन सी है और तब आपकी उम्र क्या थी?

-- मेरी पहली कविता मैं भूली नहीं हूं। उस समय मेरी उम्र 20 थी।

इतने छोटे से गाँव से लेकर लेखिका बनने तक के सफर में क्या परेशानियां आयी?

-- बहुत परेशानी आई आज भी उन परेशानी का शिकार हूं? क्योंकि गांव में कोई बड़े स्कूल नहीं इसलिए बड़े और अच्छे लेखक की रचना पढ़ने को कम मिली। हिंदी बोलने लिखने में बहुत परेशानी आती है। मै आज भी कुछ शब्दों को सही लिखने में परेशानी आती है।

आजकल हर क्षेत्र में लड़कियों ने इतिहास रच डाला है, लेकिन फिर भी लड़कियों को ज्यादातर ऐसे काम करने से रोका जाता है, जिसमें रिस्क ज्यादा हो। इस बारे में आपकी क्या रॉय है?

-- जी, बिल्कुल किसी भी क्षेत्र में लड़कियां कम नहीं फिर भी इसलिए रोका जाता है क्योंकि सभी लोग चाहते की लड़कियां यदि आगे बढ़ना चाहती है तो घर -परिवार को साथ ले कर चले इसलिए लड़कियों को रिस्क वाले काम से रोका जाता है।

साहित्य के क्षेत्र में आगे कैसे बढ़ा जा सकता है, नवलेखको को कोई संदेश देंगी?

-- जी साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने से पहले नवलेखको को साहित्य पढ़ने की हैबिट होने चाहिएं।आज -कल के लेखकों को कोई अपडेट पता नहीं होता, बस ग्रुप में 10 से 20 लेखकों ने एक ही विषय पर लिखा, तो किसी के कुछ वर्ड चुराया, तो किसी की कोई लाइन और अपनी रचना तैयार कर ली। इस हैबिट को छोड़ना होगा तभी साहित्य आगे बड़ सकता है।

ऐसी कौन सी बात है जो आपको अच्छी नही लगती?

-कोई भी रचना या कोई बात आधी सुन कर रिप्लाई देना।

आपको लेखन की प्रेरणा कहाँ से मिली?

-- महादेवी वर्मा जी की रचना से।

आज आप लेखक के तौर पर खूब नाम कमा चुकी है, तो आप किन साहित्यकारों को अपना गुरु मानती है?

-- आ.श्याम सर,रजनी दीदी,कीर्ति दीदी, प्रियंका जी,शिखा जी।

वर्तमान में आप किन कार्यो में व्यस्त हैं और घर के साथ ही काम कैसे मैनेज कर लेती है?

-- वर्तमान में हम घर पर ही छोटे बच्चों की कोचिंग क्लास चला रहे है। मेरी कोचिंग क्लास का समय 1से 4 बजे तक है।इसलिए आराम से मैनेज हो जाता है।

वे कौन से लोग है , जो आपकी उपलब्धियों से बहुत खुश होते हैं?

-- मेरी फैमिली एंड दोस्त।

अपने परिवार के बारे में कुछ बताएं?

-- मेरा परिवार गांव में ही रहता है और सभी का स्वभाव बहुत ही अच्छा है। मेरी फैमिली की कोशिश रहती है। जितनी हो सके, मेरी लेखन कार्य में हेल्प करते है।

साहित्य के क्षेत्र में अबतक कितने सम्मान प्राप्त हो चुके हैं आपको?और इनमें सबसे खास कौन सम्मान है?

-- 150 सम्मान से सम्मानित हूं। मेरे एक नहीं दो अभी तक खास सम्मान है। एक भारत माता और दूसरा हिन्दी साहित्य सम्मान। 


आपके दिल के करीब कौन से कविता है जो आपने खुद लिखी हो?

-- सारी कविता हमनें ही लिखी है तो मेरी लिए तो सभी ख़ास हैं पर ये तो आपकी नज़र में देखना है कि मेरी ख़ास कविता का अवॉर्ड किस कविता को जाता है।

आप किन-किन विधाओं में लेखन करती है?

--कविता,कहानी, लघु कथा, समीक्षा आदि।

ऐसा कोई सपना जो अब तक पुरा ना हुआ हो और जिसे आप पुरा करना चाहती हो?

-- अपनी लिखी कहानी,नोबल पर फिल्म बनाना चाहती हूँ।

साहित्य के क्षेत्र में आने के बाद, नाम पहचान मिलने के बाद कैसा लगता है आपको?

-- बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। बहुत ख़ुशी मिलती है और मानसिक संतोष भी मिलता है।

आपकी पहली रचना जो अख़बार में आयी हो, वह कब आयी और आप कैसे रिपोर्टर बनी?

-- रीना की शादी मेरी पहली रचना थी।29/9/2021 को अमृत राजस्थान जयपुर में प्रकाशित हुई थी, फिर बहुत सारे न्यूजपेपर ने स्थान मिला।सभी को रचना पसंद आने लगी।फिर धीरे -धीरे ग्वालियर किरण न्यूजपेपर के संपादक से बात हुई और रिपोर्टर बनाने का अवसर प्राप्त हुआ।

शिखा गोस्वामी की बातचीत लेखिका आ. प्रतिभा जी से।

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